छत्तीसगढ़

करवा चौथ के लिए को पूरे छत्तीसगढ़ के साथ मुंगेली के बाजारों में रौनक दिखने लगी

करवा चौथ के लिए को पूरे छत्तीसगढ़ के साथ मुंगेली के बाजारों में रौनक दिखने लगी है।कोरोना काल के बावजूद लोग बाजारों में खरीददारी करते नजर आये। करवा चौथ का व्रत पहले छत्तीसगढ़ में कम लोग ही मनाते थे। लेकिन अब टीवी सीरियल और दूसरे माध्यमों के जरिए छत्तीसगढ़ में भी करवा चौथ मनाने का प्रचलन अब बढ़ गया है।
करवा चौथ को लेकर बाजारों में पूजा सामाग्री भी मिलने लगी है।करवा चौथ को लेकर लोगों ने ।पूजन सामग्री खरीदारी अच्छी हो रही है। करवा चौथ के व्रत में चंदन, शहद, अगरबत्ती, फूल, कच्चा दूध, शक्कर, घी, दही, मिठाई, गंगाजल, कुमकुम, चावल, सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चुनरी, मिट्टी का करवा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी इत्यादि सामान बाजार में मिल जाते हे

करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस व्रत में शिव परिवार सहित चंद्र देवता की पूजा की जाती है।करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए काफी खास होता है। इस दिन का महिलाएं बेसब्री से इंतजार करती हैं। इस व्रत को रखने के पीछे महिलाओं का मकसद पति की लंबी उम्र की कामना होती है। करवा चौथ के इस व्रत को चंद्रोदय के बाद तोड़ा जाता है। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ती होती है।करवा चौथ के व्रत के लिए पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से शाम 7 बजे तक रहेगा. इसके बाद रात 8 बजकर 11 मिनट में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद महिलाएं करवा चौथ का यह व्रत तोड़ती हैं।
मनीष नामदेव मुंगेली

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