दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन प्रतिष्ठित कलाकारों के सरकारी आवास खाली करने पर लगाई रोक
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा तीन प्रतिष्ठित कलाकारो को जारी सरकारी आवास खाली करने के नोटिस पर रोक लगा दी। इनमें से दो कलाकार पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हैं। इन कलाकारों ने अपनी याचिका में इस नोटिस के खिलाफ कहा कि उन्हें आवास उनके संबंधित कला के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए दिया गया था, जिसे वे अभी भी बहुत कम कमाई के बावजूद बढ़ावा दे रहे हैं।
न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के बाद तीनों याचिकाकर्ता कलाकारों भारती शिवाजी, वी जयराम राव और बनारसी राव के लिए 23 दिसंबर को जारी निष्कासन नोटिस पर रोक लगा दी। साथ ही उच्च न्यायालय ने इस याचिका पर संस्कृति मंत्रालय एवं आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से जवाब मांगा है। उच्च न्ययालय ने इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी, 2021 की तारीख तय की है। उच्च न्यायालय ने इस याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर प्रतिवादी पक्ष इस मसले को लेकर याचिकाकर्ताओं से बात करता है तो इस संवाद में कोई बाधा नहीं है।
साथ ही पीठ ने प्रतिवादी मंत्रालयों को कहा है कि वह ऐसी कोई नीति बना सकते हैं जिससे इस तरह के प्रख्यात कलाकारों को नाममात्र के शुल्क पर जीवन भर के लिए सरकारी आवास में रहने की अनुमति मिल सके। वहीं, याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता में सभी वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनके पास सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए घर को छोड़कर दिल्ली में रहने के लिए कोई वैकल्पिक आवास नहीं है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि अन्य पेशेवरों की तरह वह पैसे की पर्याप्त राशि नहीं पाते हैं, बल्कि कला को जीवित रखने के लिए अपने कर्म को अंजाम दे रहे हैं। उनका कहना था कि वह देश की कला और संस्कृति के ब्रांड एंबेसडर हैं। वे बेशकीमती हैं। इस लिहाज से सरकार को उनका पालन-पोषण करना चाहिए