छत्तीसगढ़

के एस के महानदी की बिक्री को प्रभावित करने के लिए प्रबन्धन ने कूटरचना करके किया तालाबंदी* *3 हजार मजदूर की रोजी रोटी हुई बन्द* *17 सितम्बर 2019 को 1 हफ्ते के लिए हुई थी तालाबंदी

*के एस के महानदी की बिक्री को प्रभावित करने के लिए प्रबन्धन ने कूटरचना करके किया तालाबंदी*
*3 हजार मजदूर की रोजी रोटी हुई बन्द*
*17 सितम्बर 2019 को 1 हफ्ते के लिए हुई थी तालाबंदी*

अकलतरा। के एस के महानदी पावर कम्पनी लिमिटेड में नाटकीय रूप से फिर से तालाबंदी हो गयी है, पिछले साल 17 सितंबर 2019 को मजदूरो के बीच आपसी विवाद का नाम लेकर तालाबंदी कर दिया गया था, लेकिन इस बार कथित रूप से मजदूरो के आंदोलन और उत्पात का नाम लेकर फिर से 10 जनवरी 2021 को तालाबंदी कर दी गयी है। सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि कारखाना में बाहरी असामाजिक तत्वो के सहारे प्लांट में दहशत फैला कर बन्द कराया गया है, ताकि कारखाना में विवाद की स्थिति निर्मित हो और कारखाना खरीदने वाले पीछे हट जाए जिससे पूर्व से फल फूल रहे सफेदपोश लोगो से मिल कर स्थानीय प्रबन्धन मलाई निचोड़ता रहे।

मजदूरो ने आरोप लगाया है कि जब कोई नियमित मजदूर एक दिन गेटपास भूल जाता है तो उसे कारखाना में प्रवेश नही दिया जाता तो फिर ऐसे लोग जो कारखाना के मजदूर नही है वो बड़ी बड़ी चार पहिया वाहन से प्लांट में घुस कर आंदोलन करते है।
सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी मिल रही है कि कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधि वहां ठेका के आड़ में मजदूरो की दलाली कर रहे है, लगातार मजदूरो की समस्या बनी हुई है जिसका फायदा उठाने के लिए उनका उपयोग करके स्वार्थ पूरा किया जाता रहा है।
छत्तीसगढ़ पावर मजदूर संघ (एच एम एस) ने मांग की है कि इस तरह के अवैधानिक तालाबंदी में मजदूरो को उनकी मेहनताना का पूरा भुगतान होना चाहिए और प्रशासन एक कमेटी गठन कर यह जांच सुनिश्चित करे कि यह तालाबंदी सुनियोजित तरीके से हुई है, क्योकि तालाबंदी करके स्थानीय प्रबन्धन मजदूरो को बदनाम कर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहा है, यह क्षेत्र को भी बदनाम करने की साजिश है।
वही 20 बर्खास्त श्रमिक नेताओ जिनकी बहाली हुई उन्होंने नाम ना बताने की शर्त रखते हुए यह कहा है कि पिछले बार हम लोगो की चरित्र हत्या करने का पूरा प्रयास किया गया जिससे साल भर हम लोग नौकरी से बाहर थे पर इस बार कौन जिम्मेदार है.? कारखाना में मजदूरो की समस्याओं के लिए विरोध प्रदर्शन आम बात है किंतु इस बार कूटरचित तालाबंदी है जिससे यह माहौल बने कि इस कारखाना में मजदूर लड़ाई झगड़ा करते रहते है।
आपको बता दे पिछले 2 साल से लगभग 1500-1800 मेगावाट की बिजली उत्पादन होता रहा है जिससे इसकी परफार्मेंस रेटिंग में सुधार हुआ है जिसके वजह से इसकी बिक्री जल्द ही होने वाली है पहला यूनिट 2013 को उत्पादन में आया था वर्तमान तीन इकाइयों से उत्पादन होता है जिसकी क्षमता 600 मेगावाट है।

Related Articles

Back to top button