बीएसपी कर्मचारियों के बच्चों ने आईआईटी में बनाया सुरक्षित स्थान, Children of BSP employees made safe place in IIT
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों के मेधावी बच्चों ने बीएसपी के शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों एवं टाउनशिप के अन्य स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर एक ऊँची मंजिल तय करने में सफलता हासिल की है। विभिन्न स्कूलों के इन विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट शैक्षणिक भावना को अपना लक्ष्य बनाते हुए आईआईटी-जेईई एडवांस में क्वालीफाई कर देश भर के प्रतिष्ठित आईआईटी में प्रवेश हेतु अपने ज्ञान का लोहा मनवाते हुए, अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है। संयंत्र के उप महाप्रबंधक (मेकेनिकल, ब्लास्ट फर्नेस-8) एस के डोकानिया के सुपुत्र एवं डीपीएस, भिलाई से कक्षा-10वीं तक शिक्षा प्राप्त तन्मय डोकानिया ने आईआईटी में प्रवेश हेतु सफलता प्राप्त कर अखिल भारतीय स्तर पर 280 रैंक हासिल किया है। इसी के साथ तन्मय ने आईआईटी, मुंबई में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अपने प्रवेश के लिए योग्यता हासिल कर लिया। उनका एडमिशन देश के शीर्ष आईआईटी संस्थानों में से मुंबई में होने पर वह गौरवान्वित हैं। वह कहता हैं कि स्मार्ट वर्क के साथ कठिन परिश्रम वास्तव में सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि उनकी बड़ी बहन हर्षिता डोकानिया भी एक मेधावी छात्रा रही हैं और वर्तमान में एम्स रायपुर में अध्ययन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 10 घंटे के अध्ययन से मुझे आईआईटी में सीट हासिल करने में मदद मिली। बीएसपी के महाप्रबंधक (परचेस) संदीप चक्रवर्ती के सुपुत्र शास्वत चक्रवर्ती ने एआईआर-768 अर्जित किया है और आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग भौतिकी में बी टेक में प्रवेश हेतु पात्रता हासिल की है। पूर्व में डीपीएस, भिलाई से शिक्षा अर्जित किए शाश्वत भविष्य में शोधकर्ता सह-भौतिकी वैज्ञानिक बनना चाहता है। उन्हें लगता है कि हमें पढ़ाई को बोझ नहीं समझना चाहिए, बल्कि हमें इसे अपने हॉबी के रूप में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी माँ डॉ सोनाली चक्रवर्ती ने मुझे धार्मिक गं्रथों को पढऩा सीखाया और ज्ञान हासिल करने पर जोर दिया, अंक प्राप्त करने पर नहीं। विदित हो कि शास्वत अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के शतरंज खिलाड़ी हैं और उन्होंने खैरागढ़ विश्वविद्यालय से संगीत विशारद की उपाधि हासिल की है। संयंत्र के रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल में वरिष्ठ तकनीशियन के पद पर कार्यरत् अनिल कुमार मक्कड़ के सुपुत्र अमित कुमार मक्कड़, जिसने 944 एआईआर प्राप्त किया है, अपने कठिन परिश्रम को साझा करते हुए कहते हैं कि वे आल्टरनेट-डे 5 घंटे की ट्यूशनों के अलावा 6 से 8 घंटे समय के साथ समर्पित भाव से अध्ययन किया। उनका कहना है कि सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-10 में उनके शिक्षक बहुत ही अच्छे थे, विशेषकर अनूप सर जिन्होंने मुझे सीबीएसई की परीक्षाओं में 96 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने के लिए पर्याप्त अभ्यास करवाया। वे कहते हैं कि एसएसएस, सेक्टर-10 से प्राप्त विषय से संबंधित नोट्स ने मुझे महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया। सप्ताह के दौरान स्व-अध्ययन और थोड़ी बहुत