छत्तीसगढ़

राज्य सरकार के दो वर्षो में विकसित जिले के रूप में बदलती कबीरधाम जिले के तस्वीरें  

भोरमदेव शक्कर कारखाना से लेकर विकास के एथेनॉल प्लांट तक का कबीरधाम जिले का सफर
 
राज्य सरकार के दो वर्षो में विकसित जिले के रूप में बदलती कबीरधाम जिले के तस्वीरें
 
विकास की गौरवगाथा कबीरधाम जिले के दो बरस
 

कवर्धा, 02 जनवरी 2021। कबीरधाम जिले का निर्माण सन 1998 में हुआ। इससे पहले यह जिला राजनांदगांव का हिस्सा था। वर्तमान में दुर्ग संभाग का एक महत्वपूर्ण जिला है। जिला बनने के बाद कबीरधाम जिला तेजी से विकास और प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हुआ है। तत्कालिन मुख्यमंत्री श्री अजित जोगी के कार्यकाल में वर्ष 2002-2003 में राज्य का पहला भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना स्थापित होने से पूरे प्रदेश में जिले को नई पहचान मिली। छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष के बाद नई सरकार के दो वर्ष में ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कुशल मार्गदर्शन में एक बार फिर कबीरधाम जिले को राज्य ही नहीं अपितु पूरे देश में नई पहचान और उचाइंया मिल रही है। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में कृषि पर आधारित देश का पहला एथेनॉल प्लॉट लगने जा रहा है। पी.पी.पी.मॉडल से एथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में छत्तीसगढ़ एक पहला उदाहरण होगा। हाल ही में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष मौजूदगी में जिले में एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए अनुबंध की प्रक्रिया पूरी हो गई है। एथेनॉल का प्लांट लगने से कबीरधाम जिले के धान और गन्ना उत्पादक किसानों को दोगुना सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही प्रदेश के स्थानीय शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार का सृजन होगा। वर्ष 2020 जाते-जाते कबीरधाम जिले ही नहीं पूरे प्रदेश को उन्नति और प्रगति का हर्ष का अहसास करा दिया है।
कबीरपंथ के प्रणेता कबीर की धरती है कबीरधाम जिला। जिनको उत्ताधिकरियों ने भी गद्दीनशीन होकर यहां कबीरपंथ का विस्तार किया है। कबीरधाम में हस्तशिल्पकारी के जादुई कलाकार है जो कुंभकारी, कास्ट शिल्प, बांस शिल्प, लौह शिल्प आदि का हुनर बरसों से संजोए हुए है। महत्वपूर्ण पुरातन परम्पराओं के धनी कबीरधाम, अब वर्तमान में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अगुवाही में आधुनिक विकास की उंचाइयां हासिल करने के लिए अग्रसर है। विषय युवाआें के रोजगार का हो, कृषि विकास का, अधोसंररचनात्मक उन्न्ति का या स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं का। कबीरधाम हर क्षेंत्र में स्वाभिमान के साथ उन्नति और प्रगति पर निरंतर आगे बढ़ रहा है।
प्रशासनिक रूप से कबीरधाम जिले में पांच तहसील है, जिला मुख्यालय कवर्धा है। विकासखण्ड मुख्यालय कवर्धा, पंडरिया, बोडला और सहसपुर लोहारा है। यह जिला 4447.05 वर्ग किलोमीटर पर फैला हुआ है। जिले में कुल ग्राम पंचायतें 468 है और गावां की संख्या 1006 है। यहां की प्रमुख नदियां सकरी, हॉफ नदी है। जिले में वनसंपदा के रूप में भोरमदेव अभ्यारण है। खनिज की प्रचुर भण्डार यहां उपलब्ध है। कृषि के क्षेत्र में जिले की प्रमुख फसलें धान, गन्ना, चना, सोयाबीन और अन्य दलहन तिलहन है। खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए यहां पांच मध्यम जलाशय है।
      प्रदेश में नई सरकार बनने और मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल की अगुवाही में राज्य सरकार द्वारा कबीरधाम जिले में कृषि पर आधारित उद्योगों की स्थापना के साथ-साथ जिले की समुचित विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है।
श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ के बाद ही प्रदेश की जनता से किए गए वायदें पर सरकार ने पहले ही दिन से अमल करना शुरू कर दिया। किसानों के कर्जा माफ करने का सरकार की पहली ऐतिहासिक फैसला रही है। इस फैसले से पूरे प्रदेश के 18 लाख किसानों का करीब 9 हजार करोड़ रूपए अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया। कबीरधाम जिले के के 75 हजार 450 किसानों का 4 सौ 55 करोड़ 66 लाख रूपए ऋण माफ किया गया। राज्य सरकार की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने वाली सुराजी गांव योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना से आज गांवों की तस्वीर बदल रही है। जिले में अधोसंरचना के क्षेत्र में जिले अलग पहचान मिल रही है।
