खेतों को जंगली जानवर से बचाने दुर्ग के उद्यमी ने बनाया अनोखा उपकरण यह उपकरण मचाएगा शोर तो भागेंगे जानवर, The fort’s entrepreneur made a unique tool to protect the farm from wild animals This device will create noise, animals will run away
दुर्ग। भालू,बंदर,हाथी,सूअर,समेत अन्य वनजीवों द्वारा फसल को नुकसान उठाना पड़ता है ! यही वजह है की फसल को बचाने के लिए कई किसान गैरकानूनी तरीका अपनाकर खेतों की मेढो पर बिजली का तार फैलाकर उसमें करेंट प्रवाहित कर देते है ! इससे वन्यजीव मरते है ! कई बार जनहानि भी होती है !इसे देखते हुए दुर्ग के युवा उधमी संजय चौबे ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जिससे गोली चलने,आतिशबाजी, आदमी की आवाज में हांका मारने, अधिक संख्या में मौजूद लोगों के शोर मचाने जैसी कई आवाज निकलती है ! इसे एक टाइमर के जरिये सेट कर दिया जाएगा ! वन्यजीव अक्सर शाम के बाद आते है , इसलिए शाम के बाद अपने आप चालू हो जाने से यह तय समय के अनुसार आवाज निकालता रहता है ! इससे वन्यजीव खेतों के पास नहीं आयेंगे ! बिजली चालित इस उपकरण के पास छोटा सा सोलर पैनेल भी लगा होगा जो बिजली गुल होने की स्थिति में भी यंत्र को चालू रखेगा ! इसकी कीमत आम किसानों की पहूँच में होगी ! जानवरों के खेत में आते ही कई तरह की आवाज यंत्र से निकलेगा उधमी संजय चौबे ने एक ऐसे यंत्र का निर्माण किया है, इसमें टाइमर भी लगा होता है अगर किसी किसान के खेत में जानवर घुसेगा तो यंत्र से गोली चलने की आवाज, आदमी की आवाज और डंडे से हांकने की आवाज भी निकलती रहेगी, जिससे खासकर बंदर भाग ख?े होंगे ! किसानों को सस्ते दरों पर इसे उपलब्ध कराने के लिए युवा उधमी ने इसमें टाइमर लगा दिया है , जो थोड़ी-थोड़ी देर में बजता रहेगा ! इसके आलावा बिजली गुल होने की स्थिति में इस यंत्र के समीप छोटा सा सौर पैनेल लगा दिया जाएगा जो 24 घंटे बिजली की आपूर्ति करेगा ! युवा उधमी के अनुसार टाइमर की सेटिंग एसी होगी की वह थोडी थोडी देर में बजेगा !यही नहीं किसानों को जानवर या बंदर के समय का पूरा अनुमान होता है ! उस समय के अनुसार टाइम को सेट कर दिया जाएगा जिससे आटोमैटिक बजता रहेगा और जानवर खेत में नहीं आयेंगे ! इस प्रकार ख्याल आया यंत्र बनाने का विचार युवा उधमी संजय चौबे की एक फैक्ट्री टेडुेसरा में है जहां सुबह से लेकर शाम तक बंदरो की संख्या वहाँ काम कर रहे कर्मचारियों को परेशान करती थी साथ ही वे नुकसान भी करते थे इसे देखते हुए बंदरो को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुचाते का निर्णय लेते हुए ख्याल आया की क्यों न एक ऐसा उपकरण बनाया जाय जिससे बंदर फैक्ट्री के आसपास न फटके !यही सोच उनके काम आई और यंत्र तैयार हो गया ! अगर कोई जीव अथवा मवेशी तार से टकरा भी गया तो सिर्फ आवाज आएगी ! इससे किसी भी प्रकार का जानमाल का नुकसान नहीं होगा !खेतों और फैक्ट्रियों में इस यंत्र को लगाने के बाद सभी को राहत मिलेगी और जानवरों की रक्षा भी की जा सकेगी ! इस यंत्र को काफी सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा !