बिलासपुर की पहचान है राउत नाच महोत्सव – श्री भूपेश बघेल

बिलासपुर की पहचान है राउत नाच महोत्सव – श्री भूपेश बघेल*
43वें राउत नाच महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री
अजय शर्मा सबका संदेश ब्यूरो
बिलासपुर 5 दिसम्बर 2020। राउत नाच और काक्षन सोहाई तो पूरे प्रदेश में अलग अ हबलग जगहों में होता है लेकिन बिलासपुर में इसका भव्य आयोजन करते हुए इसे महोत्सव की तरह मनाया जाता है। बिलासपुर का राउत नाच महोत्सव प्रदेश में ही नहीं प्रदेश के बाहर भी अपनी खासियत के लिए जाना जाता है। यह महोत्सव बिलासपुर की पहचान है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज 43वें राउत नाच महोत्सव का शुभारंभ करते हुए यह बात कही।
श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राउत नाचा उत्सव की शुरूआत छोेटे से बाजार के रूप में हुई लेकिन पूर्व मंत्री स्व. श्री बी.आर.यादव एवं श्री कालीचरण यादव के प्रयासों से यह महोत्सव 43वें वर्ष में आ पहुंचा है। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के समय से ही गौ-पालन प्रचलित है। गौ का महत्व धार्मिक पुराणों में भी मिलता है लेकिन वर्तमान समय में देश में गायों की दुर्दशा हो रही है साथ ही चरवाहों की स्थिति भी खराब हो रही है। इनकी दुर्दशा को रोकने के लिए छ.ग.सरकार ने गोठान की व्यवस्था और चरवाहांे की व्यवस्था बनाई है। गोठान में चारा, पानी, चरवाहे की व्यवस्था के साथ साथ गोबर खरीदने की शुरूआत भी छत्तीसगढ़ में की गई। आज सरकार 2 रूपये किलो में गोबर खरीद रही है और 1 रूपये किलों में चावल गरीबों को दिया जा रहा है। गोठानों में उपलब्ध गोबर को बेचकर आज चरवाहे हजारों कमा रहे है। यह उनके आय का स्त्रोत बन गया है। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाकर महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है। रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से जैविक खेती की ओर बढेंगे और बीमारी से दूर होंगे। इस सोच के साथ छत्तीसगढ़ सरकार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राउत नाच महोत्सव का यह 43वां वर्ष यह सतत रूप से चलता रहे इसकी व्यवस्था भी की जायेगी। उन्होंने महोत्सव में भाग लेेने वाले प्रत्येक नर्तक दल को 5-5 हजार देने और पशु औषाधालय निर्माण की घोषणा की