कबीरधाम जिले में दो राज्यों (छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश) को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क पंडरिया-बजाग मार्ग का निर्माण काम तेजी के साथ शुरू हो गया है। इस महत्वपूर्ण सड़क निर्माण कार्य के लिए 128 करोड़ रूपए की स्वीकृति मिली है। कबीरधाम जिले से पंडरिया से डिडौंरी जिले के बाजाग वनग्राम तक कुल 35 किलोमीटर तक टू-लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। सड़क निर्माण होने से इन दोनों राज्यों के बीच बेहतर व्यापार और पर्यटन को आगे बढ़नें में मदद मिलेगी। कवर्धा शहर के बीचो-बीच सकरी नदी में ब्रिटिश कालीन पुलिया (जर्जर अवस्था)को तोड़कर उच्च स्तरीय पुलिया का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। यह इस जिले की बहुप्रतिक्षित मांग भी रही है।
      छत्तीसगढ़ शासन के महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत जिला कबीरधाम में नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक किया गया है सभी घटकों में शासन अनुरूप ग्रामीण अंचलों में परम्परागत कार्यो को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था कों मजबूत करने के लिए बहुत से उल्लेखनीय कार्य हुए है। जिला कबीरधाम में नरवा विकास के लिए 42 नालों का चयन किया गया है, जिसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से प्रथम चरण और दूसरे चरण को मिला कर 20 नालों में नरवा विकास का कार्य स्वीकृत किया गया। इस तरह जिले के 20 नालों के लिए कुल 615 कार्य स्वीकृत है जिसकी लागत 925.56 लाख रूपए है। अब-तक 375 कार्य पूर्ण हो गए है और शेष कार्य प्रगतिरत है।
      नरवा के इन कामों से  जिले के 172.26 किमी लम्बी नाले का ट्रिटमेंट होगा, जिससे ग्रामीणों को खेती किसानी के लिए अतिरिक्त जल कि उपलब्धता होगी और भूजल स्तर बेहतर होगा।
नाला जिर्णोद्धार के लिए लूज बोल्डर चेक डेम, गेबियन स्ट्रक्चर, स्टाप डेम, भूमि सुधार, गाद निकासी कार्य, कूप निर्माण और वृक्षारोपण जैसे कार्य कराए जा रहे है। जनपद पंचायत कवर्धा में खरभात नाला, बिजाझोरी नाला बिजाझोरी नाला शामिल है। जनपद पंचायत बोड़ला में गेन नाला, जतला नाला, दियाबार, रमदू, बिजाझोरी नाला लोटिया डबरी मुडियाखोल शामिल है। सहसपुर लोहारा में नर्मदा नाला, कोटिया नाला, दमउ नाला, कर्रा नाला है। इसी तरह जनपद पंचायत पण्डरिया में बम्हन नाला, दमगढ़ नाला, सरैहा नाला, चितामाड़ा नाला, बंदौरा नाला और बीजा नाला है, जिनका जीर्णोद्धार किया जाएगा।
गरूवा घटक के अंतर्गत गौठान विकास का कार्य जिले में कराया गया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और 14वें वित्त योजना के माध्यम से  कार्य हुआ है। प्रथम चरण में 74, दूसरे चरण में 150, तीसरे चरण में 77 सहित कुल 301 गौठानों की स्वीकृति की गई, जिसमें से 205 गौठान पूर्ण है। 62 गौठान में निर्माण कार्य प्रगतिरत है। तीसरे चरण में स्वीकृत गौठान का कार्य प्रगतिरत है। जनपद पंचायत कवर्धा में 76, जनपद पंचायत बोड़ला में 82, जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा में 71, जनपद पंचायत पण्डरिया में 72 ग्राम पंचायतों में गौठान का कार्य स्वीकृत किया जा चुका है। इन गौठानो के लिए मनरेगा योजना से 1521.16 लाख रूपए और अन्य योजना से 146.03 लाख रूपए सहित 1667.19 लाख रूपए मंजूर किए गए थे। गौठानों में पशुधन के लिए छाया, पानी, चारा और चिकित्सा सुविधा समग्र रूप से उपलब्ध रहता है। सभी गौठानों को आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें महिला स्व.सहायता समूह और स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिले। मुख्य रूप से वर्मी खाद तैयार करना और सब्जी-भाजी उत्पादन इसमें प्रमुख है। महिला समूह द्वारा गौठान में उपलब्ध गोबर से अब-तक 101.25 टन वर्मी खाद तैयार किया गया है। जिसकी बिक्रि से 8 लाख 16 हजार 500 रूपए की आमदनी की है। इस कार्य में 224 महिला स्व सहायता समूह लगी हुई है।

