ड्रामेबाजी नहीं तो क्या है! राहुल गांधी के मजदूरों से मिलने पर वित्त मंत्री सीतारमण का तंज | Covid19 Nirmala Sitharaman calls Rahul Gandhi meeting with migrants in Delhi dramebaazi | nation – News in Hindi


वित्त मंत्री ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि बेहतर होता कि वे उनके साथ-साथ पैदल चलते और उनके सामान या उनके बच्चों को भी ढोते.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के प्रवासी श्रमिकों (Migrant Labourers) से मिलने कहा कि इसके बदले वे पैदल ही अपने घर जा रहे प्रवासी मजदूरों को रोककर और उनसे बातचीत कर उनके दुखों को बढ़ा रहे हैं.
कांग्रेस की आलोचना पर की टिप्पणी
सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद कहा कि सरकार इस मुद्दे के हल के लिए कांग्रेस सहित सभी दलों से सहयोग मांगेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों को पहले ही सूचित कर दिया है कि प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए लगभग 1,500 ट्रेनें उपलब्ध हैं. यह संबंधित राज्यों के अनुरोध पर आधारित है. उन्होंने आर्थिक पैकेज और प्रवासी श्रमिकों की मुश्किलों से निपटने के बारे में कांग्रेस की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर यह टिप्पणी की. उन्होंने आश्चर्य जताया कि कांग्रेस या उसके गठबंधन द्वारा शासित राज्य अधिक ट्रेनों के लिए क्यों नहीं अनुरोध कर रहे हैं और अपने प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने में मदद क्यों नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इसके बदले वे पैदल ही अपने घर जा रहे प्रवासी मजदूरों को रोककर और उनसे बातचीत कर उनके दुखों को बढ़ा रहे हैं. बेहतर होता कि वे उनके साथ-साथ पैदल चलते और उनके सामान या उनके बच्चों को भी ढोते.शनिवार को प्रवासी श्रमिकों से राहुल की मुलाकात पर किया था सवाल
वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा शनिवार को अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के एक समूह के साथ बातचीत किए जाने का जिक्र कर रही थीं. उन्होंने सवाल किया, ‘‘वे हमें ड्रामेबाज कह रहे हैं. कल प्रवासियों को रोककर और सड़क पर उनके साथ बातचीत करके और उनका समय बर्बाद करने से क्या हुआ? क्या वे ड्रामेबाज नहीं हैं?”
वित्त मंत्री ने कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में कांग्रेस ने कहा था कि सरकार का आर्थिक पैकेज प्रधानमंत्री द्वारा देश से किए गए वादे से काफी दूर है. उन्होंने इसे “जुमला पैकेज” करार दिया था. उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अनुरोध करती हूं कि हम जिम्मेदारी से बोलें और अपने प्रवासी कामगारों के साथ अधिक जिम्मेदारी से पेश आएं.” इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ 20 लाख करोड़ रुपये के फर्जी पैकेज के 80 फीसदी हिस्से की घोषणा… भारत कितने और कितने जुमले सहेगा क्योंकि दर्द, पीड़ा और परेशानी बढ़ रही है.’’
रमेश ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री जी, एक सरल सवाल. अगले छह महीनों में आप व्यवस्था में कितनी अतिरिक्त नकदी डाल रही हैं? घोषणाएं … ज्यादातर एक फरवरी को प्रस्तुत किए गए..बजट में शामिल हैं. फिर से पैकेजिंग का एक और उदाहरण.’’
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First published: May 17, 2020, 10:11 PM IST