कोसारटेडा बांध अब भुझाएगा कोंडागाँव शहर वासियों की प्यास, प्रोजेक्ट को मिली अनुमति

कोण्डागांव- जिला मुख्यालय की लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका ने शहर के लोगों को पीने योग्य पानी भविष्य में भी बिना किसी रोक-टोक के पहुंचाने के लिए जो योजना बनाई। उसे जल संसाधन विभाग से सहमति मिलने के बाद इस योजना के लिए शासन-प्रशासन से 45 करोड़ रूपए स्वीकृति भी मिल गई हैं। ज्ञात हो कि वर्तमान में डोगरीगुड़ा, बंधापारा, कोपाबेड़ा सहित अन्य इलाकों में पानी की किल्लत के चलते यहॉ के रहवासियों को नपा के टैंकर के भरोसे रहना होता हैं। इन इलाकों में गर्मी के दिनों में तो पानी के लिए फेरे तो लगाने ही पड़ते है साथ ही बारिश के दिनों में भी इन इलाकों में पानी का टैंकर लगातार फेरा लगाते रहता हैं। तब कभी लोगों को पाने योग्य पानी मिल पाता है नगर पालिका ने इन समस्याओं को देखते हुए बस्तर जिले में बने कोसारटेडा का पानी शहर तक पहुंचाने की योजना बनाई। और इसकी स्वीकृति के लिए जगदलपुर स्थित जलसांसाधन कार्यालय को भेजा जहॉ से स्वीकृति मिलते ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन ने इसके लिए शासन से 45 करोड़ की स्वीकृति भी करवा ली और इसके टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है। अब भविष्य में लोगों को पीने के पानी के लिए उतनी मारामारी करने की जरूरत नहीं होगी जितना की उन्हें अभी करनी पड़ रही हैं।
लगभग 33 किमी बिछाना होगा पाईपलाइन-
कोसारटेडा से शहर तक पानी पहुचाने के लिए तकरीबन 33 किमी बड़ेकनेरा, कोकोड़ी होते हुए पाईप लाईन बिछाई जाएगी। विभागीय इंजीनियरों की माने तो पानी के के फोर्स को देखते हुए बीच में टैंक बानाने की जरूरत होगी तो उसका निर्माण स्थल चयन कर किया जाएगा। इसके साथ ही शहर के आउटर एरिया में फिल्टर टिंटमेंट प्लांट भी स्थापित किया जाएगा। जिससे कि, शहरवासियों को साफ व स्वच्छ पानी मिलता रहे। हालांकि अभी इसके लिए स्थल चयन तो नहीं किया गया है, लेकिन इसे शहरी सीमा में भी बनाया जाएगा। जिससे कि इसकी देखभाल भी नियमानुसार होती रहे।
प्रतिवर्ष 3 क्यूबिक मिलियन पानी की आवश्यकता-
वर्तमान स्थिति को देखे तो हर साल शहरवासियों को पानी पिलाने के लिए 3 क्यूबिक मिलियन पानी स्टोरेट की आवश्यकता होती हैं। और शहर के आसपास इतनी मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं है। इसलिए योजना बनाकर बांध से पानी को शहर तक पहुंचाने की जरूरत पड़ी। फिलहॉल शहर में पंम्पहाउसों के माध्यम से पानी की स्पलाई की जा रही हैं। जो आने वाले समय में इसकी पानी की कैपिसिटी तो बढ़ेगी लेकिन इन पंपहाउसों से इतना पानी लगातार उपलब्ध हो पाना संभव नहीं दिखता।
वर्सन-
शासन स्तर पर ही टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी की गई है फिलहॉल अभी इसे नगरपालिका को डिपुट नहीं किया गया हैं।
सूरज सिदार, सीएमओ नपा