देश दुनिया

दो फीसद बढ़े बिजली के दाम अब सात फीसद फिर बढ़ाने की तैयारी

कोरोना संकट के बाद प्रदेश की जनता को बिजली के झटके लगना शुरू हो गए हैं। आयोग ने वित्तीय वर्ष खत्म होने के तीन माह पहले मौजूदा दाम में बढ़ोत्‍री कर दी। इधर बिजली कंपनी आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दाम बढ़ाने का प्रस्ताव बनाने में जुट गई है। हालांकि मौजूदा बढ़ोतरी से कुछ घाटे की भरपाई हुई है लेकिन बिजली कंपनियों को इससे बहुत ज्यादा की उम्मीद है। कंपनियां नए प्रस्ताव में मौजूदा जरूरत से पौने तीन हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त चाहती है इसके लिए बिजली के दाम में लगभग सात फीसद तक इजाफा चाहती है। हालांकि कंपनियों ने प्रस्ताव अभी तक फाइनल नहीं किया है।

 

नए सिरे से बन रहा हिसाब :

 

मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के रेवेन्यु विभाग में वित्तीय वर्ष 2022-23 का टैरिफ याचिका तैयार हो रही है। यहां पुरानी याचिका को आयोग से मंजूरी मिलने के बाद नए सिरे से हिसाब-किताब बनाना पड़ रहा है। बिजली कंपनी को 31 दिसंबर 2020 तक मप्र विद्युत नियामक आयोग के पास याचिका दायर करनी थी। लेकिन ऐन वक्त पर वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए टैरिफ तय होने बिजली कंपनी के प्रस्ताव का हिसाब किताब गड़बड़ हो गया है। इसलिए कंपनी नए सिरे से नया प्रस्ताव तैयार करने के मूड में है। इससे पहले तक बिजली कंपनी का अंदेशा था कि कोरोना संक्रमण की वजह से शायद इस साल बिजली के दाम पर कोई फैसला न हो सके। ऐसे में कंपनी आयोग ने आगामी सत्र के लिए करीब 9 फीसद तक दाम बढ़ाने का प्रस्ताव बना रही थी। अब जबकि दाम बढ़ गए हैं ऐसे में बिजली कंपनी नए प्रस्ताव में लगभग सात फीसद तक का इजाफा करवाने की मांग कर सकती है। बिजली अधिकारियों की माने तो करीब दो फीसद घाटे को मंजूरी दी गई है इससे कितना नुकसान कम होता है इसका आकलन करने के पश्चात ही नए दाम का प्रस्ताव बनाया जाएगा। कंपनी अपनी तरफ से मप्र विद्युत नियामक आयोग को एक माह का अतिरिक्त वक्त देने के लिए पत्र लिखेगा। जिसके बाद जनवरी के अंत तक याचिका दायर कर दी जाएगी।

कोरोना संकट के बाद प्रदेश की जनता को बिजली के झटके लगना शुरू हो गए हैं। आयोग ने वित्तीय वर्ष खत्म होने के तीन माह पहले मौजूदा दाम में बढ़ोत्‍री कर दी। इधर बिजली कंपनी आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दाम बढ़ाने का प्रस्ताव बनाने में जुट गई है। हालांकि मौजूदा बढ़ोतरी से कुछ घाटे की भरपाई हुई है लेकिन बिजली कंपनियों को इससे बहुत ज्यादा की उम्मीद है। कंपनियां नए प्रस्ताव में मौजूदा जरूरत से पौने तीन हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त चाहती है इसके लिए बिजली के दाम में लगभग सात फीसद तक इजाफा चाहती है। हालांकि कंपनियों ने प्रस्ताव अभी तक फाइनल नहीं किया है।

 

नए सिरे से बन रहा हिसाब :

 

मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के रेवेन्यु विभाग में वित्तीय वर्ष 2022-23 का टैरिफ याचिका तैयार हो रही है। यहां पुरानी याचिका को आयोग से मंजूरी मिलने के बाद नए सिरे से हिसाब-किताब बनाना पड़ रहा है। बिजली कंपनी को 31 दिसंबर 2020 तक मप्र विद्युत नियामक आयोग के पास याचिका दायर करनी थी। लेकिन ऐन वक्त पर वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए टैरिफ तय होने बिजली कंपनी के प्रस्ताव का हिसाब किताब गड़बड़ हो गया है। इसलिए कंपनी नए सिरे से नया प्रस्ताव तैयार करने के मूड में है। इससे पहले तक बिजली कंपनी का अंदेशा था कि कोरोना संक्रमण की वजह से शायद इस साल बिजली के दाम पर कोई फैसला न हो सके। ऐसे में कंपनी आयोग ने आगामी सत्र के लिए करीब 9 फीसद तक दाम बढ़ाने का प्रस्ताव बना रही थी। अब जबकि दाम बढ़ गए हैं ऐसे में बिजली कंपनी नए प्रस्ताव में लगभग सात फीसद तक का इजाफा करवाने की मांग कर सकती है। बिजली अधिकारियों की माने तो करीब दो फीसद घाटे को मंजूरी दी गई है इससे कितना नुकसान कम होता है इसका आकलन करने के पश्चात ही नए दाम का प्रस्ताव बनाया जाएगा। कंपनी अपनी तरफ से मप्र विद्युत नियामक आयोग को एक माह का अतिरिक्त वक्त देने के लिए पत्र लिखेगा। जिसके बाद जनवरी के अंत तक याचिका दायर कर दी जाएगी।

Related Articles

Back to top button