छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

लोकल ट्रेन चलने के लिए रेलवे बोर्ड से हरी झण्डी का इंतजार

परिचालन बंद होने से रेलवे को भी हो रहा आर्थिक नुकसान
यात्रियों को भी हो रहा भारी दिक्कत, हजारों श्रमिक हुए बेरोगजा
भिलाई । कोरोना काल में लंबे समय से बंद लोकल ट्रेने बंद हो जाने के कारण लोगों सहित रेलवे के कर्मचारियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, इसके अलावा रेलवे को भी आर्थिक नुकसान उठाना तो पड़ ही रहा है। लोकल ट्रेन के बंद होने के कारण हजारों श्रमिक भी बेरोजगार हो गये है। लोगों की समस्याओं और रेलवे कर्मियों को लोकल ट्रेन नही चलने से हो रही दिक्कतों को ध्यान में रख प्रगतिशील रेल कल्याण समिति द्वारा गत दिवस यहां प्रवास पर आये बिलासपुर रेलवे जोन के जीएम को लोकल ट्रेन चलाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा और उनको इसके परिचालन बंद होने के कारण हो रही समस्याओं से भी अवगत कराया। इसके कारण लोकल ट्रेन का परिचालन फिर से शुरू करने की कवायद दिल्ली स्तर पर होने लगी है। इसके लिए रायपुर रेल मंडल ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजकर मंजूरी मांगी  है। रेलवे बोर्ड से हरी झण्डी मिलते ही बिलासपुर से डोंगरगढ़ रूट पर लोकल ट्रेनें फिर से दौडऩे लगेगी। कोविड को देखते हुए राज्य सरकार की सहमति भी इसके लिए जरुरी होगी।
लोकल ट्रेनों का परिचालन बंद रहने से सबसे अधिक दिक्कत का सामना भिलाई-दुर्ग के हजारों दैनिक रेल यात्रियों को करना पड़ रहा है। कारोबारी तथा नौकरी पेशा लोगों को लोकल ट्रेनों के अभाव में बस अथवा निजी परिवहन के साधन का उपयोग करना पड़ रहा है। इसमें खर्च भी अधिक लगने से घर का आर्थिक बजट गड़बडा सा गया है। दरअसल दुर्ग भिलाई से रायपुर के लिए लोकल ट्रेनों में किराया महज 10 रुपए लगता है। जबकि निजी बसों के सफर में इसके लिए 40 से 45 रुपए खर्च करना पड़ रहा है। रेलवे द्वारा लॉकडाउन खत्म होने के बाद चरणबद्ध तरीके से लंबी दूरी के एक्सप्रेस ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है। चुनिंदा स्पेशल ट्रेनों को ही भिलाई पावर हाउस स्टेशन में स्टापेज दिया गया है। जबकि ज्यादातर दुर्ग से छूटने के बाद सीधे रायपुर जाकर रुकती है। ऐसे में बीच के छोटे स्टेशन वाले शहर व कस्बों में रहने वालों को लंबी दूरी की ट्रेन पकडऩे के लिए लोकल ट्रेनों के अभाव में निजी साधन से दुर्ग अथवा रायपुर जाना पड़ रहा है।
गौरतलब रहे कि भिलाई-दुर्ग सहित आसपास के खुर्सीपार, जामुल, भिलाई-3, चरोदा व कुम्हारी जैसे शहर व नगरों में विभिन्न प्रांत के निवासियों की बहुलता है। ऐसे लोग गृहग्राम जाने के दौरान भिलाई पाावर हाउस या फिर  दुर्ग रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ते रहे हैं। ऐसे लोग पहले अपने नजदीकी स्टेशन से लोकल ट्रेन पकड़कर पावर हाउस या फिर दुर्ग स्टेशन जाकर अपनी ट्रेन पकड़ते थे। कोरोना काल में चल रही स्पेशल ट्रेनों को रायपुर या दुर्ग जाकर पकडऩे के लिए लोकल ट्रेनों की सुविधा नहीं मिलने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि भिलाई-3 चरोदा क्षेत्र में रेलवे का विस्तृत यार्ड व अन्य इकाईयां है। इसमें भिलाई मार्शलिंग यार्ड, एक्सचेंज यार्ड, इलेक्ट्रिक लोको शेड, कैरिज एंड वैगन रिपेयरिंग शॉप, पीपी यार्ड, लोको पायलट व गार्ड लॉबी विशेष रूप से शामिल है। इन इकाईयों में कार्यरत रेलवे कर्मचारियों के लिए भिलाई-3 व चरोदा के छोटे स्टेशन पर लोकल ट्रेनों से आने जाने में सहुलियत होती थी।
लोकल ट्रेनों का परिचालन बंद रहने से निजी परिवहन के साधन से कार्यस्थल आने जाने से इन कर्मचारियों का बजट गड़बड़ा सा गया है। ऐसी ही दिक्कत का सामना निजी व पारिवारिक काम से छोटे स्टेशनों के बीच आना जाना करने वालों को भी सामना करना पड़ रहा है।

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