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मुरम के खेल में माफिया हो रहा लाल और शासन हो रहा कंगाल : In the game of Muram, mafia are becoming red and ruling poor

दुर्ग / पाटन अंचल समेत अहिवारा मुरमुंदा क्षेत्र में अवैध रूप से मुरम का उत्खनन जोरों से जारी है। खनिज विभाग के उदासीन रवैए के कारण बिना अनुमति एवं रायल्टी चुकाए लोग मुरम का उत्खनन कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं । शासकीय सड़कों में भी बड़ी मात्रा में अवैध मुरम का उपयोग हो रहा है, सबकुछ जानते हुए भी सम्बंधित विभाग के अधिकारी कुम्भकरणीय निद्रा लिए हुए है, आपको ज्ञात होगा की माननीय उच्च न्यायलय के द्वारा मुरम के उत्खनन पर प्रतिबध लगाए जाने के बाद से जिले में कहीं भी मुरम की खदान नहीं है, उसके बावजूद बड़ी मात्रा में जिले की सड़कों पर मुरम का परिवहन करती हाईवा गाड़ियों को आसानी से देखा जा सकता है, शासकीय,नजूल व कृषि की भूमि से भारी मात्रा में मुरम का उत्खनन कर निजी उपयोग और उसका विक्रय कर रहे है । भवनों के फाउंडेशन सहित मार्गो के निर्माण आदि में उपयोग की जा रही है। कई किसान अपनी निजी भूमि में बिना अनुमति ठेकेदारों को मुरम का उत्खनन करवा रहे है। पाटन क्षेत्र से लगे सभी ग्रामीण क्षेत्रों में ये नज़ारा आसानी से देखा जा सकता है, वही अहिवारा के बानभरत से लेकर मुरमुंदा के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर उत्खनन का कार्य जारी है जिसे रोकने के लिए खनिज विभाग ने कभी भी प्रयास नहीं किया है जिससे शासन को लाखों का चूना लगाया जा रहा है ! सूत्रों की माने तो ये पूरा खेल खनिज विभाग की मिलीभगत में चल रहा है, खनिज विभाग परिवहनकर्ता को पहले से ठेर लगाकर रखे गए मुरम को परिवहन करने की अनुमति देता है, लेकिन वास्तव में वहा तो पहले से तो मुरम का ठेर तो है ही नहीं ! इससे यह बात तो साफ़ हो ही जाती है कि सम्बंधित विभाग माननीय उच्च न्यायलय के आदेशों को नहीं मानता है ! ऐसे में जब विभाग ही बनाए गए नियम का पालन नहीं करेगा तो सरकारी ठेकेदार और माफियाओं से क्या उम्मीद की जा सकती है !

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