मारंगपुरी मृत किसान के परिवार से मिलने व अन्य किसानों से गिरदावरी में हुई गड़बड़ीयों पर चर्चा करने पहुँचे पूर्व विधायक

केशकाल। प्रदेश सरकार द्वारा अभी धान खरीदी शुरू किये एक सप्ताह भी नही हुआ है और गिरदावरी मे पटवारियों के द्वारा की गई गड़बड़ी की वजह से किसानों की मुसीबतें बढ़ गयी हैं, पटवारी द्वारा कम रकबा दर्शाने की वजह से एक किसान ने आत्महत्या भी कर ली है। अगर गिरदावरी में कई गई गलतियों की जांच कर जल्द सुधार नही किया गया तो आने वाले दिनों में इस तरह की घटना और भी हो सकती है।
किसान द्वारा आत्महत्या मामले का जायजा लेने पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव व समाजसेवी कृष्णदत्त उपाध्यय रविवार को किसान स्व.धनीराम मरकाम के घर मारंगपुरी पहुँचे, परिवार जन से मिलने के सांथ गांव वालों से भी चर्चा हुई। गांव के कुछ किसानों से चर्चा में पता चला कि इस वर्ष सभी की पात्रता कम कर दी गई है, इसी क्रम में निर्मल कुमार साहू के पास 95 डिसमिल जमीन है जो पिछले वर्ष 11 क्वि.धान बेचा था। उसका इस वर्ष धान बिक्री पात्रता शून्य कर दिया गया, इसी प्रकार चमार सिंह के पास सवा दो एकड़ जमीन है जो पिछले वर्ष लगभग 32 क्वि.धान बेचा था पर इस वर्ष उसका भी धान बिक्री पात्रता शून्य कर दिया गया है। श्यामलाल नेताम ने भी बताया कि पिछले वर्ष 68 क्वि. धान बेचने की पात्रता थी पर इस वर्ष घटाकर मात्र 45 क्वि.कर दिया गया है। आगे रामस्वरूप ने बताया कि हमारी जमीन माता श्रीमती राधा बाई साहू के नाम से 6.89 एकड जमीन है पिछले वर्ष 102 क्वि. धान बेचे थे पर इस वर्ष धान बेचने की पात्रता घटाकर मात्र 83क्वि.93 किलो कर दिया गया है। इस प्रकार से पूरे मारंगपुरी गांव में अनेकों किसान का गिरदावरी बाद धान बेचने की पात्रता घटाकर कम कर दिया गया है। जिससे किसान दुखी, चिंतित, हलाकान व परेशान है। बहुत विडंबना जनक बात है कि गिरदावरी में हुई त्रुटि सुधार करने का प्रयत्न किया जा रहा है पर आज तक गांव का कोई किसान अपना गिरदावरी सुधरवाकर धान बेचने की पात्रता ठिक ठाक कराने कोई पहल प्रयास भी प्रारंभ नहीं कर पाया है।
आखिर गिरदावरी सुधरवाने के लिए कोशिश क्यों नहीं कर रहेॽ इस प्रश्न पर एक अच्छे शिक्षित समझदार जागरूक किसान का कहना था कि हम सुधरवाने जायें तो कहाँ। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है, इसलिए गांव वाले कुछ नहीं कर पा रहे हैं। अशिक्षा और जानकारी के आभाव के चलते किसानों से अपना गिरदावरी सुधरवाने के लिए भाग दौड़ करने की उम्मीद करना सही नहीं है इसलिए जिला प्रशासन को ही पिछले और वर्तमान रिकार्ड की समीक्षा करके सुधार करवाना चाहिए।