71 बेटियों को एनएमडीसी की नौकरी मिलने की संभावना की दिशा में एक कदम आगे
- कलेक्टर ने बेटियों के प्रकरण पर सर्वे कराकर एक माह में रिपोर्ट देना किया स्वीकार
- सर्वे के लिए गठित प्रशासनिक दल की आयोग के छ सदस्य करेंगे निगरानी
- आयोग द्वारा दिए निर्देश पर महिला को मिली सहायक शिक्षिका की नौकरी
- पुत्र की मृत्यु के प्रकरण में बुजुर्ग मां को आयोग ने दिलाया 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि
जगदलपुर। जमीन विस्थापन के बाद एनएमडीसी से नौकरी की उम्मीद में महिला आयोग का दरवाजा खटखटाने वाली महिलाओं की उम्मीदें बढ़ गई हैं। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने 18 जनवरी को सुनवाई के दौरान प्रकरण के शीघ्र निराकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भू-विस्थापितों की सूची तैयार करने के लिए सर्वेक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण दल की निगरानी आयोग द्वारा सुझाए गए सदस्यों द्वारा की जाएगी। उन्होंने इसके लिए भू-विस्थापितों की प्रतिनिधि के रुप में योगिता बाला प्रकाश और अरुणा पटनायक, यूनियन से महेन्द्र जाॅन और जितेन्द्र नाथ, जनप्रतिनिधि मनोहर लुनिया और अधिवक्ता आलोक दुबे को इसकी जिम्मेदारी दी।
सुनवाई के दौरान श्रीमती नायक ने कहा कि संविधान के विपरीत किसी भी कानून को मान्यता नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भू-विस्थापित बेटियों को मात्र मुआवजा दिया गया, जबकि नौकरी नहीं दी गई। बेटों के मामलों में भी छूट देते हुए नौकरी दे दी गई, किन्तु बेटियों को इससे वंचित रखा गया। उन्होंने कहा कि जो भूमि अधिग्रहित की गई थी, वे उस भूमि की स्वामी थीं, न कि भूमि स्वामी के परिवार की सदस्य। सुनवाई के दौरान कलेक्टर श्री रजत बंसल द्वारा पूर्व अधिकारियों द्वारा प्रशासनिक प्रक्रिया को समझने की चूक के कारण इस प्रकरण के पटाक्षेप में विलंब की बात कहते हुए इसके शीघ्र निराकरण के लिए पुनः सर्वेक्षण की बात कही गई। अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने आयोग द्वारा नामित सदस्यों की निगरानी में एक माह के भीतर सर्वेक्षण के साथ ही संभाग आयुक्त से अनुमति लेकर सूची एनएमडीसी को उपलब्ध कराने और आयोग को सूचित करने के निर्देश दिए। सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण होते ही आयोग द्वारा पुनः सुनवाई की बात उन्होंने कही।
18 जनवरी को जिला कार्यालय के प्रेरणा कक्ष में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सुनवाई के दौरान श्रीमती निर्मला आचार्य को सहायक शिक्षिका के पद पर नियुक्ति का आदेश भी प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि श्रीमती आचार्य द्वारा अनुकंपा नियुक्ति में हो रहे विलंब के मामले में न्याय की गुहार महिला आयोग के समक्ष लगाई गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान आवेदिका को तत्काल नौकरी का नियुक्ति पत्र प्रदान करने के निर्देश दिए गए थे, जिस पर अमल करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा आज श्रीमती आचार्य को जगदलपुर स्थ्ज्ञित राष्ट्रीय विद्यालय में सहायक शिक्षिका के तौर पर नियुक्ति का आदेश प्रदान किया गया। वहीं एक अन्य मामले में एक बुजुर्ग महिला को भी उसके बेटे की मृत्यु के बाद 50 हजार रुपए की एक्सग्रेसिया राशि उपलब्ध कराई गई। मामला कोंडागांव जिले का है, जिसमें श्रीमती रामबती बाई ने अपने शिक्षक पुत्र की मृत्यु पर अनुग्रह राशि की मांग की थी।
कोंडागांव जिले के फरसगांव क्षेत्र के भानपुरी में महिला के सामाजिक बहिष्कार एवं 2500 रुपए जुर्माने पर उन्होंने जुर्माने की राशि वापसी के साथ ही सामाजिक बहिष्कार को वापस लेने के लिए गांव में मुनादी करने के आदेश दिए। दरभा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक व्यक्ति की पत्नी के आत्महत्या के मामले में पति की शिकायत पर उकसाने वाले के विरुद्ध पुलिस जांच और कार्यवाही के निर्देश दिए। कांकेर की एक महिला द्वारा अपने पति पर दूसरी शादी की शिकायत पर उसके पति और संबंधित महिला को आज आयोग के समक्ष बुलाया गया और उनका पक्ष सुना गया। इस मामले में नगर सेना में पदस्थ पति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत अपराध दर्ज करने एवं सिविल सेवा आचरण के उल्लंघन के लिए जिला सेनानी को जांच कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने और पत्नी को अपने वेतन का आधा हि स्सा प्रतिमाह भुगतान करने के आदेश दिए गए।