इन्टरटेनमेंट चैनलों को देखना और सप्ताहांत में संगीत सुनना मेरी आईआईटी की तैयारी में संतुलन बनाने में मदद की। इसी प्रकार संयंत्र के उप महाप्रबंधक (एचआरडी) संजीव श्रीवास्तव के सुुपुत्र सूर्यांश श्रीवास्तव ने डीपीएस, भिलाई से शिक्षा ग्रहण के पश्चात् कोटा में गहन अध्ययन के माध्यम से जेईई के लिए तैयारी करके अपना मंजिल प्राप्त कर लिया। वे अपने चयन की तैयारी के लिए कोटा के प्रति आभार मानते हैं। ज्ञात हो कि सूर्यांश एनटीएसई स्कॉलर और किशोर विज्ञान पुरस्कार योजना प्राप्तकर्ता होने के साथ ही खगोल विज्ञान ओलंपियाड के भी विजेता रहे। वे प्रौद्योगिकी के बड़े इन्स्टीट्यूट से पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा पूरी करने की इच्छा रखते हैं। वह एक उत्साही फुटबॉल खिलाड़ी और गिटार वादन में भी निपुण हैं। सूर्यांश गहन अध्ययन और समय के संतुलन में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि एक उत्कृष्ट गु्रप और एक समुचित साप्ताहिक कार्यक्रम ने मुझे इस चुनौती को हासिल करने में मदद की। इसके अलावा डीपीएस, भिलाई से आईआईटी-जेईई एडवांस में बेहतर प्रदर्शन करने वाले सफल अन्य छात्रों में एन वी सुब्बाराव की सुपत्री-कीर्ति नोरी (एआईआर-1914)डॉ राजीव प्रिया के सुपुत्र आदित्य प्रिया (एआईआर-2238) अमित जैन के सुपुत्र आर्यव जैन (एआईआर-2685) शेख जाकीर के सुपुत्र अल्तमाश शेख (एआईआर-5025)सास्वत मोहंती के सुपुत्र प्रत्युष मोहंती (एआईआर-8526) सहित अभिषेक चन्द्रवंशी (ओबीसी-3327), संस्कृति चन्द्रा (ओबीसी-9206) एवं हिमानी खोब्रागड़े (एससी-1631) शामिल हैं। इसी प्रकार सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थियों में श्री गजाधर साहू के सुपत्र आकाश साहू (एआईआर-18339); श्री देवेन्द्र कुमार हरदाहा के सुपुत्र आयुष हरदाहा (एआईआर-24410); डीएव्ही, राजहरा से कृष्ण कुमार रामटेके के सुपुत्र आयुष रामटेके (एससी-2812); एवं शंकरा विद्यालय, सेक्टर-10 से संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वक्र्स) श्री राजीव सहगल के सुपुत्र जय सहगल (एआइआर-6193) सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त बीएसपी के सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-10 से बेहतर स्कोर करने वाले कुछ अन्य छात्र हैं, संयंत्र के सहायक प्रबंधक (परचेस) श्री पुरूषोत्तम जनबंधु के सुपुत्र रोहित जनबंधु (एआईआर-2801) एवं मास्टर ऑपरेटर (आरटीएनआर शॉप) श्री किशोर कुमार गुप्ता के सुपुत्र कुणाल गुप्ता (एआईआर-3447)। उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र के शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों और टाउनशिप के अन्य स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियाँ उच्च स्तर की है। इन स्कूलों में शिक्षाविदों की एक बेहतर और संतुलित टीम है जो विद्यार्थियों को ईमानदारी और कठिन परिश्रम के साथ शिक्षा प्रदान करते हैं। यही कारण है कि भिलाई राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षाधानी के नाम से विख्यात है। जहाँ वैश्विक स्तर का इस्पात निर्माण होता है, वहीं भिलाई में विद्यार्थियों को शैक्षणिक उत्कृष्टता के मापदंडों के अनुसार शिक्षा प्रदान की जाती है। यही वजह है कि भिलाई के स्कूलों से अध्ययन कर विद्यार्थी देश-विदेशों में श्रेष्ठता के साथ प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, शिक्षा जगत तथा अन्य क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय सेवाएँ प्रदान कर रहे हैंं।