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दिल्ली : किसानों से निपटने के लिए सुरक्षाकर्मी लेंगे गांधीगिरी का सहारा

किसानों से निपटने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने भी गांधीगिरी का सहारा लेने की तैयारी की है। यह योजना सिंधु बॉर्डर सहित अन्य सभी सीमावर्ती इलाकों में किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए बनाई गई है। सुरक्षा फोर्स की पहली रणनीति ये है अगर किसानों की भीड़ दिल्ली की तरफ जबरदस्ती बढ़ने का प्रयास करती है तो सबसे आगे आरएएफ की टीम को लगाया गया है, जो भीड़ के सामने बैठ जाएगी और कहेगी आपलोगों को जाना है तो हमलोगों के उपर से जाइए। यह सुरक्षा का पहला लेयर होगा।

दूसरे लेयर में दिल्ली पुलिस के जवानों की होगी, वो भी किसानों की भीड़ आने पर उनके सामने बैठ जाएगी और वो आरएएफ की तरह ही रणनीति अपनाएगी। दिल्ली पुलिस कहेगी कि अगर आपको हमारे ऊपर से गुजरना है तो जाइए। लेकिन ऐसे हालात बन गए कि इन दोनों लेयर की परवाह किए बिना भी किसान आगे बढ़ने की जबरदस्ती करते तो तीसरे लेयर में बीएसएफ को रखने की तैयारी है।

सुरक्षा का यह घेरा बेहद चौकस होगा और सख्त भी। इसलिए दो लेयर को पार करते हुए किसान जबरदस्ती आगे बढ़ते हैं तो बीएसएफ की टीम एक्शन मोड में होगी। इस तैयारी के लिए रविवार को सुरक्षा बलों ने मॉक ड्रिल भी की। इसके तहत ही तीन लेयर में सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है। इन तीनों घेरे में दिल्ली पुलिस, आरएएफ और बीएसएफ के जवानों की तैनाती तैनाती की गई है।

किसान आंदोलन को लेकर सोशल माध्यमों में तकरार
किसान आंदोलन को लेकर अलग-अलग पक्षों के बीच रविवार के दिन भी तकरार देखने को मिली। किसान आंदोलन के पक्ष और विपक्ष में अलग-अलग लोगों ने ट्वीट किए। सोशल माध्यमों पर बीते लगभग दस दिनों से किसान आंदोलन का मुद्दा छाया हुआ है।

किसान आंदोलन के समर्थन में आठ तारीख को बुलाए जाने वाले भारत बंद के समर्थन में अलग-अलग लोगों ने ट्वीट किए। फेसबुक पर किसान मुद्दों के समर्थन में सोमवार को उपवास का आह्वान भी कुछ लोगों की ओर से किया गया है। दूसरी ओर, किसान आंदोलन के विरोधियों की ओर से ‘किसान नहीं कांग्रेस परेशान है’ हैशटैग के साथ लगातार ट्वीट किए गए।

 

 

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