छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

अगहन के आखिरी गुरूवार पर महिलाओं ने की माता लक्ष्मी की पूजा

व्रत रखकर सजाया अल्पना और जलाये दीपक

भिलाई । अगहन के आखिरी गुरूवार होने पर महिलाओं ने व्रत रखते हुए अल्पना सजाकर और दीपक जलाकर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। हिन्दू महीना अगहन के प्रत्येक गुरुवार को धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी के पूजन का विधान है। अगहन माह के दौरान इस बार चार गुरुवार महिलाओं ने व्रत रखकर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की। आज अंतिम गुरुवार के चलते इस्पात नगरी सहित आसपास के इलाके में अलसुबह से ही लक्ष्मी भक्ति की बयार बहती रही।

भोर होने से पहले ही रात्रि के अंतिम प्रहर में व्रती महिलाओं ने माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर परिवार के खुशहाली की कामना किया। इससे पहले चांवल के घोल से रंगोली की तर्ज पर अल्पना सजाया गया। इसके लिए बुधवार की रात को ही घर आंगन की साफ-सफाई कर ली गई थी। पूजन कक्ष से लेकर आंगन से लगे प्रवेश द्वार तक चांवल के घोल से मां लक्ष्मी के पद चिन्ह व अन्य शुभ प्रतीक उकेरने के बाद दीपक जलाकर माता लक्ष्मी को घर में प्रवेश करने आह्वान किया गया।

व्रती महिलाओं ने ब्रम्ह मुहूर्त में नहा-धोकर मां लक्ष्मी के सिहांसन को आम व आंवला की पत्तियों और धान की बालियों से सजाया। फिर कलश स्थापना कर मां लक्ष्मी की पूजा कर लक्ष्मी पुराण का पाठ किया। माता लक्ष्मी को मौसमी फल और पारम्परिक पकवान का भोग लगाया गया। तीन दिसंबर को अगहन मास का पहला गुरुवार था। इसके बाद 10 को दूसरे व 17 दिसंबर को तीसरे गुरुवार को भी पारम्परिक विधि विधान के साथ घर-घर में माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की गई। खास बात यह है कि अगहन गुरुवार के दिन व्रती महिलाएं माता लक्ष्मी की चार बार पूजा करती है। पहली बार भोर होने से पहले फिर दोपहर, अपरान्ह और अंत में शाम को पूजा अर्चना के बाद प्रसाद ग्रहण करती हैं। इस दौरान महिलाओं ने सामूहिक रूप से कथा का भी श्रवण अनेक स्थानों पर किया।

परंपरानुसार घरों में आज नहीं लगाया झाड़ू

जिन घरों में माता लक्ष्मी की पूजा हुई वहां आज साफ-सफाई अथवा झाड़ू लगाने से परहेज किया गया। अगहन बृहस्पति व्रत को लेकर लक्ष्मी पुराण में इस बात का उल्लेख है कि आज के दिन घर आंगन में झाड़ू लगाने से माता लक्ष्मी रूठकर वापस चली जाती है। इसी मान्यता के चलते व्रती महिलाओ ने बुधवार की रात को ही घर और आंगन की साफ सफाई कर लिया और दिन भर इस पर भी ध्यान दिया कि किसी भी तरह की गंदगी या कचरा न फैल सके।

Related Articles

Back to top button