छत्तीसगढ़

कोरोना संक्रमण के मामूली लक्षण दिखने पर बच्चों की तुरंत जांच कराए -यूनीसेफ बच्चों का टीकाकरण नियमित रूप से करवायंे 

कोरोना संक्रमण के मामूली लक्षण दिखने पर बच्चों की तुरंत जांच कराए -यूनीसेफ
बच्चों का टीकाकरण नियमित रूप से करवायंे 
नारायणपुर 10 नवंबर 2020 – बच्चों को भी कोरोना संक्रमण होता है, भले ही इसका प्रतिशत कम हो,  बड़ों की तुलना में। लेकिन यदि वे संक्रमित हो गए तो उनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखते या हल्का बुखार, कफ, गले में खराश होगी। वे वाहक हो सकते हैं और बड़ों को विशेष कर बुजुर्गों को आसानी से संक्रमित कर सकते हैं। क्योंकि उनमें आपस में भावनात्मक लगाव अधिक होता है। इसलिए कोरोना के कम लक्षण वाले बच्चों के इलाज में भी देरी नहीं करना चाहिए। यूनीसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ श्रीधर ने बताया कि 2 साल से छोटे बच्चों, कम वजन के नवजात शिशु, मोटे बच्चों या जिन बच्चों को फेफड़े की या अन्य बीमारी हो उनमें भी कोरोना संक्रमण होने से अधिक जटिल समस्या हो जाती है। इसलिए बच्चों को संक्रमण से बचाना बहुत आावश्यक है।
      डॉ श्रीधर ने बताया कि बच्चे जब भी बाहर जाएं या बाहर के लोगों से बात करें तो मास्क सही तरीके से जरूर लगाएं। बच्चों को घर के सदस्यों के अलावा अन्य लोगों से या बीमार सदस्यों से 1 मीटर की दूरी रखना चाहिए। उन्हे 20 सेंकड तक अच्छी तरह से हाथ धोना भी सीखाना चाहिए। डॉ श्रीधर ने कहा कि ऐसे समय में बच्चों का निर्धारित टीकाकरण समय पर कराना होगा, एक भी वैक्सीन छूटनी नही चाहिए। वैक्सीन से मीजल्स, डिप्थीरिया, डायरिया, न्यूमोनिया, हिपेटाइटिस जैसी घातक बीमारियों से बचा जा सकता है।
     यूनीसेफ के अधिकारी ने बताया कि महामारी के दौरान बच्चे घर में रह रहे हैं फिर भी उन्हे शारीरिक गतिविधियां करते रहना चाहिए। बच्चों को भी बड़ों जैसा तनाव होता है। वे जब देखते हैं कि घर के बड़े सदस्य कोविड-19 से कैसे मुकाबला कर रहे हैं, तो वैसा ही व्यवहार वे भी करेंगे।

Related Articles

Back to top button