एड्स दिवस पर रैली निकालकर दिया जागरूकता का संदेश: A rally on AIDS Day gave message of awareness
साल भर के भीतर मिले ग्यारह सौ ग्यारह एचआईवी संक्रमित
कोरोना काल के बावजूद 9400 संदेहियों की हुई जांच
भिलाई। दुर्ग जिले में साल भर के भीतर एक हजार एक सौ ग्यारह लोगों के एचआईवी संक्रमित होने का पता चला है। कोरोना काल के बावजूद 9 हजार 400 के करीब संदेहियों के नमूने की जांच से संक्रमितों का यह आंकड़ा सामने आया है। विश्व एड्स दिवस पर आज जिला मुख्यालय में रैली निकालकर एचआईवी संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूकता का संदेश दिया गया।
विश्व एड्स दिवस पर आज स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिला मुख्यालय दुर्ग में जनजागरुकता रैली निकाली गई। रैली का नेतृत्व जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ अनिल शुक्ला कर रहे थे। बीएसएनएल चौक से निकली यह रैली दुर्ग बस स्टैंड होकर जिला अस्पताल में समापन हुई। रैली में 6 एनजीओ ने भी अपनी सहभागिता दी। इस दौरान पम्पलेट वितरण के साथ ही एड्स से बचाव के संदेश देत हुए नारेबाजी की गई।
जिल एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ अनिल शक्ला ने बताया कि विश्व एड्स दिवस का आयोजन 1 दिसंबर 1988 से पूरे विश्व में हो रहा है। अभी तक एड्स का कोई इलाज नहीं निकला है। ऐसी स्थिति में सावधानी ही इसका इलाज है। यह कहना गलत नहीं होगा कि एड्स को लेकर सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।
गौरतलब रहे कि एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाये जाने के साथ लोगों को इससे बचने के प्रति जागरूक करने स्वास्थ्य विभाग कोई कसर नहीं छोड़ता। इसी कड़ी में संदेह के आधार पर लोगों की एचआईवी जांच की जाती है। 1 दिसंबर 2019 से 30 नवंबर 2020 के बीच दुर्ग जिले में 9 हजार 400 के लगभग लोगों की संदेह के आधार पर एचआईवी जांच की गई। इस बार कोरोना काल के चलते भी एचआईवी जांच का कार्य प्रभावित रहा। बावजूद इसके एक हजार एक सौ ग्यारह एचआईवी संक्रमितों का मिलना एड्स की भयावहता को स्वाभाविक तौर पर प्रदर्शित कर रहा है। ऐसे में इससे बचने के लिए सतर्कता बरतना ही जरूरी है। थोड़ी सी भी चूक किसी को भी एड्स रोगी बना सकता है।
106 मरीजों का एआरटी सेंटर में चल रहा उपचार
गत एक वर्ष के भीतर मिले एक हजार एक सौ ग्यारह एचआईवी संक्रमितों में से कुल 106 का उपचार दुर्ग जिला चिकित्सालय पर बनाए गए एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर में चल रहा है। इस सेंटर पर मरीजों का इलाज होता हैै, दवाईयां मिलती है और समय-समय पर काउंसिलिंग की भी व्यवस्था रहती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि एचआईवी संक्रमितों मरीज एआरटी की पूरी खुराक ले तो इस लाइलाज बीमारी के बावजूद लंबा जीवन जी सकता है। एड्स का पूरी तरह से इलाज अभी संभव नहीं है।