वनमण्लाधिकारी का स्थानांतरण निरस्त करवाने प्रबंधन समिति व ग्रामीणों ने दिया धरना, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
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केशकाल। संयुक्त वन प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा शुक्रवार को बस स्टैंण्ड केशकाल में धरना देकर वनमंण्लाधिकारी धम्मशील गंणवीर का स्थानांतरण निरस्त करने जबर्दस्त नारेबाजी करते प्रदर्शन किया। केशकाल वनमंण्डल क्षेत्र के कई गांव से सैकडों की संख्या में स्वस्फूर्त अपने बंदोबस्त से पहुंचे ग्रामवासियों ने वनमंण्डलाधिकारी के कार्य एवं व्यवहार की तारीफ करते हुए उनका स्थानांतरण निरस्त न होने पर विधायक निवास के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दिया है।
प्रातःलगभग 11बजे आरंभ हुए धरना प्रदर्शन में वन प्रबंधन समिति पदाधिकारियों सदस्यों के सांथ पंच, उपसरपंच, सरपंच, जनपद सदस्य भी शामिल हुए। सभा को वनप्रबंधन समिति बड़े ठेमली अध्यक्ष फरसुराम सलाम, जनपद सदस्य विरेंद्र बघेल, कछार पारा अध्यक्ष रतन नाग, अध्यक्ष जामगांव मयाराम मंडावी, अध्यक्ष खल्लारी महेंद्र मरकाम, उपसरपंच खल्लारी शिव सलाम, अध्यक्ष सिदावंद संतोष नाग, अध्यक्ष कोपेनकोनाडी रमेश मंडावी, जोगी कांग्रेस नेता मकबुल अली एवं रूपेंद्र मरकाम सहित वरिष्ठ पत्रकार के शशीधरन व सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण दत्त उपाध्याय ने भी संबोधित किया।
धरना प्रदर्शन सभा संबोधन के बाद मुख्यमंत्री एवं वनमंत्री के नाम लिखा गया ज्ञापन धरना स्थल पर ही तहसीलदार को सौंपा गया। उसके बाद बस स्टैण्ड से रैली निकालकर विधायक बंगला पंहुचे। विधायक के अनुपस्थिति में विधायक के निज सहायक अमरनाथ रांणा ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लेकर यह आश्वासन दिया कि 16 दिसंबर शाम तक स्थानांतरंण निरस्त करा दिया जायेगा।इस पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आप हमें 16दिसंबर तक का समय दे रहे हैं पर हम 17 दिसंबर तक का समय आपको दे रहे हैं अगर 17 दिसम्बर शाम तक ट्रांसफर निरस्त होने का आदेश नही आने पर हम विधायक निवास के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे और राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर चक्का जाम करेंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदेही विधायक महोदय की होगी।
किसी अधिकारी का स्थानांतरण रूकवाने के लिए केशकाल के इतिहास में पहली बार इतना जबर्दस्त धरना प्रदर्शन रैली हुआ जिस पर केशकाल के लोग भी आश्चर्य व्यक्त करते यह कहते रहे कि इतने अच्छे परिश्रमी ईमानदार अधिकारी का स्थानांतरण इतनी जल्दी क्यों करवा दिया गया वंही धरना में बोलने वाले अधिकांश वक्ताओं का यही कहना था कि एक ईमानदार अधिकारी का स्थानांतरण महज इसलिए करा दिया गया ताकि ईमानदार की जगह भ्रष्ट अधिकारी को लाकर आने वाले सरकारी आबंटन राशि का बंदरबांट किया जा सके। वनमंण्डलाधिकारी धम्मशील गंणवीर का स्थानांतरण निरस्त न होने पर और अनिश्चितकालीन उग्र आंदोलन आरंभ होना तय माना जा रहा है।
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