छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

रायपुर रेल मंडल कर रही है जोरशोर से130 की स्पीड से ट्रेन चलाने की तैयारी: Raipur railway division is preparing to run the train at speed of 130 from Joreshore

अल्ट्रासोनिक मशीन से देख रही है अंदरूनी खामी
पटरी की लाइनिंग, लेबलिंग व अलाइनमेंट पर खास ध्यान
भिलाई। रेलवे 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रेलवे के मुंबई-हावड़ा इस मुख्य रेल लाइन पर यात्री ट्रेनों को चलाने की तैैयारी जोरशोर से शुरू कर दी है। इसके लिए एक ओर जहां अल्ट्रासोनिक मशीन से अंदरूनी खामी देख रही है। वहीं रेल पटरी को इसके अनुकूल बनाने उसकी लाइनिंग, लेबलिंग और अलाइनमेंट पर खास ध्यान दे रही है।कोरोना काल से वापसी के बाद यात्री ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी में रायपुर रेल मंडल कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। रेलवे बोर्ड ने कोरोना काल खत्म होने के बाद रेल यातायात पहले की तरह सामान्य होते ही यात्री ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने का निर्णय ले रखा है। अभी तक मेल व एक्सप्रेस श्रेणी की ट्रेनो को 100 से 110 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चलाया जा रहा है। आगामी दिनो में इस रफ्तार को 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाए जाने की तैयारी है। इसके लिए रेल पटरियों को बेहतर बनाया जाना जरुरी है। कोरोना के चलते घोषित किए गए लॉकडाउन के समय जब यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद रखा गया था तब मिशन रफ्तार के तहत बिलासपुर रेलवे जोन ने अपने तीनों डिवीजन क्रमश: बिलासपुर, रायपुर व नागपुर में रेल पटरियों को 130 की रफ्तार का सामना करने लायक बनाने का कार्य द्रुतगति से अंजाम दिया। अब जो कुछ काम शेष रह गये हैं उसे जोरशोर से पूरा किया जा रहा है।
रेल पटरियों के मरम्मत में लाइनिग, लेबलिंग और अलाइनमेंट महत्वपूर्ण है। इस कार्य को इन दिनों पावर हाउस से भिलाई नगर रेलवे स्टेशन के बीच आधुनिक मशीनों के माध्यम से किया जा रहा है। पटरी पर बिछाई गई गिट्टी को साफ करने के लिए बीबीएम मशीन, प्वाइंट व क्रासिंग का मेटेनेंस करने के लिए यूनिमेट मशीन और रेल पटरियों की पैकिंग करने ड्योमेटिक मशीन के साथ महकमे के विशेष अधिकारी कर्मचारी जुटे हुए हैं। इसके अलावा रेल पटरियों के अंदरुनी खामियों का पता लगाकर बदलने के लिए अल्ट्रासोनिक मशीन का सहारा लिया जा रहा है।
उल्लेखनी है कि मेल व एक्सप्रेस श्रेणी के ट्रेनों को 130 की रफ्तार से चलाने के लिए पिछले कुछ दिनों से भिलाई-दुर्ग में पदस्थ लोको पायलटों को मानसिक दक्षता जांच हेतु विभागीय तौर पर चरणबद्ध तरीके से लखनऊ भेजा जा रहा है। लोकल व पैसेंजर श्रेणी की ट्रेनों को चलाने वाले पायलटों को भी इस जांच के दायरे में लाये जाने से लगता है रेलवे द्वारा स्थानीय स्तर पर चलने वाली लोकल व पैसेंजर यात्री ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ाया जाएगा।
यात्री ट्रेनों  की रफ्तार में इजाफा करने से पहले पटरियों को अनुकुल बनाया जा रहा है। पैकिंग कार्य कर रहे कर्मचारियों के मुताबिक पटरी में कसाव लाने के लिए पैकिंग कराई जाती है। इंजीनियरिंग विभाग के विशेषज्ञों की माने तो मशीन के माध्यम से पटरी के नीचे गिट्टियों का भराव किया जाता है जिससे ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार से दौड़े तो पटरी नीचे की ओर घंसे नहीं क्योंकि ट्रेन दौड़ते समय पटरी नीचे की ओर धंसेगी तो उसका बैलेंस बिगडऩे से दुर्घटना का कारण बन सकता है। इसी वजह से पैकिंग सहित पटरियों से संबंधित अन्य कार्यों को संतुष्टिजनक रूप से किया जा रहा है।

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