कबीरधाम जिले में हुई सर्वाधिक रिकार्ड तोड़ धान की खरीदी

कबीरधाम जिले में हुई सर्वाधिक रिकार्ड तोड़ धान की खरीदी
अब तक जिले में 38 लाख 22 हजार क्विंटल धान की खरीदी, जबकि पिछले वर्ष इसी तारीख तक महज 16 लाख 97 हजार क्विंटल धान हुई थी खरीदी
कबीरधाम जिले के 94 हजार 772 किसानों को 701 करोड़ 89 लाख रूपए का धान का भूगतान जारी जारी
जिले के धान खरीदी केन्द्रो में जूट के नया और पीपी प्लास्टिक के बोरी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
कवर्धा, 21 जनवरी 2021। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में कबीरधाम जिले में समर्थन मूल्य पर अब तक पंजीकृत किसानों से सर्वाधित धान की खरीदी कर ली गई है। धान खरीदी के शुरूआत से लेकर अब तक जिले में 94 हजार 7 सौ 72 किसानों से 38 लाख 22 हजार क्विंटल धान की खरीदी कर ली गई है। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में जिले में महज 46 हजार 501 किसानो ंसे सिर्फ 16 लाख 97 हजार धान की खरीदी की गई थी। धान खरीदी के एवज में जिले के 94 हजार 772 पंजीकृत किसानों को 701 करोड़ 89 लाख रूपए उनके बैंक खातों के माध्यम से भूगतान कर लिया गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले में 31 लाख 401 हजार क्विंटल धान का उपार्जन अनुमानित है। इस अनुमानित लक्ष्य के तुलना में जिले में अब तक लगभग 38 लाख 22 हजार क्विंटल धान का उपार्जन किया जा चुका है। जिले के 94 धान खरीदी केन्द्रों में शांति और सुचारू रूप से धान की खरीदी प्रक्रिया को लेकर पंजीकृत किसानों के चेहरे में खुशी देखी जा रही है।
कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित धान खरीदी समय पर जिले के सभी पंजीकृत किसानों से पूरी धान की खरीदी कर ली जाएगी। उन्होने कहा कि जिले में धान खरीदी के लिए जूट और प्लास्टिक के बोरे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जिला प्रशासन द्वारा समिति को मांग और आवश्यकतानुसार किसानों के लिए बारदाना की आपूर्ति की जा रही है।
कबीरधाम जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए कबीरधाम जिले में कुल 1 लाख 712 किसानों का पंजीयन किया गया, जो गतवर्ष पंजीकृत कृषक संख्या 85 हजार 472 की तुलना में लगभग 17.83 प्रतिशत अधिक है। इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए जिले में कुल 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर धान के रकबे का पंजीयन किया गया है, जो गतवर्ष की तुलना में लगभग 9.71 प्रतिशत अधिक है।
इस वर्ष गिरदावरी के माध्यम से जिले में लगभग 16 हजार 991 नवीन किसानों के 11हजार 561 हेक्टेयर नवीन रकबे का भी पंजीयन किया गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले के पंजीकृत 1 लाख 712 कृषको में तक लगभग 94 हजार 772 किसानों से लगभग 38 लाख 22 हजार क्विंटल धान का उपार्जन किया जा चुका है। गतवर्ष इसी अवधि में 46 हजार 501 किसानों से 16 लाख 97 हजार क्विंटल धान का उपार्जन किया गया था।इस प्रकार गतवर्ष की तुलना में अब तक लगभग 103.81 प्रतिशत अधिक कृषकों से धान का उपार्जन किया जा चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले में अब तक लगभग 94.1 प्रतिशत पंजीकृत किसानों अपने धान का विक्रय कर चुके है। राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी के लिए निर्धारित अंतिम तिथि तक जिले के शेष किसानों से धान उपार्जन की प्रक्रिया जारी रहेगी।
जिले में धान बेचने वाले कृषकों को विक्रय किए गए धान के एवज में अब तक 701 करोड़ 89 लाख रूपए से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में कबीरधाम जिले में 31 लाख 401 हजार क्विंटल धान का उपार्जन अनुमानित है। इस अनुमानित लक्ष्य के तुलना में उक्त अनुमान के विरूद्ध जिले में अब तक लगभग 38 लाख 22 हजार क्विंटल धान का उपार्जन किया जा चुका है।
कबीरधाम जिले में पर्याप्त मात्रा में नया बारदाना उपलब्ध
कबीरधाम जिले में पर्याप्त मात्रा में नया बारदाना उपलब्ध है। आगामी दिनों में धान खरीदी के लिए समिति की आवश्यकतानुसार बारदाना की आपूर्ति जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। कबीरधाम जिले में धान खरीदी के लिए नया जूट बारदाना 257 गठान, एचडीपीई पीपी प्लास्टिक बोरी 149 गठान और गत खरीफ वर्ष 2019-20 का 21 गठान (कुल 427 गठान) बारदाना उपलब्ध है। मिलर्स के धान उठाव अनुसार शेष उपलब्ध बारदाना को समितियों में प्रदाय करने की कार्यवाही की जा रही है। पीडीएस दुकानों से अतिरिक्त बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत माह फरवरी 2021 के खाद्यान्न आबंटन का वितरण माह जनवरी में किया जा रहा है। इस प्रकार जिले में शेष खरीदी हेतु आवश्यक बारदानों की शत प्रतिशत् उपलब्धता जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जा चुकी है। कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि इस पूरी व्यवस्था के बावजूद भी यदि किसी समिति में बारदानों की आवश्यकता उत्पन्न होती है, तो इस हेतु किसान बारदानों की खरीदी की अनुमति भी राज्य शासन द्वारा प्रदाय की गई है। इस प्रकार जिले में धान खरीदी के लिए बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था है।