दो महिने तक बंद रहेगा चन्द्रा-मौया चौक अगले महिने होगी गार्डर लांचिग, Chandra-Mouya Chowk will remain closed for two months Garder launching will happen next month

भिलाई / फोरलेन पर फ्लाईओवर के काम बडे ही तेजी से चल रहा है। अब तक बसे और पिलर का काम करीब करीब हो गया है। अब जल्द ही इसकी गार्डर लांचिंग होगी और उसके बाद ए्रप्रोच रोड का काम भी शुरू होगा। जारी है। चार फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। इनमें बेस और पिलर का काम लगभग पूरा हो चुका है। जल्द गर्डर लांचिंग होनी है जिसकी कार्य बडे ही तेजी से चल रहा है। इसके कारण चन्द्रा मौर्या चौक करीब करीब दो महिने तक बंद रहेगा। सुपेला और चंद्रा-मौर्या चौक पर सामान्य लोगों की आवाजाही बंद कर दी जाए। महीनेभर बाद गर्डर लॉचिंग की तैयारी की गई है। दोनों प्रमुख चौराहों के बाद पावर हाउस चौक को भी बंद करने की तैयारी है। खबर है कि महीनेभर के अंदर इन प्रमुख चौक से आवाजाही रोक दी जाएगी। ताकि चौक के ऊपर से गुजरने वाले फ्लाईओवर का काम तेजी से हो सके। जिला प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस और एनएचआई ने इसे लेकर प्लानिंग शुरू कर दी है। इन तमाम पहलुओं पर तीनों डिपार्टमेंट ने काम शुरू कर दिया है।
अगर दोनों चौक बंद हुए तो हाईवे क्रॉस करने ये विकल्प प्रियदर्शनी परिसर अंडरब्रिज: सुपेला से आने-जाने वाले टाउनशिप व पटरीपार के लोगों के लिए यह पहला विकल्प है। प्रशासन ने अंडरब्रिज के सामने हाइवे में मिडिल कट खोला है। जहां इन दिनों ट्रैफिक सिग्नल भी लगे हुए हैं। प्रशासन इसे ओपन कर देगा। पावर हाउस ब्रिज व अंडरब्रिज: टाउनशिप और पटरीपार वालों के लिए यह भी एक विकल्प है। हालांकि यहां पहले से ही ट्रैफिक रहता है। दोनों प्रमुख चौक बंद होने के बाद सबसे ज्यादा असर होने वाले चौक में यह भी शामिल है। जोन-3 दफ्तर के सामने कट: चंद्रा-मौर्या चौक से गुजरने वाले लोगों के लिए नगर निगम भिलाई के जोन-3 दफ्तर के सामने वाला मिडिल कट एक ब?िया विकल्प होगा। जहां इन दिनों अनौपचारिक रूप से खोला गया है। यहां पर सिग्नल लगाकर चौक को परमानेंट के लिए भी खोला जा सकता है। आखिर दोनों चौक कब तक खुल पाएंगे यह भी तय नहीं अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या सुपेला और चंद्रा-मौर्या चौक को तब तक बंद रखा जाएगा तब तक निर्माण नहीं हो जाता? इस सवाल का जवाब एनएच के अफसर देते हैं कि सुपेला और चंद्रा-मौर्या चौक के ऊपर के हिस्से में जितना काम होगा। उसके फिनिश होने के बाद चौक को खोला जाएगा। इन सब में चार से पांच महीने लगेंगे। ब्रिज बनने में 7 महीने और लगेंगे। कुम्हारी: सबसे छोटा ब्रिज है। इस पर 49.26 करोड़ रुपए खर्च हो रहे। 70त्न तक काम हो चुका है। गर्डर लांचिंग हो चुका है। ट्रांसपोर्ट नगर: 75.53 करोड़ रुपए खर्च हो रहे इस पर। नहर के ऊपर सर्विसलेन बनाई गई है। सड़क सकरी है। पॉवर हाउस चौक: 95.60 करोड़ रुपए की लागत है। ट्रैफिक का दबाव अधिक है। यहां फिलहाल 30त्न तक काम हुआ है। सुपेला से चंद्रा-मौयार्: 130.10 करोड़ रुपए खर्च हो रहा है। सर्विसलेन में कब्जे हैं। रास्ते में दबाव बना रहता है। यहां 32त्न काम हो चुका है। ट्र्रैफिक का बढेगा दबाव तो बढ सकता है हादसा इन दोनों चौक को बंद करने के बाद शहर में ट्रैफिक का दबाव ब?ेगा। इससे हादसे ब?ने की आशंका भी रहेगी। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस विभाग ने अब तक हादसे रोकने जो-जो प्लान बनाए हैं वो जमीनी स्तर पर प्रभावशील ही नहीं रहा। सिर्फ कागजों में प्लानिंग हुई है। लेकिन इस बार ट्रैफिक पुलिस को पुख्ता तौर पर प्लानिंग बनाकर ग्राउंड में एक्जीक्यूट करना होगा ।