छत्तीसगढ़

कबीरधाम के शिक्षक बने cgschool पोर्टल पर आज के हमारे नायक

*कबीरधाम के शिक्षक बने cgschool पोर्टल पर आज के हमारे नायक*

कुण्डा-वैश्विक महामारी कोरोना के चलते प्रदेश भर के सभी स्कूल बंद है जिससे ना तो स्कूल की घंटी सुनाई दे रही है ना तो बच्चों की शोरगुल ।
इसी बीच एक ऐसे शिक्षक से बातचीत हुई जो कबीरधाम जिले के विकास खंड-पंडरिया, संकुल – कुंडा के प्राथमिक शाला गुंझेटा मे पदस्थ भरत कुमार डोरे जो माह जुलाई से नियमित मोहल्ला क्लास व आनलाईन क्लास का संचालित कर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे है।

प्रिंट रिच वातावरण-
शिक्षक बताते है की सामुदायिक सहभागिता और स्वयं की प्रयास से शाला में भौतिक सुविधायों के साथ ही साथ आकर्षक गार्डनींग,शाला परिसर में प्रिंट रीच वातावरण से सुसज्जित कर बच्चों को शिक्षण कार्य चल रहा था लेकिन वैश्विक महामारी (कोविड़ 19) के कारण शाला बंद हो गई । जिसके कारण मै बहुत ही निराश हुआ ।
पढ़ाई तूहर द्वार
मोहल्ला क्लास,
शासन की ओर से ऑनलाइन क्लास और पढ़ाई तुहर द्वार पोर्टल की शुरूआत हुई तो एक बार फिर मेरी आखों में चमक आया और बच्चों के साथ जुड़ने के अवसर मिला। लेकिन ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल की सुविधाओं से छात्र परेशान थे। इस विषम परिस्थितियों में शिक्षक ने एसएमसी , ग्राम पटेल ,ग्राम सरपंच की सहयोग से मोहल्ला स्कूल लगाकर बच्चों को शैक्षिक गतिविधियां रोजाना 10:30 बजे से 2:30 बजे तक करा रहे है । कक्षावार सभी बच्चे सांस्कृतिक मंच में इक्कठा होकर रोजाना पढ़ाई कर रहे है ।

ऑगमेंटेड रियालिटी-
मोहल्ला क्लास और अधिक रोचक हुआ जब ARLOOPA के माध्यम से मैंने किसी विषय का आवासीय चित्र दिखाकर बच्चो की पढ़ाई को मनोरंजक बनाया जिससे मोहल्ला अधिक रोचक हो गया ।इसके पूर्व में भी इसी तकनीक के बारे में सोचते थे जिससे विज्ञान विषय के जीवंत पाठ को उदाहरण के साथ बच्चो को पढ़ाया जाए परन्तु आज ARLOOPA के माध्यम से जीवंत उदाहरण बच्चो को दिखा कर पढ़ाई रोचक तरीके से पढ़ा रहे है । इसके लिए राज्य शासन शिक्षा विभाग को बधाई ।

स्टोरीविवर – स्टोरी विवर में कहानियां अनुवाद करना एवं दिखाना कोरोना काल के विषम परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ शासन के नित्य नए-नए नवाचार से शिक्षकों को वह बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है मैंने स्टोरीविवर के माध्यम से 5 हिंदी कहानी कविता को छत्तीसगढ़ी में अनुवाद किया इसके साथ साथ मेरे द्वारा 6 स्वरचित स्वरचित लघु कथा कहानी व कविता को पब्लिश किया जिससे बच्चे और अन्य लोग पढ़कर आनंद ले रहे हैं मैं राज्य शिक्षा विभाग की उन शिक्षाविदों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने नित नए नवाचार कर शिक्षा जगत को दीपक की तरह जलाए रखा ।

लाउडस्पीकर –
इसके साथ ही साथ दूसरे गांव के बच्चों को शिक्षा देने के स्वयं के खर्च में लाउडस्पीकर (बॉक्स) लगाकर गांव-गांव में जाकर के शिक्षा का प्रसार कर रहे है ।
उक्त कार्यक्रम के सफल संचालन में जिला शिक्षा अधिकारी के.एल.महिलांगे, डीएमसी सर जी,जिला नोडल अधिकारी पढ़ाई तुहार द्वार यू. आर.चंद्राकर जी,विकास खंड शिक्षा अधिकारी जी.पी. बैनर्जी जी,विकास खंड नोडल अधिकारी रमाशंकर राजपूत जी,संकुल प्रभारी बी.आर.चंद्राकर जी का समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा है।विकास खंड शिक्षा अधिकारी जी के द्वारा कई बार व्यक्तिगत प्रसंशा कर चुके है। वैश्विक महामारी के बीच शिक्षक की कर्तव्य निष्ठा को देखा कर अधिकारी कर्मचारी और ग्रामीण वर्ग सराहना करते थकते नहीं है । नियमित मोहल्ला क्लास लगने के कारण प्रायवेट स्कूल के40- 50 बच्चे आकर शिक्षा प्राप्त कर रहे है।
“शिक्षा दान-महादान

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