छत्तीसगढ़

पंचायती राज अधिनियम को ताक में रखकर सरपंच प्रतिनिधि, पंचायत के कामकाजों में कर रहे दखलंदाजी

 

सरपंच प्रतिनिधियों की हस्तक्षेप नीति पंचायत सिस्टम के लिए खतरनाक

 छत्तीसगढ़ बेरला :- स्थानीय जनपद पंचायत बेरला में अंतर्गत ग्राम पंचायतों में एक नया मामला इनदिनों सुर्खियां में है।जिसके तहत जनपद के कई पंचायतों में सरपँच प्रतिनिधियों द्वारा पंचायतीराज अधिनियम की खूब अवहेलना कर प्रशासनिक सिस्टम व ताने-बाने को बिगाड़ रहे है।स्थानीय स्तर पर कई पंचायत क्षेत्र के सूत्र बताते है, कि महिला सरपंचों के यहां पंचायतों में सरपँच प्रतिनिधियों का बोलबाला व खासा प्रभाव है।जिसका पंचायत कार्य में सिस्टम व व्यवस्था को ताक में रखकर पद का दुरूपयोग किया जा रहा है।उल्लेखनीय है, कि विगत ग्रामीण निकाय की चुनाव में आरक्षणवश ग्राम पंचायत की प्रधान के रूप में महिला सरपंच निर्वाचित होने के बावजूद उनके कामकाजों को सरपंच पति व प्रतिनिधि देख रहे है एवं हस्तक्षेप कर पंचायती राज व्यवस्था को चोटकर नुकसान पहुंचा रहे है।जिसका खासा असर पंचायत के कामकाजों व विकासकार्यों में भी देखने को मिल रहा है।जिससे आम नागरिक काफी परेशान है।क्योंकि पंचायत की जिम्मेवारी महिला सरपँच को दिए जाने के बावजूद उनके प्रतिनिधि अधिकारों का हनन कर उनके फैसले खुद ले रहे है तो वही बैठकों में भी शामिल हो रहे है।जो पंचायती राज व्यवस्था व उनके अधिकारों के सख्त खिलाफ है।जिस पर जिम्मेदार अफसर व जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की दरकार है।

इस सम्बंध में सरपंच संघ बेरला जनपद की अध्यक्ष ममता वर्मा ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के तहत चुने हुए महिला सरपंच को अपना निर्णय लेने व पंचायत का कामकाज सम्भालने का स्वतः अधिकार है।वैसे भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में है।हमारे जनपद क्षेत्र में अभी सरपंच प्रतिनिधियों की पंचायत में दखलंदाजी का मामला नही आया है।अगर भविष्य में ऐसा मामला प्रकाश में आएगा तो निश्चय ही सरपंच संघ बेरला की ओर से उचित कार्यवाही उक्त पंचायत के सरपँच व प्रतिनिधियों को कार्यवाही की जाएगी।”
ममता वर्मा
(सरपंच-ग्राम पंचायत हथपान/अध्यक्ष-सरपंच संघ बेरला जनपद)

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