 
गोधन न्याय योजना –

गौ पालकों के आय दोगुनी करने और उन्हे आर्थिक रूप से मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए राज्य सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी है गोधन न्याय योजना। इस योजना के तहत पहला और दूसरे  चरण के 224 गौठानों में गोबर खरीदी का कार्य ग्रामीणों से ग्राम गौठान प्रबंधन समिति द्वारा किया जा रहा है। जिले में अब तक 4 हजार 427 पशु पालको ने गोबर बेचने  के लिए अपना पंजीयन कराया है। जिले में अब तक 1 करोड़ 15 लाख 54 हजार 61 किलो ग्राम (11554.061 टन) गोबर की खरीदी हुई है। गोबर खरीदी के विरूद्ध 2 करोड़ 18 लाख 18 हजार 257 रूपए का भुगतान हितग्राहियों को उनके बैंक खाते के माध्यम से जारी किया गया है।

धान खरीदी –

ऋण माफी योजना से लाभन्वित होकर किसान अब खेती किसानी को ओर लौटने लगे है। किसानों की संख्या भी बढ़ी है। जिले में सुचारू रूप से धान खरीदी की व्यवस्था संपादित हो इसके लिए संसाधन और सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही है। वर्ष 2019-20 में 6 नवीन उपार्जन केन्द्र, वर्ष 2020-21 में 8 नवीन धान उर्पाजन केन्द्र इस प्रकार जिले में कुल 14 नए धान उपार्जन केन्द्र खोले गए है। जिले में 30 नए प्राथमिक शाख सहकारी समिति खोले गए है। जिले में 60 से बढ़कर प्राथमिक शाख सहकारी समिति की संख्या 90 हो गई है।

धान चबूतरा –

जिले के धान संग्रहण केन्द्रों में चबूतरा निर्माण का कार्य किया गया है। पहले चरण में 66 और दूसरे चरण के 54 सहित कुल 120 धान उपार्जन केन्द्रो के लिए क्रमशः 215 और 54 सहित कुल 269 चबूतरे का निर्माण किया गया है। महात्मा गांधी नरेगा योजना से धान चबूतरा निर्माण के लिए कुल 526.74 लाख रूपए औरं अन्य मद से 9 लाख रूपए सहित कुल 535.74 लाख रूपए स्वीकृत किया गया था।
राजीव गांधी न्याय योजना -छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा फसल उत्पादन प्रोत्साहन  योजना एवं किसानों को उनके उपज का सही दाम दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ किया गया। इस योजना से कबीरधाम जिले के 80 हजार 776 किसान को लाभ मिल रहा है। लाभान्वित किसानों को226 करोड़ 56 लाख रूपए चार किश्तों के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। अब तक 3 किश्तों में 178 करोड़ 41 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।
 
 शिक्षा –

कबीरधाम जिले में कोरोना काल की वजह से विद्यालयों में अध्यापन कार्य नहीं होने के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए माह अप्रैल 2020 से निरंतर शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई पढ़ई तुहंर दुआर योजना के तहत कक्षा 6-12 वीं तक औसत प्रतिमाह 13469 छात्र-छात्राओं कुल 121265 को ऑनलाईन पढ़ाया गया। राज्य सरकार की नई नीति से जिला खनिज न्यास से स्थानीय स्तर पर जिले के शिक्षित युवक-युवतियों को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार देने का बड़ा काम इस जिले में हुआ है।

शाला संगवारी –

जिले में निवासरत् विशेष पिछड़ी जनजाति स्थानीय बैगा समुदाय के 111 शिक्षित युवक-युवतियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के लिए शाला संगवारी बनाया गया है। इसी तरह स्वास्थ्य क्षेत्र में जिले में ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार करते हुए 80 एएनएम की सेवाए ली जा रही है। यह यह पूरे प्रदेश में एक मॉडल जिला बन गया है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना –

