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ई-कॉमर्स कंपनियों लगातार कर रही है एफडीआई नीति और अन्य कानूनों का उल्लंघन

शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नही होने पर कैट ने पीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

सदस्यों ने कहा लोकल फॉर वोकल को सुदृढ करने उठाया जायेग आवश्यक कदम

भिलाई।  कैट और एमएसएमई के कैट के प्रहलाद रूंगटा, पवन बडज़ातिया, मोहम्मद अली हिरानी  सहित अन्य सदस्यों ने कलेक्टर डॉ. नरेन्द्र भूरे को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए  ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा लगातार एफडीआई नीति और अन्य कानूनों का उल्लंघन करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने कहा है। इन्होंने ज्ञापन के माध्यम से बताया है कि   डिजिटल इंडिया तेज़ी से अपनाने के लिए आपके आह्वान के मद्देनजर देश भर के व्यापारियों ने कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के देशव्यापी अभियान के अंतर्गत डिजिटल कॉमर्स को उत्साहपूर्वक अपनाया है। हालाँकि, हमें यह बताते हुए अत्यंत पीड़ा हो रही है कि बड़ी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने असीमित संसाधनों के बल पर सरकार की एफडीआई नीति और सम्बंधित कानूनों , नियमो का निरंतर उल्लंघन करते हुए भारत के ई-कॉमर्स व्यवसाय और करोड़ों व्यापारियों द्वारा खुदरा व्यापार करते हुए अपनी रोजी रोटी कमाने को बर्बाद करने तथा देश के रिटेल व्यापार पर अपना एकाधिकार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है ! यह बहुत ही खेदजनक है की उनके खिलाफ कई शिकायतें करने के बावजूद उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है और इसलिए यह विषय देश भर के छोटे व्यापारी के लिए ऑनलाइन व्यापारिक गतिविधियों से जुडऩे तथा डिजिटल कॉमर्स में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य में बेहद रूकावट बन गया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कानून के संरक्षक होने के बावजूद विभिन्न सरकारी विभाग सरकार की नीति को इन कंपनियों द्वारा पालन करवाने में विफल रहे हैं। हालाँकि केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को कानून के दायरे में संचालन करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं लेकिन ये ई-कॉमर्स कंपनियां किसी न किसी बहाने से कानून से बचती रही हैं और ऐसा माहौल बना लिया है कि भारत में कोई कानून उनके अर्मयादित व्यापार मॉडल को रोकने में सक्षम नहीं है। ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा शुरू किए गए लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी विपरीत रूप से प्रभावित कर रही हैं और भारत के व्यापारियों के लिए व्यापार करने की स्तिथि को दूषित कर रहा है ।

कैट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए तथा भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को विनियमित करने और निगरानी करने के लिए एक सशक्त रेगुलेटरी अथॉरिटी के स्पष्ट प्रावधान के साथ एक ई-कॉमर्स नीति को तुरंत घोषित किया जाए । यह भी अनुरोध है कि एफडीआई नीति के प्रेस नोट 2 की विसंगतियों और असमानताओं को दूर करते हुए और सरकार को एक नवीन एवं स्पष्ट प्रेस नोट जारी किया जाना चाहिए।

लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान

देश भर के व्यापारी लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत जैसे गतिशील अभियान के आपके आह्वान को सरकार की प्राथमिकताओं को भली भांति दर्शाते है। यह अभियान न केवल अपने देश की संस्कृति और विरासत को विश्वपटल पर उजागर करेगा बल्कि घरेलू उत्पादकों को अपनी निर्माण क्षमता में वृद्धि करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जिससे अधिक एवं बेहतर गुणवत्ता वाले सामान का उत्पादन किया जा सके और देश भर के लोगों को केवल भारतीय वस्तुओं को उपयोग करने के लिए आक्रामक रूप से प्रेरित किया जा सके। कैट ने पहले ही से भारत के व्यापारिक समुदाय और लोगों के बीच भारतीय सामान – हमारा अभिमान का एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है और देश के सभी भागों के नागरिकों ने उत्साहपूर्ण समर्थन भी दिया है । इस अभियान को देश के जन-जन तक पहुंचाने के लिए हमारा सुझाव है की व्यापारी, उपभोक्ता, नागरिक,समाज और छोटे निर्माताओं के प्रतिनिधियों के साथ सरकारी अधिकारियों की एक संयुक्त समिति का गठन राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर और प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिला स्तर पर किया जाना चाहिए जिससे कि अभियान को जमीनी स्तर पर पहुंचाया जा सके और इस के साथ जुडऩे के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके। इसलिए इस दोनों मुद्दे पर  गंभीर रूप से विचार करते हुए इस सम्बन्ध में सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देशित करेंगे।

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