लॉकडाउन 2.0 के बाद क्या? नीति आयोग ने सीईओ ने दिखाया यह रास्ता | Road Ahead for India Post Lockdown Six point Plan Shared by Niti Aayog CEO Offers Solution | nation – News in Hindi

एक ट्वीट में कांत ने जो 6 सूत्रीय प्लान बताया है उसमें रेड जोन में सख्ती जारी रखने, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल करने, वायरस के दोबारा लौटने की आशंका, 60 से ज्यादा उम्र वाले नागरिकों का ध्यान रखने, फिलहाल वैक्सीन का इंतजार और जीवन यापन के लिए इकोनॉमी को दोबारा शुरू करना शामिल है.
आइए हम आपको हर प्वाइंट के बारे में विस्तार के बारे में बताते हैं
1- रेड जोन में सख्ती जारी रखना – रेड जोन वे क्षेत्र हैं जहां कोरोनो वायरस बीमारी के कई पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. ये क्षेत्र लॉकडाउन के अंत से पहले भी सख्त लॉकडाउन का सामना करेंगे ताकि उन्हें सामान्य स्थिति में लाया जा सके और मामलों के आगे बढ़ने से रोका जा सके.
Possible Road Ahead: Hyper-localisation in Red areas with ruthless containment; 2.Physical distancing & Masks =New Fashion; 3.Virus can bounce back; 4. Look after 60+with Co-morbidity; 5.Vaccine still far away; 6.For livelihoods, economy should kickstart with full supply chains
— Amitabh Kant (@amitabhk87) April 30, 2020
2- सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क- काम पर लौटने वाले लोगों, या दैनिक जीवन के लिए, अभी भी सावधानी की जरूरत है. कोविड -19 को दोबारा लौटने से रोकने के लिए लोगों को मास्क का इस्तेमाल करने और एक दूसरे से दूरी बनाने की आवश्यकता होगी.
3- वायरस के दोबारा लौटने की आशंका- डब्ल्यूएचओ सहित विशेषज्ञों ने देशों में प्रतिबंधों में ढील देने के लिए स्टेप बाय स्टेप फैसले लेने की सलाह दी है क्योंकि कोरोनो वायरस फिर से लौट सकता है.
4- 60 से ज्यादा उम्र वाले नागरिकों का ध्यान रखना- डब्ल्यूएचओ के अनुसार वृद्ध लोगों और हृदय रोग, मधुमेह, पुरानी सांस की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियों का सामना कर रहे लोगों में गंभीर बीमारी विकसित होने की आशंका अधिक होती है. इस प्रकार, लॉकडाउन में ढील के बावजूद इनकी देखभाल जारी रखनी होगी.
5-फिलहाल वैक्सीन का इंतजार – कोविड -19 के लिए एक संभावित टीका और दवा पर फिलहाल दुनिया भर में शोध जारी है. ऐसे में वह हमसे अभी बहुत दूर है.
6- देश की अर्थव्यवस्था- लॉकडाउन के बढ़ने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डांवाडोल हुई है. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने हाल ही में 2020 के कैलेंडर के लिए भारत के विकास का अनुमान 0.2 प्रतिशत घटा दिया है. इससे लोगों की आजीविका भी बुरी तरह प्रभावित हुई है, यही वजह है कि रेड जोन इलाकों को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सप्लाई चेन्स को फिर से शुरू करना एक व्यवहार्य विकल्प की तरह लगता है.
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