वर्ष 2020 में देश दुनिया की अर्थव्यवस्था को चौपट कर देने वाली कोविड 19 कोरोना वायरस के संक्रमण और उनके रोकथाम के लिए लगाई गई लॉकडाउन के दौरान इस महामारी से प्रभावितों के लिए महात्मागांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना काफी मददगार साबित हुआ है। जिले में वित्त वर्ष 2020-21 में अब-तक कुल 1,82,000 परिवार पंजीकृत है, जिसमें 420898 मजदूर पंजीकृत है। चालू वित्तीय वर्ष में 70,13,049 मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है जो कि निर्धारित लक्ष्य का 82.51 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष कि समाप्ति तक निर्धारित लक्ष्य से अधिक का रोजगार दिया जाना अपेक्षित है। वैश्वीक महामारी कोरोना लॉकडाउन के दौरान जिले में प्रतिदिवस औसतन 160000 मजदूर कार्य कर रहे थे, जो कि योजना प्रारंभ से अब-तक सर्वाधिक मजदूरों का कार्य करना रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में 10063 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार प्रदान किया जा चूका है, जो कि कबीरधाम जिला पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। इस वित्तीय वर्ष में अब-तक 14451.19 लाख रूपए व्यय हुआ है,जिसमें से 10699.6 लाख रूपए सामग्री पर व्यय किया गया है। वर्तमान में 490 कार्य प्रगतिरत है तथा प्रत्येक ग्राम पंचायतों के लिए निर्माण कार्य स्वीकृत किया जा चूका है जिसमें ग्रामीणो के मांग पर तत्काल खोला जाएगा। नया तालाब निमार्ण कार्य, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, मिटटी सड़क निर्माण, कूप निर्माण, गौठान विकास, नरवा विकास, नाडेफ टेंक, अंजोला टेंक, बकरी पालन शेड, मुर्गी पालन शेड, पशु शेड जैसे बहुत से हितग्राही और सामुदायिक मूलक कार्य संचालित है।ं वैश्विक  महामारी कोरोना के दौरान 6019 प्रवासी मजदूर परिवारों को योजना से जोड़कर रोजगार प्रदाय करते हुए मजदूरी भुगतान से लाभान्वित किया गया।

बैंक सखी –

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान‘‘ के तहत ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाते हुए आर्थिक रूप से लाभान्वित करने के लिए बैंक सखी के कार्य से जोड़ा गया। वर्तमान में जिले के जनपद पंचायत बोड़ला में 25, कवर्धा में 20, पण्डरिया में 29 और सहसपुर लोहारा में 19 सहित कुल 93 महिलाएं बैक सखी के रूप में कार्य कर रही है। बैंक सखी द्वारा विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन, गोधन न्याय योजना का भुगतान, महात्मा गांधी नरेगा योजना का मजदूरी भुगतान, ग्रामीणों को उनके घरों में जाकर आधार बेस्ट पेयमेंट बायोमेट्रीक उपकरण के माध्यम से प्रदाय कर रहीं है। बैंक सखी द्वारा अब-तक 95541196.00 रूपए का भुगतान ग्रामीणों को किया गया है।बैंक सखी की सुविधा मिल जाने से शारीरिक रूप से कमजोर और दूरस्त अंचलों में रहने वाले ग्रामीणों को बैंक आने कि आवश्यकता नहीं होती। इससे ग्रामीणों के समय और धन की बचत होती है।
 
भोरमदेव आजीविका परिसर (मल्टीयूटीलिटी सेन्टर) –

जिले के विकासखण्ड बोड़ला के ग्राम राजानवागांव में भोरमदेव आजीविका परिसर का निर्माण मल्टीयूटीलिटी सेन्टर में किया गया। मल्टीयूटीलीटी सेन्टर में इन्डोर एवं आउटडोर गतिविधियों से आजीविका संवर्धन का कार्य महिला समूह द्वारा किया जा रहा है। 8 महिला स्व सहायता समूह द्वारा आजीविका परिसर के अंदर विभिन्न गतिविधियां संचालित किया जा रहा है, जिसमें बैग निर्माण, दोना पत्तल निर्माण, मसाला निर्माण, प्रिंटीग कार्य, पेकेजिंग का कार्य आदि शामिल है। इन गतिविधियो से समूह ने 91,340 रूपए की आय अर्जित की है। 5 महिला समूह द्वारा आजीविका परिसर के बाहर सब्जी उत्पादन की गतिविधियों में लगी है। सब्जी उत्पादन के द्वारा इस वर्ष अब-तक महिला समूह ने लगभग 1 लाख 25,000 रूपए कि आमदनी की है। इसके अतिरिक्त 4 महिला समूह द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र कवर्धा और उद्यानिकी विभाग के सहयोग से मधुमक्खी पालन कि गतिविधियों से जुड़ी है। 100 बॉक्स में मधुमक्खी पालन किया जा रहा है और प्रत्येक बॉक्स से 2000 रूपए की आमदनी होना संभावित है।

