जीवन को सरल एवं सहज बनाना ही जीवन कौशल है-सेजल जोशी
खेल-खेल में युवाओं ने सीखा जीवन कौशल
जीवन को सरल एवं सहज बनाना ही जीवन कौशल है-सेजल जोशी
जीवन कौशल प्रशिक्षण में 40 युवाओं ने लिया हिस्सा, दुर्ग सहित पांच जिलों के 11 टीओटी भी शामिल
दुर्ग:- नेहरू युवा केन्द्र दुर्ग युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार एवं यूनीसेफ के संयुक्त तत्वाधान में दुर्ग के होटल शीला में 3 दिवसीय जीवन कौशल प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में दुर्ग, धमतरी, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कांकेर के लगभग 40 युवाओं ने हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में गुजरात से यूनीसेफ के मास्टर ट्रैनर चिन्मयी जोशी सेजल जी व गौरव ठक्कर जी विशेष तौर पर उपस्थित थे एवं साथ ही यूनीसेफ की शिशु सुरक्षा सलाहकार नेहा सिंह, नेहरू युवा केन्द्र रायपुर डिवाइसी एवं नोडल अधिकारी अर्पित तिवारी, नेहरू युवा केन्द्र दुर्ग के डीवाईसी नितिन शर्मा जी एवं राज्य परियोजना सहायक राकेश भारती गोस्वामी जी भी मौजूद थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जीवन कौशल एवं लिंग समानता विषय पर युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। सम्मिलित प्रतिभागी युवाओं को खेल एवं विभिन्न गतिविधियों के द्वारा जीवन कौशल के दस आयामों व लिंग भेद की बारीकियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
यूनीसेफ की सलाहकार नेहा सिंह जी ने बताया कि छग के ग्रामीण युवाओं में क्षमता संवर्धन एवं जागरूकता के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया था। इन युवाओं को मानव संसाधन के रूप में सहयोग लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लिंग भेद, माहवारी स्वच्छता जागरूकता, घरेलू हिंसा एवं जीवन कौशल सहित विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण देकर उन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाएगा।
मास्टर ट्रेनर सेजल जी ने बताया ने बताया कि जीवन को सरल एवं सहज बनाना ही जीवन कौशल है। युवाओं के अंतर्मन में आत्म जागरूकता का दीपक जलाने का कार्य इस प्रशिक्षण के माध्यम से किया गया है, अब युवाओं को अपनी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ इस दीपक को निरन्तर जलाए रखने व इसके उजियाले को अपने क्षेत्र में फैलाने का कार्य करना है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि युवाओ को इस कार्य मे आने वाली बाधाओं को दूर करने में पूरी तकनीकी सहायता करेंगी।
मास्टर ट्रेनर गौरव ठक्कर जी ने प्रशंसा करते हुए कहा कि छग के युवाओं में समाज में परिवर्तन लाने की ललक है, साथ ही एनर्जेटिक और कार्य के प्रति उत्साहित है।
नेहरू युवा केंद्र रायपुर के डिवाइसी एवं नोडल अधिकारी अर्पित तिवारी जी ने जानकारी देते हुए बताया कि यूनीसेफ के इस परियोजना को छग के 11 जिलों में संचालित किया जाएगा। जिसके तहत यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की जा रही है। उस कार्यक्रम के अंतर्गत स्थानीय संसाधन उपलब्ध कराकर परियोजना को अन्तिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जायेगा।
नेहरू युवा केन्द्र दुर्ग के डीवाईसी नितिन शर्मा जी ने प्रशिक्षकों का आभार करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण युवाओं को जीवन जीने का नया नज़रिया दिया है। यह प्रशिक्षण समाज में बदलाव लाने में बेहतर सहयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा प्रशिक्षित युवासाथी स्वयं के साथ अन्य लोगों को जागरूक कर सामाजिक उत्थान में योगदान देंगे।
धमतरी जिले से प्रतिभागी शिल्पा ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान पूर्व प्राप्त जानकारियों को बारीकियों से समझा है। अब हम इन जानकारियों को बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचा सकने में सक्षम है।
दुर्ग की प्रतिभागी पलक ने प्रशिक्षण के दौरान का अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम था। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण ने ऐसी छोटी छोटी बातों पर विचार करने पर मजबूर कर दिया है जिसे हम ध्यान भी नहीं देते थे और सह लेते थे। लेकिन अब सहन न करके उसके खिलाफ बात करेंगे दूसरों को भी जागरूक करेंगें।
दुर्ग के प्रतिभागी यादवेंद्र साहू ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि अब तक हम सेमिनारों में सिर्फ सफलता और परिणामों के बारे में ही ज्यादा बात करते हैं लेकिन इस कार्यक्रम में विषय वस्तु की जानकारी के साथ लक्ष्य भी निर्धारित कर दी गई है जो हमें परिणाम तक पहुंचने में बहुत मदद करेगा, यह कार्यक्रम अपेक्षाकृत अधिक सफलतादायक होगा।
धमतरी की प्रतिभागी रमा जी ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से सेल्फ अवेयरनेस एवं एम्पथी पर विशेष रुप से चर्चा की गई जो कि सभी के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि हम जब तक स्वयं को लेकर जागरूक नहीं होंगे तब तक समाज की समस्याओं पर समानुभाव महसूस नहीं कर पाएंगे।
प्रतिभागी सत्येंद्र साहू ने गौरवान्वित महसूस करते हुए कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे अमूल्य अनुभव है जिसमे स्वयं को जागरूक करने का तरीका सीखा, जिससे अब हम अपनी बात को समाज के समक्ष मजबूती से रख सकते हैं।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में नेहरू युवा केन्द्र संगठन के राज्य प्रशिक्षक जितेंद्र सोनी, आदित्य भारद्वाज, गीतांशु, गिरजाशंकर, चंद्रकांत, अनिल, आशीष सहित समस्त राष्ट्रीय स्वयंसेवकों व प्रतिभागियों का विशेष योगदान था।