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कोरोना का भयावह असर, नहीं लिया फोलोअप तो 40 फीसदी मरीजों का कैंसर तीसरे स्टेज तक फैला

राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में कैंसर के ऐसे मरीज अब अस्पताल पहुंच रहे हैं जिन्होंने कोरोना काल में फोलोअप नहीं कराया था। दिल्ली स्थित एम्स, सफदरजंग और अपोलो जैसे अस्पतालों में कई ऐसे मरीज हाल ही में पहुंचे हैं जिन्हें पहले कैंसर पहली स्टेज में था लेकिन रेडिएशन थेरेपी के अभाव में और समय पर फोलोअप न कराने जी वजह से यह तीसरी स्टेज तक पहुंच गया है। कोरोना में कुछ लोगों ने डर की वजह से अस्पताल जाने में देरी की वहीं कुछ लोगों को समय पर इलाज ही नहीं मिल सका। 

केस स्टडी1- 
रेडियोथेरेपी न कराई तो सर्जरी के बावजूद अन्य अंगों तक फैल गया ब्रेस्ट कैंसर 
पश्चिमी दिल्ली निवासी 33 वर्षीय स्नेहा की फरवरी में स्तन कैंसर की सर्जरी हुई थी। सर्जरी के बाद उन्हें रेडिएशन थेरेपी की सलाह दी गई थी ताकि कैंसर दोबारा न उभरे। वे कोरोना के समय 6 महीने तक इसे टालती रहीं, अब पिछले महीने जब वे अस्पताल पहुंचीं तो उनका स्तन का कैंसर न सिर्फ दोबारा उभर गया था बल्कि शरीर के दूसरे अंगों तक फैल गया था। अब उन्हें दोबारा सर्जरी करानी पड़ेगी और कैंसर कोशिकाओं को पूरी तरह हटाने में लंबा समय लगेगा।

केस स्टडी 2
सारकोमा कैंसर के फैलने की वजह से पैर काटना पड़ेगा
53 वर्षीय शकुंतला को जनवरी में सारकोमा कैंसर होने का पता चला। वह एम्स में इलाज करा रही थीं। लॉकडाउन की वजह से वह बिहार के मुजफ्फरपुर के गांव में लौट गईं। इस वजह से वह फोलोअप भी नहीं करा सकीं।  जब वे 23 नवम्बर को एम्स में दिखाने के लिए गईं तो डॉक्टर ने जांच रिपोर्ट देखकर कहा कि कैंसर के जगहों तक फैल चुका है। यह पैर की कई हड्डियों तक पहुंच गया है। एम्स के सारकोमा विशेषज्ञ डॉक्टर समीर रस्तोगी ने बताया कि समय पर इलाज न मिलने की वजह से उनका कैंसर फैल गया। अगर वह समय पर फोलोअप कराती तो यह ठीक हो सकता है। संभव है महिला का पैर काटना पड़ जाए। डॉक्टर समीर ने कहा कि ऐसे कई मरीज अब तीसरी स्टेज के कैंसर के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं जिन्होनें समय पर फोलोअप नहीं कराया था।

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