कोंडागांव: गणतंत्र दिवस पर भव्य साहित्यिक कार्यक्रम में हुआ “काव्य रश्मि” का विमोचन व काव्य गोष्ठी

कोंडागांव। 26 जनवरी को संध्या 5 बजे माँ दंतेश्वरी हर्बल इस्टेट कोण्डागांँव में छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य परिषद् जिला इकाई कोण्डागांँव एवं ककसाड़ जनजातीय चेतना कला संस्कृति व साहित्य की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के संयुक्त तत्वाधान में पुस्तक विमोचन समारोह सह काव्य गोष्ठी का आजोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ककसाड़ राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के सम्पादक अखिल भारतीय किसान महासंघ के संयोजक डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष हरेन्द्र यादव ने की। विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में मंच पर वरिष्ठ साहित्यकार घनश्याम नाग प्रदेश सलाहकार तुलसी मानस प्रतिष्ठान छत्तीसगढ़, जिलाध्यक्ष राजपत्रित अधिकारी संघ, सचिव बस्तर पुरातत्व समिति लोकेश गायकवाड़, सम्पदा स्वयंसेवी संस्थान की सचिव व सामाजिक कार्यकर्ता स्वर कोकिला शिप्रा त्रिपाठी तथा केशकाल की संवेदनशील कवयित्री रश्मि विपिन अग्निहोत्री आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन लोकप्रिय मंच संचालिका व कवयित्री मधु तिवारी ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत आमंत्रित अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की छाया चित्र पर दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ हुआ। आमंत्रित अतिथियों द्वारा रश्मि विपिन अग्निहोत्री के प्रथम काव्य संग्रह “काव्य रश्मि” एवं देश विदेश में कोण्डागांँव का नाम रौशन करने वाले डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी के काव्य संग्रह “बस्तर बोलता भी हैं” का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर कवयित्री रश्मि विपिन अग्निहोत्री ने अपने काव्य संग्रह के बारे में बताते हुए कहा कि काव्य रश्मि के प्रकाशन से मेरा आज एक बहुत बड़ा स्वप्न पूर्ण हुआ है।काव्य रश्मि से हताश और निराश लोगों के जीवन में आशा का संचार होगा। काव्य जगत् में एक छोटी सी आशा की किरण है “काव्य-रश्मि”। पाठकों को पढ़कर लगेगा यह मानों उनके जीवन से जुड़ी भावनाओं का संग्रह ही हो। उन्होंने काव्य संग्रह की चुनिंदा कविताओं …” रहने दो मेरा विषाद”, “यह विभूति है मेरी” तथा “मेरी नज़रे हर दिशा को निहार रही है ,मेरी रचना हर भाव को उभार रही है” का पाठ कर प्रशंसा बटोरी। डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी ने अपना काव्य संग्रह बस्तर को समर्पित करते हुए कहा कि इसमें बस्तर की हकीकत है ,बस्तर का दर्द है, बस्तर के सपने हैं। उन्होंने भी श्रोताओं के आग्रह पर काव्य संग्रह से एक भावपूर्ण कविता सुनाकर सबका दिल जीता।
विशेष आमंत्रित अतिथि लोकेश गायकवाड़ ने दोनों पुस्तको के रचनाकारों को बधाई देते हुए कहा कि बड़ी खुशी की बात है केशकाल से पहली बार किसी साहित्यकार की पुस्तक का विमोचन हुआ है। रश्मि जी की रचनाएं समाज को नई दिशा देंगी। साहित्यकार घनश्याम नाग ने भी दोनों रचनाकारों को बधाई दी एवं अपनी शुभकामनाएं दी एवं अपनी हल्बी कविता से वाह वाही बटोरी। वरिष्ठ साहित्यकार व कार्यक्रम के अध्यक्ष हरेन्द्र यादव ने भी दोनों कलमकारों को बधाई दी। श्रोताओं की फरमाइश पर उन्होंने अपनी मोनिका व चाटी वाली कविता सुनाई।
स्वर कोकीला शिप्रा त्रिपाठी ने “तू जिंदा है तो अपनी जीत पर यकीन कर” गीत गाकर सबको मन्त्र मुग्थ कर दिया। केशकाल की सीमा विश्वास ने देशभक्ति गीत सुमधुर स्वर में “नवप्रकाश आ रहा है जागो, जागो कि अंधेरा जा रहा है” सुनाकर सबका दिल जीत लिया। साहित्यकार एसपी विष्वकर्मा ने शासन की योजनाओं पर केंद्रित छत्तीसगढ़ी कविता सुनाई और प्रशंसा प्राप्त की। कवियित्री व सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति जैन ने प्रेरणादायक गीत सुनाया। कोषाध्यक्ष बृजेश तिवारी ने काव्य रश्मि व बस्तर बोलता भी हैं दोनों पुस्तकों पर अपने विचार रखे और रचनाकारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हर साहित्यकार का सपना होता है कि उसकी पुस्तक प्रकाशित हो और पहली पुस्तक का प्रकाशन उसमें भी स्वयं का नाम भी जुड़ा हो तो हमेशा यादगार होती है।
इस अवसर पर कवियित्री रश्मि अग्निहोत्री के पति विपिन अग्निहोत्री ने पुस्तक के लिए बधाई दी एवं अपनी पत्नी की इस उपलब्धि को गौरवशाली बताया तथा हिन्दी साहित्य परिषद का आभार व्यक्त किया। जिला संघटक राष्ट्रीय सेवा योजना आरके जैन ने भी कलमकारों को बधाई व शुभकामनाएं दी। संचालिका मधु तिवारी ने प्रेरणास्पद गीत सुनाकर सबको प्रभावित किया। अंत मे छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद के सचिव व हास्य व्यंगकार उमेश मंडावी ने अपनी चर्चित “चुनाव” वाली कविता सुनाकर सबको बहुत हंसाया।
इस अवसर पर आमंत्रित अतिथियों द्वारा ककसाड़ राष्ट्रीय पत्रिका के जनवरी अंक का भी विमोचन किया गया। साथ ही सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सुरेंद्र पांडेय कोरर से, अनुराग त्रिपाठी, सुनीता पांडे, केके पटेरिया, कृष्णा हेमलाल, छबिलाल जगदेव, कोण्डागांँव व केशकाल के साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
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