छत्तीसगढ़

बाल श्रमिक एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त बालकों के पुनर्वास हेतु अभियान 15 जनवरी तक

अजय शर्मा सबका संदेश

बिलासपुर 15 दिसंबर 2020। 15 दिसंबर से 15 जनवरी 2021 तक जिले में बाल श्र हबमिक, अपशिष्ट संग्राहक एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त बालकों के सर्वेक्षण, रेस्क्यू एवं पुनर्वास हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एवं श्रम विभाग के द्वारा संयुक्त टीम बनाकर अभियान चलाया जायेगा।
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुरेश सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 2(14)(ii) के अनुसार ऐसे बालक जिनके बारे में पाया जाता है कि उसने तत्समय प्रवृत्त श्रम विधियों का उल्लंघन किया है या पथ पर भीख मांगते या वहां रहते पाया जाता है उसको देखरेख एवं संरक्षण का जरूरतमंद बालक माना जायेगा।
ऐसे बालकों को बाल कल्याण समिति के माध्यम से उनके पुनर्वास एवं समाज में एकीकरण कर रोजगार एवं शिक्षा उपलब्ध कराये जाने का प्रयास किया जाएगा। बाल श्रम प्रतिषेध और विनियमन अधिनियम 2016 की धारा (2) के अनुसार किसी भी बच्चे से कार्य कराने पर पाबंदी है। कूड़ा बीनने एवं सफाई के कार्य को अधिनियम के तहत खतरनाक व्यवसाय की श्रेणी में रखा गया है। बाल श्रमिक, कूड़ा-कचरा बीनने के व्यवसाय एवं भिक्षा वृत्ति में लिप्त बच्चों की पहचान के लिये 15 दिसंबर से 15 जनवरी 2021 तक अभियान चलाकर उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्हें भिक्षा एवं अन्य सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक, भिक्षावृत्ति में लिप्त बालक पाये जाने पर चाईल्ड हेल्प लाईन नंबर 1098 में सूचना दिया जा सकता है। जिससे इन बच्चों का रेस्क्यू कर शासन की योजना का लाभ दिला कर पुनर्वास सामाजिक एकीकरण किया जा सके

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