पंचायत सचिवों की मांगों के समर्थन में उतरा छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन
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छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने ग्राम पंचायत सचिव संघ के मांगों का समर्थन करते हुए प्रदेश सरकार व शासन से शीघ्र पूर्ण करने की मांग की है। जिला मुख्यालय के स्थानीय राजीव गांधी पार्क में जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन के सातवें दिन एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रमेश कुमार चंद्रवंशी के नेतृत्व में धरनास्थल पर पंहुचकर पंचायत सचिवों को दो वर्ष की सेवा पश्चात शासकीयकरण किए जाने के एक सूत्रीय मांग को जायज ठहराया है
धरनारत पंचायत सचिव को संबोधित करते हुए चन्द्रवंशी ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतराज व्यवस्था की सबसे छोटे इकाई ग्राम पंचायत की रीढ़ माने जाने वाले पंचायत सचिव विगत 24-25 वर्षों से सेवा देते हुए सरकार के विभिन्न विभागों के जनकल्याणकारी योजनाओं को वास्तविक रूप से जमीनी स्तर पर लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते आ रहे हैं। वर्तमान कोरोनाकाल के विषम परिस्थितियों में भी पंचायत सचिवों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। अविभाजित मध्य प्रदेश में 1994-95 में पंचायत सचिव व शिक्षाकर्मियों की भर्ती एक ही समय से प्रारंभ की गई थी, जिसमें शिक्षाकर्मियों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन कर शासकीयकरण कर दिया गया है। अब पंचायत सचिवों का भी अविलंब शासकीयकरण किया जाना चाहिए। एसोसिएशन की टीम में प्रमुख रूप से केशलाल साहू, दुर्गा चंद्रवंशी, राजेंद्र निर्मलकर, देवानंद चंद्रवंशी, गोपी साहू, जयप्रकाश चंद्रवंशी, पन्ना लोधी, राजकिरण चंद्रवंशी, कैलाश शर्मा, शिव धुर्वे, चतुर मेरावी, विष्णु साहू आदि शामिल रहे।
25 वर्ष सेवा के बाद शासकीयकरण से वंचित
ब्लाक अध्यक्ष डमरू नाथ योगी ने बताया कि पंचायत सचिव जो 29 विभाग के दो सौ प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर पर निर्वहन करते हुए राज्य शासन व केंद्र शासन की सेवाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। पंचायत सचिवों के साथ नियुक्त सभी कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी को शासन द्वारा शासकीयकरण कर दिया गया है। केवल पंचायत सचिव 25 वर्ष सेवा के बाद शासकीयकरण से वंचित है। पंचायत सचिवों को शासकीयकरण के लिए प्रदेश के 65 विधायकों द्वारा अनुशंसा पत्र शासन को द्वारा दिया गया।