Kondagaon- एशिया के सबसे बड़े काष्ठागार के अधिकारी ने फर्जी तरीके से मजदूरों के नाम पर किया बड़ी राशि का आहरण
कोण्डागांव। एशिया के सबसे बड़े लकड़ी डिपो में बताया जाने वाला कोण्डागांव डिपो के तत्कालीन काष्ठागार अधिकारी द्वारा एक बडी राशि का गबन कर सरकार को चुना लगाने का मामला प्रकाश में आया है। जिसमे काष्ठागार अधिकारी के द्वारा मजदूरों को मजदूरी देने के नाम पर फर्जी तरीके से अपना जेब भरने की जानकारी मिली है। मामले की जानकारी मिलने पर संबंधित अधिकारी का स्थानांतरण करके, जांच कराए जाने की बात सामने आई है।
ज्ञात हो कि दक्षिण कोण्डागांव वन मण्डल कोण्डागांव के अंतर्गत एशिया का एक सबसे बड़ा लकड़ी डिपो आता है, जिसमें पदस्थ तत्कालीन काष्ठागार अधिकारी द्वारा लेबर हट एवं अन्य निर्माण कार्यों में मजदूरों से मजदूरी कराना बताकर, उन मजदूरों के नाम से फर्जी बिल व्हाउचर दर्ज किया गया है, जिन्होंने कभी उक्त मजदूरी कार्य किया ही नहीं। ऐसे मजदूरों के नाम पर राशि गबन किए जाने का मामला का खुलासा तब हुआ जब आर.टी.आई. के माध्यम से जानकारी निकाली गई। मामले की शिकायत डीएफओ कोण्डागांव तक पहुंचने के बाद संबंधित काष्ठागार अधिकारी का ट्रांसफर कर व मामले के जांच करने की बात कही है।
मजदूरों को मजदूरी देने के नाम पर फर्जी बिल व्हाउचर से बडी राशि का आहरण करने का गोरखधंधा सामने आने पर संभवतः सूक्ष्मता से जांच किये जाने पर वन विभाग में और भी फर्जीवाडे सामने आ सकते है।
उल्लेखनीय हैं कि सूचना का अधिकार के तहत मिले दस्तावेज का अवलोकन करने तथा बिल व्हाउचर में दर्ज 30 मजदूरों से चर्चा करने पर यह बात सामने आई कि इन मजदूरों के द्वारा काष्ठागार (लकड़ी डिपो) में कभी मजदूरी का काम किया ही नहीं गया है। लेकिन काष्ठागार अधिकारी द्वारा उनके नामों का दुरूपयोग कर बडी रकमें निकाल ली गई है। इसकी जांच कर और दोषियों पर कार्यवाही भी होनी चाहिए। अब देखने वाली बात यह है कि डीएफओ द्वारा कितनी जल्दी उक्त गंभीर मामले की जांच कराई जाती है और मामला सही पाए जाने पर किस स्तर की कार्यवाही की जाएगी।