छत्तीसगढ़

जिले में पशुधन में हो रही है वृद्धि

जिले में पशुधन में हो रही है वृद्धि
टीकाकरण द्वारा किया जा रहा सुरक्षित
 नारायणपुर 22 दिसम्बर 2020 – कृषि देश के साथ-साथ प्रदेश एवं जिले के अधिकंाश लोगोे के जीवन यापन का आधार है। कृषि का देश की अर्थव्यवस्था मे महत्वपूर्ण योगदान है। खेती-किसानी में जूड़े लोग पशुपालन का काम भी करते है जो इनके लिए दूध, डेयरी का सामान एवं अन्य चीजंे उपलब्ध कराता है। पशुपालन कृषि का प्रमुख समवर्गीय है। प्राचीनकाल से पशुओं का कृषि कार्य में उपयोग किया जाता है। कृषि के आधूनिक साधनों के फलस्वरूप  कुछ क्षेत्रों में कृषि के लिए पशुपालन में कमी आई है, लेकिन डेयरी विकास के साथ-साथ अन्य व्यवसायिक दृष्टि से पशुधन को बढ़ावा मिला है। राज्य शासन द्वारा पशुधन एवं पशुपालन के लिए योजनायें संचालित की जा रही है जिसके जरीये पशुपालकों एवं किसानों को आर्थिक रूप  से मजबूत बनाया जा सके।
उपसंचालक पशु चिक्तिसा सेवायें ने बताया कि पशुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए टीकाकरण एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी जाती है। उन्होने बताया कि वर्ष 2020-21 में माह नवम्बर 2020 तक 3 लाख 81 हजार 485 पशु टीकाकरण एवं 3 लाख 75 हजार 538 पक्षी टीकाकरण किया जा चुका है। सघन टीकाकरण कार्यक्रमों के फलस्वरूप् 20 वीं पशु संगणना में पिछले पशु संगणना की तुुलना में पशुधन संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि जिले में 20वीं पशु संगणना प्रतिवेदन के अनुसार गौवंशी 1 लाख 92 हजार 146, भैंसवंशी 16 हजार 77, बकरी एवं भेड़वंशी 78 हजार 108, सूकरवंशी 57 हजार 157 तथा कुक्कुट पक्षी 2 लाख 48 हजार 615 पशु है।

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