गणतंत्र दिवस के अवसर पर “लक्ष्य ग्रुप” ने महान योद्धा कैप्टन डी पी अवस्थी के सम्मान में निकली बाइक रैली, किया योद्धा का सम्मान।

छत्तीसगढ़ बेमेतरा :- जिले में भूतपूर्व सैनिकों एवम् एनसीसी कड़ेट्स द्वारा संचालित किए जा रहे लक्ष्य ग्रुप, जिले के युवाओं को सेना भर्ती के लिए निशुल्क प्रशिक्षण एवम् उचित मार्गदर्शन देकर उन्हें सेना में भर्ती कराकर जिले को फौजी जिला बनाने के उद्देश्य से कार्य कर रही है। वर्तमान में लक्ष्य ग्रुप में 80 प्रशिक्षणार्थी है जो सेना भर्ती की तैयारी कर रहे , इन्हीं भावी सैनिकों का एक दल भूतपूर्व सैनिक, सूबेदार हरीश अवस्थी (भारतीय सेना), भूपेंद्र सिंह चौहान ( भारतीय नौसेना) पूर्व एनसीसी कैडेट्स एवम् लक्ष्य ग्रुप के संस्थापक पवन कुमार वर्मा, सेवारत सैनिक सूर्या सिंह चौहान, दीपेंद्र चौहान, दीपक कुमार एवम् डी. चंद्राकर के नेतृत्व में गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर जिले के भूतपूर्व सैन्य अधिकारी एवम् 1962 के भारत – चीन युद्ध 1965, 1971 के भारत – पाकिस्तान युद्ध के महान योद्धा कैप्टन डीपी अवस्थी के सम्मान में बाइक रैली का आयोजन किया। बाइक रैली बेमेतरा कॉलेज मैदान से सुबह 10:30 निकलकर, ढोलिया, झाल एवम् पड़कीडीह होते हुए 11 बजे कैप्टन डी पी अवस्थी के गृह ग्राम सिंघनपुरी पहुंची। रैली के ग्राम में पहुंचते ही पूरा ग्राम जय हिन्द, भारत माता की जय, वंदे मातरम एवम् कैप्टन डी पी अवस्थी जिंदाबाद के नारों से गुंजायमान हो उठा और ग्राम में देशभक्ति की लहर दौड़ गई। मुलाकात की शुरुआत लक्ष्य ग्रुप के सभी सदस्यों एवं युवा कैडेट्स द्वारा कैप्टन डी पी अवस्थी को सैन्य परंपरा के अनुसार सैल्यूट के साथ हुई, इसके पश्चात सूबेदार हरीश अवस्थी (सेवानिवृत्त) भारतीय सेना, ने ग्रुप के सदस्यों को कैप्टन अवस्थी से परिचय कराया और उनके सैन्य सेवा का एक संक्षिप्त विवरण सुनाया।तदुपरान्त सभी सदस्यों एवं कैडेट्स ने कैप्टन अवस्थी से उनके सैन्य सेवाओं, अभियान और युद्ध के दौरान उनके अनुभवों के बारे में उनसे जानकारी प्राप्त किया। कैप्टन अवस्थी की धर्मपत्नी एवं वीरनारी श्रीमती मंदाकनी अवस्थी भी उनके साथ मौजूद रहीं जिनसे ग्रुप के सदस्य एवम् प्रशिक्षक भूपेंद्र सिंह चौहान ने एक सैनिक की पत्नी रूप में देश एवम् समाज में उनकी भूमिका और किस तरह उन्होंने युद्धकाल के दौरान जब उनके पति युद्धभूमि में होते थे तब अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन एवं प्रबंधन किस तरह किया से संबंधित उनके अनुभवों को सुना।
मुलाकात के दौरान युवा जोश एवम् उत्साह से लबरेज दिखाई दिए।
गौरतलब है कि कैप्टन डी पी अवस्थी संभवतः जिले के ही नहीं अपितु राज्य के ऐसे भूतपूर्व जीवित सैनिक है जिन्होंने अपने सैन्य कार्यकाल में न केवल 1962,1965 और 1971 के युद्ध को देखा है अपितु अग्रिम मोर्चे पर रहकर इन युद्धों में अपने शौर्य का लोहा मनवाया है। बतौर कैप्टन अवस्थी , वे 1951 में सेना की “The Gaurds Regiment” में भर्ती हुए और देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाएं दी, इन्फैंट्री स्कूल महूं में प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत रहे और उस समय होने वाले सभी युद्धों में देश का प्रतिनिधित्व किया। अपने सेवाकाल के अंतिम वर्षों में कैप्टन अवस्थी “The Gaurds Regiment” ke निदेशक के ADC भी रहे। सैन्य सेवाओं में उनके कर्त्तव्यपरायणता, कर्मठता, विभिन्न युद्धों में उनके अदम्य शौर्य एवम् साहस के प्रतिफल स्वरूप उन्हें कैप्टन के रैंक से नवाजा गया और सन् 1978 में वे सेवानिवृत्त हुए।