कुपोषण दर में आई कमी केन्द्र के माध्यम से बच्चो को मिली रही है नई जिंदगी
कोण्डागांव। जिला मुख्यालय स्थित पुराने आरएनटी अस्पताल को सुपोषण केन्द्र के रुप में लगभग एक साल पूरे हो गए है। जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम की पहल पर इस अस्पताल में सुपोषण केन्द स्थापित किया गया था। इसका लक्ष्य जिले में कुपोषण दर में कमी लाने के अलावा ग्रामीण पालको के मध्य कुपोषण के प्रति जागरुकता लाना भी था और इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है इसके लिए जिला प्रषासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के समन्वय से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को इस सुपोषण केन्द्र में लाकर समुचित उपचार, देखभाल, पोषक आहार देकर उनको सुपोषण स्थिति में लाया गया। इस तरह अब तक इस केन्द्र से लगभग 1200 नन्हें बच्चों को सुपोषित किया गया। इसके साथ ही केन्द्र में बच्चों के पालको को भी कौषल विकास एवं साक्षरता जैसे मुद्दो से जोड़ा गया। इस क्रम में जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम द्वारा दिनांक 15 दिसम्बर को सुपोषण केन्द्र का अवलोकन किया गया। मौके पर बच्चों की माताओं से संवाद करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि स्वस्थ बचपन हर बच्चे का जन्म सिद्ध अधिकार है और हर माता पिता का यह दायित्व है कि वह इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दे। क्योंकि एक स्वस्थ बच्चा ही एक स्वस्थ नागरिक बनता है। बच्चों के बौद्धिक एवं मानसिक क्षमता के विकास में आंगनबाड़ी केन्द्र की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः हर माँ-बाप अपने बच्चों के सुखद भविष्य के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र अवष्य भेजे जहां उन्हें रेडी-टू-ईट आहार के अलावा गर्म पौष्टिक भोजन खिलाया जाता है जो उन्हें कुपोषण से बचाते है यह सभी जानते है कि कमजोर बच्चे आगे चलकर खेलकूद, पढ़ाई के अलावा जीवन के हर दौड़ में पिछड़ जाते है अतः यह हम सभी का दायित्व है कि बच्चों के देखभाल एवं स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करे। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के बीच तीन साल के अंतर तथा लड़कियों का विवाह 18 साल के बाद ही करने की समझाईष दी। ज्ञात हो कि इस सुपोषण केन्द्र में बड़ेराजपुर एवं केषकाल ब्लॉक के तीस-तीस बच्चों को लाया गया है इस बच्चों में गम्हरी, सलना, अड़ेंगा और धनोरा जैसे गांव के बच्चे सर्वाधिक है। इन बच्चों को प्रतिदिन दूध, अंडा जैसे पोष्टिक आहार के अलावा विभिन्न विटामिन युक्त दवायें दी जाती है। केन्द्र के नोडल इमरान अख्तर ने बताया कि गंभीर रुप से कुपोषित 11 बच्चों को जिला अस्पताल भी रिफर किया गया और वे सभी वर्तमान में स्वस्थ है। केन्द्र में बच्चों के साथ आई माताओं को भी पोष्टिक आहार देने के अलावा स्वास्थ्य एवं साक्षरता संबंधी जानकारी भी दी जाती है। इसके साथ ही जिला कलेक्टर द्वारा बच्चों की माताओं को शाल, बच्चों के लिए स्वेटर एवं विटामिन युक्त दवाईयाँ भी वितरित की गई।इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ.एस.के.कनवर, महिला बाल विकास अधिकारी वरुण नागेष के अलावा प्रबंधक योगेष श्रीवास, नरेन्द्र सोनी एवं महिला एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 94255 98008