बिहार में पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर अब नई नीति के तहत होंगे, नीतीश सरकार ने पॉलिसी को दी मंजूरी
बिहार में सिपाही से इंस्पेक्टर तक के तबादले अब नए नियम के तहत ही होंगे। जनवरी से प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने इसी वर्ष नीति बनाई है। राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत अवधि पूर्ण होने के आधार पर तबादले की प्रक्रिया प्रत्येक वर्ष जनवरी से मई के बीच पूरी कर लेनी है। एडीजी विधि-व्यवस्था अमित कुमार ने तबादले को लेकर इकाई, रेंज और जिलों को पत्र लिखा है।
पुलिस में सिपाही से इंस्पेक्टर तक के पुलिसकर्मियों के तबादले छह तरह के होते हैं। अवधि पूर्ण, प्रोन्नति, अनुकंपा, प्रशासनिक और सेवानिवृति के आधार पर तबादले का प्रावधान है। अबतक इसके लिए कोई नीति नहीं थी।
जनवरी में शुरू हो जाएगी कार्रवाई
अवधि के आधार पर तबादले की कार्रवाई नई नीति के तहत जनवरी से शुरू होगी। अवधि पूर्ण होने की गिनती 31 दिसम्बर 2020 की तारीख से होगी। सिपाही से इंस्पेक्टर तक के लिए जिला में 6साल, रेंज में 8साल और जोन में 10 साल की अवधि तय है। वहीं इकाई जहां तैनाती की समय सीमा स्पष्ट नहीं हो वहां 6 साल तक का नियम बनाया गया है। यानी किसी पुलिसकर्मी की जिला में अवधि 31 दिसम्बर 2020 तक 6 वर्ष हो गई है तो उसका तबादला जिले से बाहर होगा। यह रेंज और इकाई के मामल में भी लागू होगा।
योगदान नहीं देने पर नहीं मिलेगा वेतन
तबादला किन पुलिसकर्मियों का होना है, इसकी सूची 1 से 31 जनवरी तक बनाई जाएगी। इस दौरान इनका सेवाअभिलेख की तैयार होगा। 15 फरवरी तक इसे सक्षम अधिकारी तक भेज देना है। 15 अप्रैल तक तबादले का आदेश जारी होगा। वहीं नए स्थान पर 31 मई तक योगदान नहीं देने पर वेतन नहीं मिलेगा।
सभी जगह बराबर रिक्तियां रहेंगी
तबादला नीति में कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं। सिपाही से इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मियों की जितनी रिक्तियां होंगी, उसी हिसाब से जिला और इकाइयों में भी रिक्तियां रहेंगी। ऐसी नहीं होगा कि पटना में सिपाही व दारोगा के कम पद खाली हैं तो दूसरे जिले में इससे ज्यादा पद रिक्त होंगे। इसके अलावा तबादले के लिए वरीयता सूची बनेगी। इसमें वैसे पुलिसकर्मियों को वरीयता में ऊपर रखा जाएगा, जिनका सेवा अभिलेख स्वच्छ है। च्वाइस पोस्टिंग के भी पांच अवसर मिलेंगे। पर जहां एक दफे तैनाती हो चुकी है वहां किसी भी सूरत में दोबारा पोस्टिंग नहीं होगी।