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विधानसभा में इन दिनों विकास की चली रही बयार….., These days the growth of development in the assembly …..

छत्तीसगढ़ / प्रदेश के गृह मंत्री के विधानसभा में इन दिनों विकास की बयार चली है . विकास की इस बयार में ग्रामो की एक दुसरे को जोडऩे वाली सडको का चौडीकरण का कार्य तेजी से प्रगति पर है . जैसा की विधान सभा चुनाव के पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने क्षेत्र की जनता को भरोसा दिलाया था कि सडको की हालत में सुधर होगा उसी क्रम में दुर्ग ग्रामीण सहित पाटन विधान सभा जो कि प्रदेश के मुखिया का गृह क्षेत्र है पर इन दिनों सडको के चौडीकरण का कार्य तेजी है . मुख्यमंत्री व गृह मंत्री के क्षेत्र की बात होने से कार्य एजेंसी भी कार्य में तीव्रता ला रही है किन्तु इस तीव्र कार्य के पीछे का भ्रष्टाचार भी इन दिनों चरम सीमा पर है कार्य एजेंसी ने करोडो का ठेका तो ले लिया किन्तु नियमो को ताक पर रख कर कार्य किया जा रहा है कई जगह अवैधानिक रूप से खुदाई की जा रही है तो कई स्थानों में सडक चौडीकरण में खेत की मिटटी का उपयोग किया जा रहा है जबकि चौडीकरण के लिए मुरुम का उपयोग शासन के नियमो में है किन्तु नियमो में मुरुम की और मिटटी की मात्रा का खेल भी ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है वही इस बारे में जब भी सम्बंधित इंजिनियर से चर्चा करने की कोशिश की जाती तो बात का जवाब टालमटोल रूप में दिया जाता है कुछ दिनों पहले चिरपोटी मार्ग की घटना जहा साढ़े आठ करोड़ की लगत से सडक चौडीकरण का कार्य हो रहा है सडक के आधे हिस्से की खुदाई तो कर दी गयी किन्तु सुरक्षा के कोई मापदंड नहीं अपनाया जा रहा ठेकेदार द्वारा जब इस विषय पर साइड इंजिनियर से चर्चा की गयी तो उनका कहना था कि स्थिति अभी नहीं मालुम जगह पर देख कर ही ठेकेदार को सुरक्षा के उपाय की बात कही जाएगी . सोंहिये जब पीडब्ल्यूडी मंत्री के क्षेत्र में कार्य में लापरवाही करने वाले ठेकेदार के कार्यो की नजर नहीं रख पा रहा पीडब्ल्यूडी विभाग तो प्रदेश के अन्य स्थानों में क्या हालत होगी कार्यो की और उसके गुणवत्ता की ऐसा ही एक मामला उतई से मचांदुर मार्ग के चौडीकरण का है जहा ठेकेदार द्वारा सड़क चौडीकरण में खेत की मिटटी का उपयोग किया जा रहा है जिसकी जानकारी ना तो खनिज विभाग को है और ना ही पीडब्ल्यूडी विभाग को यहाँ तक की गाँव के सरपंच व पटवारी भी अनिभिज्ञ है वो भी तब जबकी कृषि भूमि से दिन दहाड़े डम्पर और जेसीबी का उपयोग कर सक्दो खेप मिटटी निकाल कर सड़क चौडीकरण के कार्य में उपयोग लाया जा रहा है . खेत की मिटटी के आधार से बने सडक की आयु कितनी होगी ये तो भविष्य की बात है किन्तु एक आम रास्ते में खेत से मिटटी जिस तरह ठेकेदार द्वारा खुले आम ले जाया जा रहा है और इसकी भनक क्षेत्र के पटवारी को ना हो गाँव के सरपंच को ना हो ऐसा असंभव सा लगता है . शौर्यपथ समाचार पत्र द्वारा मामले की जानकारी क्षेत्र के तहसीलदार को जब दी गयी तब तहसील कार्यालय से नायब तहसीलदार मौके पर पहुँच कर सम्बंधित पटवारी से मामले की जानकारी लेकर पंचनामा बनाया गया . समाचार लिखे जाने तक कार्यवाही कहा तक पहुंची यह ज्ञात नहीं हो पाया किन्तु पीडब्ल्यूडी मंत्री के गृह विधान सभा क्षेत्र में सड़क चौडीकरण के नाम पर खेत की अवैधानिक तरीके से खुदाई और मामले में क्षेत्र के पटवारी , ग्राम के सरपंच विभाग के इंजिनियर की अनिभिज्ञता कई तरह के संदेहों को जन्म देती है . इस मामले में जब क्षेत्र के एसडीओपी सी.एस. ओंगरे से बात की गयी तो उन्होंने कहा मामले की पूर्ण जानकारी लेकर ही आगे की कार्यवाही तय की जाएगी  ।

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