केशकाल के कुऐमारी की कहानी बक्साइड पठारी की पहचानी
केशकाल। विकासखण्ड केशकाल मुख्याल से करीब 22 किमी दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत कुऐ की कहानी व 35 किमी में फैले पठारी मारी क्षेत्र देश दुनिया के खनिज संपदा में आज भी शुमार है, जो जिला कोण्डागांव के अंतर्गत आने वाले विकासखण्ड केशकाल अंतर्गत कुऐमारी क्षेत्र के बारे में सबसे पहले कुऐमारी का पठारी क्षेत्रों में करीब 35 किमी दूरी पर फैला हुआ बाक्साइड पत्थर की सोना की पहाड भी कहा जाता है। 35 किमी मैं फैले पठारी वन क्षेत्र में ऊपर से पठारी पहाड ही नजर आते है, किन्तु इस क्षेत्र के चिन्हांकन आज से 40 वर्ष पूर्व बाक्साइड खदान का नाम से जाना जाता है, इस क्षेत्र के पठारी पहाड में रहने वाले वनवासी को खेती किसानी में आर्युवैदिक औषणीगुणों मशहूर कोदो, खुटकी का अनाज उत्पादन करने वाले पहाड का नाम से मशहूर है क्यों कि बाक्साइड पत्थर पठारी पहाड होने के चलते चहां की जमीन मे मिट्टी का मात्रा कम व पत्थर का मात्रा अधिक होने पर धान का पैदावार के लिए उपर्युक्त भूमि नहीं होने पर यहां के वनवासी अपने खेती में कोदो खुटकी का खेती करने में मजबूर है।
क्या है, कुएमारी बाक्साइड का कहानी
छ.ग. राज्य के प्रथम कांग्रेस के मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के शासन काल में छत्तीसगढ़ शासन की खनिज विभाग द्वारा आज से 40 वर्ष पूर्व केशकाल के कुऐमारी एवं कांकेर जिले के आमाबेडा के बुधयारमारी बाक्साइड पहाड को निजी कंपनी को बाक्साइड पत्थर खनन से प्राप्त बाक्साइड पत्थर को निकलाने के लिए लीज पर दिया था। जिसके तहत 40 वर्ष पूर्व केशकाल ब्लाॅक के कुऐमारी बाक्साइड खदान से मध्यप्रदेश माईनिंग कारपोरेशन प्राईवेट लिमिटेड के देख रेख में कच्छा बाक्साइड माल दिन-रात मारी क्षेत्र से ट्रक से निकलता था जिसे संबंधित ठेकेदार द्वारा केशकाल मारी से निकलने वाली कच्छा बाक्साइड पत्थर को केशकाल से लगे चिखलाडीह जो (विश्रामपुरी) सडक मार्ग पर सन् 1983-84 में बने भट्टा (चिम्मनी) जिसमें बस्तर रिफाक्टरीज केमिकल प्रा.लि. से संचालित था जिस भट्टा में एक साथ 5-6 ट्रक कच्चा माल को पक्काकर उसमें से कचडा हटने के बाद ज्यादा गुणवत्ता वाली एल्यूमिनियम युक्त ज्यादा प्रतिशत व उच्च गुणवत्ता वाली शुद्ध एल्युमिनियम के लिऐ बालकों कोरबा भेजा करता था, व दूसरी कम गुणवत्ता वाली दूसरा स्थान अर्जित वाला पत्थर को ब्रिडज उपयोग के लिए निकलता था। जो एक भट्टा को आपरेटर द्वारा 15000 सेन्टी ग्रेड में पकाया जाता था। लेकिन केशकाल को पुराना बस्तर जिले के एल्युमिनियम बाक्साइड का नाम से मशहूर हुआ करता था सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस शासकीय फारेस्ट पठारी मारी क्षेत्र में पिछले 40 वर्ष पहले बाक्साइड खजाना पत्थर निकालने के लिऐ खनन प्रारंभ हुआ था जिसके तहत शासन द्वारा दिये गये लीज भू-खण्ड से पूरा माल निकाल चुका है, वर्तमान में कुएमारी वन वासियों के पट्टे वाली भूमि शेष रह गये है, शायद पट्टा वाली भूमि होने के चलते कुऐमारी बाक्साइड खदान खनन भी रोका गया है। कुऐमारी क्षेत्र पूर्व में केशकाल पुलिस थाना अंतर्गत रहा है, केशकाल थाना क्रमशः सन् 1905 में बना इसके बाद पुलिस थाना धनोरा क्रमशः 26/02/1992 में बना इसके पूर्व धनोरा क्षेत्र केशकाल थाना अंतर्गत रहा जो पूर्व में कुऐमारी पुलिस थाना केशकाल में रहा दिनांक 26/02/1992 में धनोरा थाना बनने के पश्चात् कुऐमारी क्षेत्र धनोरा थाना अंतर्गत संचालित है।