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सावधानी हटी, और दुर्घटना घटी – ज्योतिष

*सावधानी हटी, और दुर्घटना घटी – ज्योतिष*
यह एक पुरानी और बहुत प्रसिद्ध कहावत है। आप सभी जानते हैं, कि यदि व्यक्ति दिन भर के कार्यों में सावधान रहे, बातचीत करते समय सावधान रहे, उठते बैठते चलते फिरते काम करते हुए सभी जगह सावधान रहे, भविष्य की योजनाएं बनाते समय भी सावधान रहे, तो अनेक दुर्घटनाओं से बच सकता है। जो लोग ऐसी सावधानी रखते हैं, वे सदा स्वस्थ सुरक्षित तथा सुखी रहते हैं।
परंतु जो लोग सावधानी नहीं रखते, उठने बैठने चलने फिरने सामान रखने उठाने, व्यायाम करने, सीढियां चढ़ने, यात्रा करने, भविष्य की योजनाएँ बनाने आदि कार्यों में सावधान नहीं रहते, वे अनेक बार दुर्घटनाओं की लपेट में आ जाते हैं, चोट खाते हैं, रोगी होते हैं, और दुखी रहते हैं। अनेक बार मृत्यु को भी प्राप्त हो जाते हैं।
इसलिये सड़क पर चलते समय सावधान रहें। दाएँ बाएँ आगे पीछे चारों ओर नजर घुमाते हुए चलें। सावधानी का प्रयोग करें। कोई कुत्ता गाय गधा दौड़ता हुआ आ सकता है, और आपसे टकरा कर, आपको चोट मार सकता है। कोई स्कूटर कार चलाने वाला यदि लापरवाही से गाड़ी चला रहा हो, और आप सावधान हों, तो उससे होने वाली दुर्घटना एवं चोट से बच सकते हैं। आप बस या रेल में बैठकर यात्रा कर रहे हों, और अचानक दुर्घटना हो जाए; उस समय यदि आप सावधान होंगे, तो बहुत संभावना है कि आपको चोट कम लगेगी, या नहीं लगेगी। यदि आप सावधान नहीं होंगे, तो अधिक चोट लगने की संभावना है, और मृत्यु भी हो सकती है।
ऐसी घटनाएं हमने बहुत देखी सुनी हैं जिनमें, जो लोग सावधान थे, वे बच गए। और जो लापरवाही से यात्रा कर रहे थे, उनमें से अनेक लोग मारे गए। इसलिए सदा सावधान रहें। कुत्ता गधा ऊँट आदि पशुओं से सावधान रहें। *कुत्ता आदि पशु या साँप आदि जीव जन्तु अनेक बार काट लेते हैं। उनके दांतों में विष होता है, जो मनुष्य के लिए हानिकारक होता है।
इसी प्रकार से मनुष्यों से भी सावधान रहें। मनुष्यों की बातों में विष होता है। जिस मनुष्य की बातों में विष हो, उस मनुष्य से सावधान रहें। बहुत नापतोल कर, सोच समझकर बोलें। ऐसा विषैला व्यक्ति आपकी बातों का दुरुपयोग कर सकता है। *जो लोग साधारण ढंग से कही गई बातों का, उल्टा अर्थ लगाकर दूसरे लोगों में आपको या किसी को भी बदनाम करते हैं, अथवा आप पर ही सीधा आक्रमण करते हैं, वही लोग विषैले हैं। और यही अभिप्राय है उनकी बातों में विष होने का। इसलिए ऐसे लोगों की विषैली बातों से भी सावधान रहें, ताकि वे आप पर व्यर्थ आक्रमण न कर पाएँ। और न ही आप की बातों के उल्टे अर्थ निकाल कर दूसरे मनुष्यों में झूठ को फैला सकें।

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