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रायपुर : ई-न्यूजलेटर ‘शिक्षा के गोठ’ में तस्वीरों को टच करते ही मोबाइल में दिखेगा वीडियो

प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ई-न्यूजलेटर “शिक्षा के गोठ” नवंबर माह का अंक जारी किया गया है। ई-न्यूजलेटर के इस अंक की विशेषता यह है कि इसे इंटरैक्टिव पीडीएफ के फॉर्मेट में उपलब्ध कराया गया है। जिसमें इवेंट पेज पर तस्वीरों को टच करते ही वीडियो मोबाइल में सीधा प्ले होने लगेगी। इस अंक की विशेषता यह है कि नवाचारी गतिविधियों में जिला सूरजपुर से मिस्ड कॉल गुरूजी, सुकमा से मोटर सायकल गुरूजी, दुर्ग से सोयाबड़ी ब्लैकबोर्ड, बलौदाबाजार से कबाड़ से जुगाड़, जांजगीर-चांपा से समर्पण मंच को विशेष स्थान दिया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और एससीईआरटी के संचालक श्री डी. राहुल वेंकट ने कोविड-19 जैसे महामारी के समय विषम परिस्थितियों के बावजूद पूरी लगन एवं मेहनत से बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को बधाई दी है। छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर को छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का शुभारंभ सांसद श्री राहुल गांधी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कर कमलों से किया गया।
विभाग द्वारा संचालित पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल में विगत माह की तुलना में आठ फीसदी वृद्धि हुई है। रायगढ़, राजनांदगांव एवं जांजगीर-चाम्पा जिले ने सबसे अधिक ऑनलाइन कक्षा का आयोजन किया है। उल्लेखनीय है कि ऑनलाइन कक्षा की तुलना में मोहल्ला कक्षा में 65 फीसदी बच्चे जुड़े। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में जहां मोबाइल व इंटरनेट नहीं है वहां के छात्र-छात्राओं को भी पढ़ाने के लिए नीतियां बनाई जा रही है। महामारी के दौरान सीखने में निरंतरता पर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के एक आलेख को शामिल किया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शिक्षकों को नई तकनीक से बेहतर उपयोग के लिए कई प्रकार के वेबीनार आयोजित किए गए। उनमे से एक वेबीनार ऑग्मेंटेड रिएलिटी और वर्चुअल रिएलिटी पर आयोजित किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप कुछ शिक्षकों ने इस तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य उस सूची में शामिल हो गया है जहां के शिक्षक ऑग्मेंटेड रिएलिटी का उपयोग करने का प्रयास शुरू कर दिया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि विभाग के महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक पढ़ई तुंहर दुआर की भारत सरकार के नीति आयोग ने भी प्रशंसा की है।

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