छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

जिला चिकित्सालय दुर्ग के अडिय़ल और उदासीन रवैए के लेकर एन.एस.यू.आई ने सौपा ज्ञापन

दुर्ग। जिला चिकित्सालय प्रशासन द्वारा लगातार मरीजों के जान को खतरे ने डालकर अपने निजी स्वार्थ के लिए कुछ अधिकारी, कर्मचारी लगातार मनमानी कर रहे है इसी मनमानी पर रोक लगाने दोशियो के उपर कार्यवाही करने को लेकर एन.एस.यू.आई के दुर्ग जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष सोनू साहू के निर्देशानुसार दुर्ग शहर एनएसयूआई के 5 ब्लाक अध्यक्षों के संयुक्त तत्वधान में जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपा कर कल के घटना से अवगत कराया।

ज्ञापन में बताया गया कि विगत दिनों शासकीय जिला चिकित्सालय दुर्ग में श्रीमती विभा यादव पति  रूद्र नारायण यादव जिला बालोद नामक गर्भवती महिला की डिलवरी हेतु भर्ती हुई थी, जिसका गत 15 दिसंबर को कोविड एन्टीजन की जॉच जिला चिकित्सालय दुर्ग में की गई, जॉच में पॉजेटिव बताया गया। शासन के गाईड लाईन के अनुसार कोरोना पॉजेटीव मरीज को डॉ. भीमराव आम्बेडकर मेडिकल कालेज व अस्पताल रायपुर में रिफर करने का प्रावधान है। किन्तु गाईड लाईन को दरकिनार कर शासकीय अस्पताल दुर्ग में जीवन दीप समिति द्वारा नियुक्त अस्थायी कर्मचारी व प्रसूति विभाग के डॉक्टरों द्वारा मिलकर शडयंत्रपूर्वक नियमों के विरूद्ध कोविड पाजेटिव गर्भवती महिला श्रीमती विभा यादव की सीजिरियन डिलवरी दुर्ग स्थित प्रायवेट नर्सिग होम में ले जाकर कर दी। जिस प्रायवेट नर्सिग होम में कोविड पॉजेटीव मरीज का सिजेरीयन डिलवरी कराया गया है उस हास्पिटल को कोविड मरीजों की डिलवरी करने या कोविड सवंमित मरीजों का उपचार करने का लायसेंस प्राप्त नहीं है। साथ ही उन्होंने ज्ञापन में बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला शासकीय अस्पताल दुर्ग के एक संविदा कर्मी वभाग के डाक्टरों द्वारा मिली भगत करके मरीज विभा यादव के परिजनों को जच्चा व ड्रायवर जो कि कई एम्बुलेंस का मालिक अवैध धन एकत्र करके बना है एवं प्रसुति के दौरान बच्चा के जान का खतरा बताकर अत्यंत भयभीत किया। कमीशनखोरी व लालच से ग्रसित होकर ये सभी दोशी मानवता को शर्मशार कर रहे है। जिस प्रायवेट अस्पताल में सिजेरियन डिलवरी हुई,वहां उपस्थित सभी मरीज सभी नर्सिग स्टाफ व अन्य व्यक्तियों के सवंमित होने की संभावना है। प्रायवेट एम्बुलेंस संचालक एवं कुछ शासकीय डॉक्टर मिलकर गरीब मरीजों को लूट रहे हैं। जिला अस्पताल दुर्ग में इस तरह बड़े रैकेट का संचालन आर्थिक लाभ प्राप्त करने हेतु किया जा रहा है। मामले की जानकारी होने के बाद गर्भवती मरीजा श्रीमती विभा यादव को चोरी चुपके उक्त अस्पताल से भगा दिया गया।

इन सभी बातों से अब प्रष्न यह उठता है कि क्या गर्भवती महिला विभा यादव कोविड पॉजेटिव थी, किन लोगों के द्वारा प्रायवेट अस्पताल में मरीज को ले जाने हेतु दबाव बनाया गया, मरीज को किसी एम्बुलेंस द्वारा प्रायवेट अस्पताल में शिफ्ंट किया गया। मरीज की किस प्रायवेट अस्पताल में सिजेरियन डिलवरी हुई। मरीज को किस षासकीय डाक्टर द्वारा प्रायवेट अस्पताल में डिलवरी करवाने हेतु परामर्श दिया गया या दबाव बनाया गया, मरीज को शासकीय अस्पताल से ले जाने से लेकर प्रायवेट अस्पताल में डिलवरी तक किसी स्त्री रोग विषेशज्ञ व डिलवरी होने के बाद बच्चों के डॉक्टर के द्वारा उसका इलाज किया गया, क्या इन डॉक्टरों को यथा स्थिति की जानकारी होने के बावजूद की मरीज कोविड-19 पॉजेटिव है,कारोनो सवंमित मरीज के सम्पर्क में आने से कितने अन्य मरीज या नर्सिग स्टाफ या अन्य व्यक्ति सवंमित हुए एवं संक्रमण रोकने हेतु अस्पताल प्रबंधन द्वारा क्या कार्यवाही की गई।  इसकी जानकारी डिलवरी के पूर्व विभागीय जॉच हेतु स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी। सवंमित मरीज का बायो मेडिकल वेस्ट का निष्पादन किसके द्वारा किया गया।

इस मामले में मरीज श्रीमती विभा यादव के सम्पर्क में आने से जिला अस्पताल दुर्ग/ निजी चिकित्सालय / मरीज के परिजन / मरीज के गांव के निवासियों के साथ अन्य कई व्यक्तियों के संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है एवं मरीज विभा यादव व नवजात षिषु की जान को भी खतरा है।

इन सब बिन्दुओं पर सूक्षमता से जॉच करवाकर दोशियों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही कर दोशियों के विरूद्ध एफआई आर दर्ज कराने के आशय से ज्ञापन सौंपा गया ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो सके। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से एनएसयूआई के षहर ब्लाक अध्यक्ष विनिष साहू, अमोल जैन, हरीष देवांगन, गोल्डी कोसरे सहिंत कार्यकर्ता मौजूद थे।

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