डॉ चिन्मय पंड्या का माकड़ी व शामपुर में प्रज्ञा परिजनों ने किया भव्य स्वागत
मनुष्य भटका हुआ देवता है – डॉ चिन्मय पंड्या
कोंडागांव। आपके द्वार पहुंचा हरिद्वार कार्यक्रम के तहत प्रत्येक घर में देव स्थापना, गंगा स्थापना कर आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र स्थापित करना है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति युवाओं के प्रेरणा स्रोत प्रखर वक्ता डॉ चिन्मय पंड्या जी का इन दिनों छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में भ्रमण चल रहा है। इसी क्रम में रविवार की दोपहर में माकड़ी व शामपुर पहुंचे, जहां उनके परिजनों द्वारा भव्यता से स्वागत किया गया। गांव की सीमा पहुंचने से पहले बाइक स्वागत रैली के रूप में अगुवाई की गई प्रातः काल से उनकी प्रतीक्षा में लोगों के हुजूम देखते ही बन रहा था और आनंद का संचार दिखाई पड़ रहा था। डॉ पंड्या जी ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य एक भटका हुआ देवता है उसके अंदर अपार क्षमता विद्वता, दिव्यता निहित है। जिसे हमें पहचाने की आवश्यकता है।
प्रज्ञा मंडल शामपुर के परिजनों ने भेंट दी विशेष प्रकार का दीया
डॉ पंड्या को प्रज्ञा मंडल शामपुर के परिजनों ने स्मृति के रूप में एक विशेष प्रकार का दिया भेंट किया, इस दिये की विशेषता है कि यह लंबे समय तक प्रज्जवलित रहता है विशेष प्रकार की बनावट है जो दिये में तेल कमी होने से अपने आप गुंबज नुमा पात्र से टपक कर भर जाता है तथा भरने पर तेल गिरना बन्द हो जाता है। कोण्डागांव क्षेत्र के हस्तशिल्प कला के लिए विख्यात है यह दीपक भी यहीं से निर्मित है।आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रज्ञा परिजन के इन्द्रशंकर मनु, भुनेश्वर पुजारी, सी.आर मरकाम, श्रवण नाग, लक्ष्मण नेताम, बीरस साहू, श्रीमती मोतीबाई नेताम, गजेंद्र राठौर, हरेंद्र पटेल, शुकली बाई पोयाम, सविता पटेल, यज्ञप्रसाद पटेल, श्रीमती टोकेश्वरी नेताम, रमीला मरकाम, निर्मला कौशिक, ब्रह्मा मरकाम, निरंजन वैष्णव, भानु शंकर ठाकुर, मुकेश सेन, चेतन कौशिक, पवन पटेल, जालंधर पांडे, भूतनाथ पोयाम, रामदेव कौशिक, शंभूलाल पटेल, अंगद पटेल, नानजात दीवान, लिमधर कौशिक, जेठूराम पटेल, भागवत वैष्णव, ऋतंभरा पटेल, हीरामणी ठाकुर आदी उपस्थित रहे।