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व्यक्ति कुछ ट्राफिक नियमों का पालन करके खुद को और दूसरों को रख सकते हैं सुरक्षित, Individuals can keep themselves and others safe by following certain traffic rules

दुर्ग /  राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में आज जागरूकता कार्यक्रम में हरीश कुमार अवस्थी विशेष न्यायाधीश, श्रीमती शुभ्रा पचैरी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं डॉ.् ममता भोजवानी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उपस्थित होकर बताया कि भारत में यातायात के संकेत का पालन करना अतिआवश्यक है । इससे सड़क दुर्घटना से बचा जा सकता है। आजकल छोटे बच्चे भी ड्राइविंग करते है, उन्हे यातायात के नियम की ना तो समझ होती है, ना ही वो उसका पालन करना चाहते है। वे तो बस आगे निकलने की दौड़ मे शामिल होते है। कुछ साधारण यातायात के नियम है, जिनका पालन करके हम हमारे यातायात को बेहतर बना सकते है। अपने वाहन की पार्किंग का ध्यान रखे. अपने वाहन की पार्किंग इस तरह से ना करे कि वह दूसरों के लिए मुश्किल बन जाए। आप थोड़े समय के लिए भी पार्किंग करना चाहेए तब भी सही जगह पर ही करेए ताकि दूसरों को कोई दिक्कत ना हो। सड़क पर ड्राइव करते समय ओवेरटेक ना करें. जब भी आप ड्राइव करते हैए तो किसी से रेस ना लगाए। यह जरूरी नही कि कोई आपसे आगे निकल गयाए तो आप भी उससे आगे निकले और यातायात के नियम को तोड़े, अगर आप यातायात के नियम का पालन करते हुये गाड़ी चलाते है तो यह आपके साथ-साथ दूसरों के लिए भी अच्छा होगा। बहुत ज्यादा और लगातार हॉर्न का उपयोग न करें- अगर आप लगातार हॉर्न बजाते है तो इसका मतलब यह नही कि आगे लगा हुआ जाम जल्दी क्लियर हो जाएगा। इससे सिर्फ सामने वाले व्यक्ति पर दबाव बनता है और ध्वनि प्रदूषण फैलता है। इससे अच्छा होगा कि आप थोड़ा इंतजार करे और सामने वाले को निकलने का मौका दे। एक तरफ ा रोड- जब आप एक तरफा रोड मे होते है, तो उसे फॉलो करे तथा उसे तोड़े नही। यह कुछ दूरी के लिए होता है। यह ड्राईवर की सुविधा के लिए ही बना होता है तो इसे फॉलो करे। अगर कोई अपना समय को बचाने की उम्मीद से गलत साइड में चलता है तो वह अपने साथ. साथ दूसरों का भी समय खराब करता है। लेन अनुशासन- अगर आप किसी लेन मे हो तो उसे फॉलो करे। बिना किसी अनुदेश के लेन को तोड नही अगर कोई व्यक्ति आपने समय को बचाने की दृष्टि से लेन को तोड़ता है तो वह आने वाले की वाहनो को प्रभावित करता है। यू.टर्न . यह ध्यान रखिए की यू.टर्न ड्राईवर का अधिकार नही है । यह बस ड्राईवर की सुविधा के लिए बना होता है। जब भी आप यू.टर्न पर हो तो आगे पीछे के ट्रैफिक को देख ले तथा सभी की सुविधाओं को देखते हुए यू.टर्न ले। हाथ सिग्नल. अगर आप हाथ सिग्नल का उपयोग करते हैए तो यह आपके पीछे चल रहे व्यक्ति के लिए सुविधा होती है। इससे आपके पीछे चल रहा व्यक्ति आपके साइड को समझ कर सेफ ड्राइविंग कर सकता है। यातायात संकेत और यातायात नीति. यह जो यातायात संकेत और यातायात नीति होती है। यह उस जगह पर ड्राईवर को किसी कारण से दी होती है ताकि वह इसे ठीक से प?े और फॉलो करे। यातायात संकेत और यातायात नीति के दिये जाने का सबसे ब?ा कारण हमारी सड़को के ट्रैफिक को बेहतर बनाना है। गति प्रतिबंध. ड्राइविंग करते समय गति सबसे बड़ा फैक्टर होता है। अक्सर देखा जाता है कि रोड के अच्छे होने पर ड्राईवर के द्वारा स्पीड बड़ा ली जाती है, परन्तु ऐसा नही होना चाहिए। कम से कम सिटी मे तो स्पीड लिमिट को फॉलो करना चाहिए। भारत में इन नियमों को फॉलो करके दुर्घटना होने के खतरे से बचा जा सकता हैं ।

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