स्कूली बच्चों को 42 दिनों का मिलेगा सूखा राशन
राशन वितरण के दौरान कोविड-19 से बचाव हेतु दिये गये निर्देशों का पालन करना जरूरी
नारायणपुर 12 दिसम्बर 2020
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण हेतु राजय में शालाओं को आगामी आदेश तक के लिए बंद रखने का आदेश राज्य शासन द्वारा जारी किया गया है। मध्यान्ह भोजन नियम में दिये गये प्रावधानों के अंतर्गत बच्चों को शाला बंद रहने की अवधि में खाद्य सुरक्षा भत्ता प्रदान किया जाना हैं। बच्चों को शासन द्वारा निर्धारित मात्रा का सूखा चांवल एवं निर्धारित कुकिंग कास्ट की राशि में अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री (दाल, तेल, सूखी सब्जी इत्यादि ) वितरित किया जाना है। प्राथमिक एंव माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को 1 नवम्बर से 31 दिसम्बर 2020 तक केक लिए कुल 42 दिनों का सूखा राशन वितरण किया जाना है। जिसके लिए शासन द्वारा दिशा-निर्देश भी जारी किये गये हें। जिनका पालन करते हुए स्कूली छात्र-छात्राओं को मध्यान्ह भोजन का वितरण किया जायेगा।
शासन के निर्देशों के तारतम्य में मध्यान भोजन योजना के गाइड लाईन के अनुसार कक्षा 1ली से 8वीं तक के उन बच्चों को जिनका नाम शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त अशासकीय शाला अथवा मदरसा-मकतबा में दर्ज है, मध्यान भोजन दिया जाना है। 01 नवम्बर 2020 से 31 दिसम्बर 2020 तक के लिये सूखा राशन सामाग्री का वितरण सुविधानुसार शाला में अथवा घर-घर पहुंचाकर किया जाना है। वितरण के दौरान बच्चों /पालकों के मध्य दूरी बनाये रखना है। सूखा राशन वितरण में बच्चों को चांवल, दाल एवं तेल की मात्रा भारत सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा से कम नही होना चाहिए। सूखा राशन वितरण करने हेतु सोयाबड़ी विभाग के निर्देशानुसार बीज निगम द्वारा प्रदाय किया जावेगा। शेष सामाग्री की व्यवस्था स्व-सहायता समूह एवं प्रधान अध्यापक द्वारा किया जावे। बच्चों को प्रदाय किये जाने वाले सामाग्रीयों को पृथक-पृथक सील बंद पैकेट बनाते हुये प्रति छात्र सभी सामाग्रीयों का एक बड़ा पैकेट बनाया जाना अनिवार्य है। वितरित की जाने वाली खाद्य सामाग्रीयों उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये सामाग्रीयों की पैकिंग के पूर्व एवं पैकिंग के पश्चात के फोटोग्राफ एवं सामाग्री नमूनार्थ 1 माह तक के लिये रखी जानी है। जिससे किसी प्रकार की शिकायत होने पर गुणवत्ता के संबंध में जांच की जा सके। सूखा राशन के वितरण में प्रत्येक शाला में बच्चों को वितरीत होने वाले सामाग्रीयों की गुणवत्ता एवं मात्रा को सुनिश्चित करने हेतु सामाग्री वितरण के लिये संकुल स्तर पर कार्ययोजना इस प्रकार बनायी जानी चाहिये जिससे इसकी सूक्ष्म मानिटरिंग की जा सके। शालाओं हेतु चांवल पूर्व की तरह ही उचित मूलय की दुकानों के माध्यम से प्रदान किया जायेगा। वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए विकासखं डमें निर्धारित सूखा राशन सा