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उत्तर भारतीयों के महापर्व छठ के कारण बाजार में फिर लौटी रौनक, Due to Mahaparv Chhath of North Indians, the market returned again

भिलाई। मार्च के बाद कोरोना के कारण शांत सा माहौल के बाद कोरोना संक्रमण के कम होने के बाद उत्तर भारतीयों के महापर्व छठ को लेकर इस्पात नगरी सहित आसपास के शहरी क्षेत्र में जबर्दस्त उत्सव का माहौल देखने को मिल रहा है। इसके चलते दीपावली के बाद सुस्त पड़ी बाजार में फिर से रौनक लौट आई है। पूजन सामग्री के साथ कपड़े की दुकानों में छठ पर्वधारियों के चलते रौनक देखते बन रही है। नगरीय निकायों की ओर से पर्व की पवित्रता को देखते हुए तालाबों की सफाई के बाद पानी में एलम व चूना पावडर का छिड़काव किया जा रहा है। बिहार व उत्तरप्रदेश मूल के स्थानीय निवासियों द्वारा संतान की दीर्घायु तथा परिवार में सुख शांति और समृद्धि के लिए छठ महापर्व मनाया जा रहा है। चार दिनी इस पर्व का आगाज बुधवार को नहाय-खाय के विधान से शुरू हुआ। दूसरे दिन गुरूवार की शाम खरना का विधान व्रती महिलाओं द्वारा गुड़ से बनी खीर व रोटी खाकर किये।  इसके साथ ही इस पर्व में आवश्यक पारम्परिक पूजन सामग्री और फल व सब्जियों की खरीदी शुरू हो चुकी है। भिलाई के पावर हाउस स्थित नेताजी सुभाष सब्जी मंडी, सुपेला लक्ष्मी मार्केट सहित सेक्टर क्षेत्र के बाार रिसाली, मरोदा आदि में छठ पर्व में लगने वाले पूजन सामग्री की अस्थायी दुकानें सज गई है। इन दुकानों में व्रती परिवार खरीददारी के लिए उमड़ रहे हैं। छठ पर्वधारियों का परिवार इस पर्व के दौरान नये कपड़े पहनकर पूजा अर्चना में भाग लेता है। इस लिहाज से दीपावली के बाद फिर एक बार बाजारों में भीड़ बढऩे से रौनक दिखने लगा है। पावर हाउस, सुपेला, टाउनशिप के सभी प्रमुख मार्केट सहित भिलाई-3, चरोदा, जामुल व कुम्हारी का बाजार इन दिनों अच्छा खासा गुलजार हो उठा है। ज्ञातव्य हो कि भिलाई-दुर्ग में बिहार व उत्तरप्रदेश मूल के लोगों की तादाद काफी अधिक है जिसके कारण छठी मैया की पूजा और सूर्यदेव की उपासना का छठ पर्व यहां पर पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस पर्व में पवित्रता और शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसमें नगर निगम व नगर पालिकाएं कोई कसर नहीं छोड़ रही है।  विधायक व महापौर देवेन्द्र यादव के निर्देश पर आयक्त ऋतुराज रघुवंशी ने सभी छठ तालाबों में साफ सफाई के बाद जल शुद्धिकरण के लिए एलम व चूना पावडर का छिड़काव कराने का आदेश स्वास्थ्य विभाग को दे दिया है। तालाबों पर रौशनी की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। भिलाई-चरोदा निगम के द्वारा भी सभी छठ तालाबों की सफाई के बाद पानी की शुद्धता के लिए एलम व चूना डाला जा चुका है। निगम की महापौर चन्द्रकांता मांडले व आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर के निर्देश पर प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी अश्वनी चंद्राकर अपनी टीम के साथ सक्रिय है। कुम्हारी में पालिका अध्यक्ष राजेश्वर सोनकर और उपाध्यक्ष के. रविकुमार ने सभी छठतालाबों में साफ सफाई का कार्य पूरा लिया है।

आज शाम को नदी और तालाबों मे ंदिया जायेगा प्रथम अध्र्य

छठ महापर्व में व्रती परिवार अस्ताचल गामी और उदयाचल गामी सूर्यदेव को अध्र्य देते है। पहला अध्र्य 20 नवंबर की शाम को अस्ताचल गामी सूर्यदेव को दिया जाएगा। इसके लिए व्रती परिवार छठ तालाबों में पहुंचेंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार व्रती परिवार को भी सीमित संख्या में तालाब जाकर अध्र्य देने की अपील प्रशासन कर रहा है। सूर्यदेव को दूसरा अध्र्य 21 नवंबर की सुबह विधि विधान से अर्पित कर व्रत का समापन किया जाएगा। इस दौरान भी तालाबों में अनावश्यक भीड़ नहीं लगाने की अपील प्रशासन ने कर रखा है।

 

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