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सच्ची मोहब्बत : व्हील चेयर पर बैठा दूल्हा, मुस्कुराती दुल्हन ने रचाई शादी

कौन कहता है, प्यार सिर्फ एक नजर का होता है, अगर दिल से दिल मिले हों तो कोई मुसीबत प्यार करने वालों को जुदा नहीं कर सकती।  चंडीगढ़ के सेक्टर-28 के रिहैब सेंटर में 12 साल पुराने प्यार को बचाने के लिए अनामिका ने दिव्यांग राहुल का हाथ थामा। यह कोई सामान्य शादी नहीं बल्कि एक सच्चे प्यार की निशानी भी है।

अनामिका और राहुल की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। दोनों एक दूसरे को वर्ष 2000 से जानते थे। नौ साल की उम्र में फतेहगढ़ में एक-दूसरे के साथ पड़ोसी के रूप में दोनों की पहचान हुई थी। 2008 से दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। राहुल ने बताया कि किसी भी काम को करने से पहले वह अनामिका से जरूर मिलता था लेकिन 13 मार्च, 2016 का वह काला दिन उसके जीवन में आया। जब वह अनामिका से मिले बिना एएओ की परीक्षा देने निकल गया।

चंडीगढ़ के सेक्टर-28 के रिहैब सेंटर की संस्थापक और सीईओ निकी पी. कौर ने कहा कि इस साल ही जब राहुल को इंटरनेट से हमारे इस सेंटर के बारे में पता चला तो सितंबर में हमारे पास इलाज के लिए आए। राहुल अभी हाल ही में एक नौकरी पाने में भी कामयाब रहे।

राहुल ने बताया कि पिता सेना में थे और मां व बहन शिक्षिका हैं। उनके नौकरी पर जाने के बाद मैं घर पर अकेला ही रह जाता था। इस दौरान अनामिका मेरा ख्याल रखती थी। अनामिका ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार को शादी के लिए मनाया लेकिन उनके परिवार ने मना कर दिया था।

 

 

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