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कोरोना काल खत्म होने के बाद दुर्ग को मिल सकती है नई ट्रेनें

तीसरे पिट लाइन का काम पूरा होने से लोगों में जागी उम्मीद

दुर्ग पलासा टे्रेन की बहुप्रतिक्षित मांग हो सकती है पूरी

भिलाई। कोरोना काल खत्म होने के बाद दुर्ग रेलवे स्टेशन से कुछ नई ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकता है। दो साल बाद तीसरे पिट लाइन का काम यहां पर पूरा हो गया है। इससे मरम्मत और साफ सफाई की दिक्कत दूर हो जाने से बहुप्रतीक्षित यात्री ट्रेनों के सौगात मिलने की उम्मीद अब जाग उठी है।

दुर्ग रेलवे स्टेशन पर तीसरे पिट लाइन के निर्माण का काम पूरा हो गया है। लगभग साढ़े 7 करोड़ से बने इस पिट लाइन का काम अक्टूबर 2018 में शुरू हुआ था। लेकिन काम की रफ्तार धीमी रहने से निर्माण पूरा होने में दो साल समय लग गया। कोरोना के चलते लगी लॉकडाउन में जब यात्री ट्रेनों का परिचालन लंबे समय के लिए स्थगित किया गया तो काम की रफ्तार बढ़ाकर तीसरे पिट लाइन को साकार कर लिया गया।  अब यात्री ट्रेनों के मरम्मत, ग्रीसिंग और साफ सफाई को लेकर जो दिक्कत दुर्ग स्टेशन पर बनी हुई थी वह खत्म हो गई है। इससे नये यात्री ट्रेनों को चलाये जाने में आसानी होगी।

गौरतलब रहे कि दुर्ग रेलवे स्टेशन के वाशिंग यार्ड में दो पिट लाइन की सुविधा लगभग 31 वर्षों से थी। इन दोनों पिट लाइन के बीच में एक होल्डिंग लाइन में तीसरे पिट टाइन का निर्माण शुरू किया गया था। दरअसल दुर्ग स्टेशन से बिलासपुर जोन की 11 यात्री ट्रेनें  शुरु होती है। इसके अलावा दूसरे जोन की दक्षिण बिहार, सारनाथ, पुरी इंटरसिटी तथा विशाखापटनम पैसेंजर भी यहां आकर वापस जाती है। इस तरह कुल 15 यात्री ट्रेनों की चेकिंग, मरम्मत, ग्रीसिंग और धुलाई दुर्ग स्टेशन के दो पिट लाइन में होती थी। एक ट्रेन की धुलाई व मरम्मत में औसतन 5 से 6 घंटे का समय लगने से दो की संख्या में उपलब्ध पिट लाइन से ट्रेनों की लेटलतीफी के दौरान दिक्कत होती थी। वहीं जनभावना के अनुरुप नई ट्रेनों को शुरू किया जाना संभव नहीं हो पा रहा था।

तीसरी पिट लाइन बन जाने से अब भिलाई-दुर्ग के लोगों की विभिन्न रूट पर ट्रेन चलाये जाने की बहुप्रतीक्षित मांगे पूरी होने की उम्मीद है। कोरोना काल खत्म होने के बाद इस संभावना पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की ओर से यात्री ट्रेनों के लिए होने वाली पहल को हमेशा से पिट लाइन को अभाव बताकर  रेलवे प्रशासन टाल मटोल करता रहा है।

लेकिन अब जब तीसरे पिट लाइन में कोरोनाकाल में चल रही स्पेशल ट्रेनों की मरम्मत और साफ सफाई शुरू हो चुकी है तो फिर स्थिति सामान्य होने पर भिलाई-दुर्ग को नई ट्रेनों की सौगात मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।

पलासा को मिल सकती है हरी झंडी

भिलाई-दुर्ग में आंध्रप्रदेश मूल के लोगों की बहुतायत है। इनके द्वारा दुर्ग से पलासा के लिए एक एक्सप्रेस ट्रेन चलाये जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। सांसद विजय बघेल ने भी संसद में इसके लिए रेलमंत्री से मांग रखी है। दुर्ग से रीवा के लिए भी सीधी ट्रेन की मांग काफी पुरानी है। दुर्ग से जगदलपुर के बीच सप्ताह में तीन दिन चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन दो साल पहले तीसरे पिट लाइन निर्माण शुरू होने पर स्थगित किया गया है। अब जब तीसरे पिट लाइन का काम पूरा हो चुका है तो आने वाले दिनों में इन ट्रेनों का लाभ स्थानीय यात्रियों को मिल सकता है।

नई तकनीक बचायेगी समय

दुर्ग स्टेशन पर बना तीसरा पिट लाइन अत्याधुनिक तकनीक का होने से ट्रेनों के मरम्मत व धुलाई में समय की बचत होगी। इस पिट लाइन में विकसित तकनीक के चलते ट्रेन की बोगियां ऊपर हो जाती है जिससे कर्मचारियों को खड़े-खड़े मरम्मत करने में आसानी हो रही है। जबकि पुरानी दोनों पिट लाइनें नीचे है जिसमें उतरकर कर्मचारियों को काम करना पड़ता है। इससे एक ट्रेन के रैक की मरम्मत और सफाई में लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगता है। जबकि नई पिट लाइन में इसके लिए महज 3 घंटे का समय लगेगा।

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