ग्राम बम्हनी में सब्जी उत्पादन –

विकासखण्ड बोड़ला के ग्राम पंचायत बम्हनी में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग, कृशि विभाग उद्यानिकी विभाग के संयुक्त प्रयास से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार का निरंतर अवसर मिले इस हेतु सब्जी उत्पादन का कार्य 10 एकड़ भूमि में संचालित है। 7 महिला स्व सहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन के कार्य में लगी है जो कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान‘ के तहत है। सब्जी मे करेला, बरबटटी, गवार फल्ली आदि का उत्पादन हो रहा है। महिला समूह द्वारा सब्जी विक्रय से अब-तक लगभग 48 हजार 600 रूपए कि आमदनी की है।बम्हनी में एरोमेटिक पौधे (लेमन ग्रास, सिंट्रोनेला) का उत्पादन का कार्य चल रहा है।
 
भोर कलेवा –

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान‘ के तहत 05 महिला समूह भोर कलेवा नामक स्वल्पाहार केन्द्र का संचालन कर रहें है। जिले का प्रथम भोर कलेवा राष्ट्रीय राजमार्ग 30 में स्थित आर्दश गौठान बिरकोना में संचालित है। कलेक्टर कार्यालय कबीरधाम, जिला पंचायत परिसर, ग्राम पंचायत पोंड़ी और ग्राम पंचायत चिल्फी भोर कलेवा स्वल्पाहार केन्द्र में छत्तीसगढ़ी व्यंजन महिला समूह द्वारा संचालित की जा रही है। इससे समूह को प्रतिदिन सात से आठ रूपए की आमदनी हो रही है।

महिला समूह द्वारा संचालित अन्य गतिविधियां –

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान‘ के तहत गठित बहुत सी महिला स्व सहायता समूह अन्य कार्य में भी सम्मिलीत है जिसमें मुख्य रूप से गौठान में उपलब्ध गोबर से दीये बनाना, गोकाश्ट लकड़ी बनाना, गमला निर्माण, गुलाल निर्माण, राखी निर्माण, पेन निर्माण आदि सामग्री तैयार कर बेचते हुए लाभ अर्जित कर रही है।
 
स्वास्थ्य सुविधाएं –

कोरोना वायरस के रोकथाम-कबीरधाम जिले में कुल कोरोना जांच 89370 किया गया है, जिले मे  कोरोना मरीजो की संख्या 5346 है, जिसमे से स्वस्थ्य हो चुके मरीजो की संख्या 4917 है एवं सक्रिय मरीजो की संख्या 364 है। कबीरधाम जिले में कोरोना उपचार के लिये 01 कोविड केयर सेन्टर (भोरमदेव कन्या परिसर) जिसमे 300 बिस्तरो की सुविधा है तथा 01 डेडीकेटेड कोविड केयर सेन्टर (आयुष पॉलिक्लिनिक,कवर्धा) 100 बिस्तर है, जिसमे 10 बेड आईसीयू, 62 बेड आक्सीजेनेटेड बेड की सुविधा उपलब्ध किया गया है। कबीरधाम के अंर्तगत विकासखण्ड स्तर पर  कुल  24 प्रमुख हाट बाजार चिन्हाकित किया गया है। चिन्हाकिंत 24 हाट बाजार में 31 प्रमुख हाट बाजार क्लीनिक संचालित किया गया है। हाट बाजार योजना के अंतर्गत  लाभान्वित पुरूष 312 और महिला 352 कुल 664 हितग्राही लाभान्वित  हुए है।  बाईक एम्बुलेंस -मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये जिला कबीरधाम मे मोटर बाइक एम्बुलेंस दिनांक 15.07.18 से वनांचल क्षेत्र दलदली, बोक्करखार, झलमला, कुकदुर, छीरपानी में संचालित है व बाइक एम्बुलेंस सुविधा(संगी एक्सप्रेस) के द्वारा कुल 1068 गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने हेतु एवं 3862 गर्भवती महिलाओं को आवश्यक प्रसव पूर्व जांच कराने हेतु लाभांवित किया गया। सुपोषण अभियान -टेक होम राशन से गर्भवती माता, शिशुवती 0-6 वर्ष के बच्चों को अधिकाधिक रूप से सूखा राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इन सेवाओं के तहत 1 लाख 4 हजार 21 हितग्र्राही लाभांवित हो रहे है।

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