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पेट्रोल-डीजल में लगातार बढ़ोतरी पर सफाई देते हुए पेट्रोलियम मंत्री का जवाब, Petroleum Minister’s reply clarifying the steady increase in petrol and diesel

पेट्रोल-डीजल में लगातार बढ़ोतरी पर सफाई देते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार सरकार के पास पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला टैक्स को घटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। क्योंकि कीमतों में फेरबदल अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती है और यह पेट्रोलियम कंपनियां ही तय कर कर रही हैं। राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पिछले 300 दिनों को देख लें तो लगभग 60 दिनों तक मूल्‍यों में वृद्धि की गई है। लगभग 250 दिनों तक हमनें न को कीमतों को बढ़ाया और न ही घटाया है। हमनें 7 दिन तक पेट्रोल और 21 दिन तक डीजल की कीमतों को घटाया है। उन्होंने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि देश में ईंधन का दाम सर्वकालिक ऊंचाई पर है। पिछले एक साल में पेट्रोल की कीमत करीब 18 रुपये लीटर बढ़ गई है। बुधवार को दिल्ली में बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल का दाम रिकॉर्ड 87.60 रुपये लीटर हो गया। पिछले सप्ताह धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यभा में बताया था कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर प्रति लीटर 32.98 रुपये एक्साइज ड्यूटी वसूलती है, इसके बाद राज्य सरकारें VAT के रूप में 19.55 रुपये टैक्स लगाती हैं। डीजल पर केंद्र सरकार प्रति लीटर 31.83 रुपये एक्साइज ड्यूटी वसूलती है और राज्य सरकारें VAT के रूप में 10.99 रुपये टैक्स लगाती हैं। उधर, दुनियाभर में कोरोना वायरस वैक्सीन आने से और टीकाकरण शुरू होने से तेल की मांग बढ़ी है, जिसकी वजह से सोमवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें पिछले 1 साल में पहली बार 60 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई। आज पेट्रोल की कीमत में 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई। इस बढ़ोतरी के साथ ही दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 87.60 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 94.12 रुपये प्रति लीटर हो गई। दिल्ली में डीजल की कीमत बढ़कर 77.73 रुपये प्रति लीटर हो गई और मुंबई में कीमत 84.63 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले एक साल में पहली बार 61 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई है। राज्यसभा में सवालों के जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि केंद्र ने उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है और राज्यों ने मूल्य वर्धित कर (वैट) बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी कीमतों में कमी की है। मंत्री ने सदन को बताया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को क्रमशः जून 2010 और अक्टूबर 2014 में बाजार-निर्धारित किया गया है ।

 

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