सूचना का अधिकार को बकावंड के सीईओ उड़ा रहे धज्जियां

सूचना का अधिकार को बकावंड के सीईओ उड़ा रहे धज्जियां
राजा ध्रुव।जगदलपुर – शासकीय कार्य में पारदर्शिता के लिए सरकार ने आम आदमी को सूचना का अधिकार की ताकत दे रकी है ताकि आपने हक और जनकल्याणकारी योजनाओं के सम्बन्ध में विभागों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया की जानकारी हर व्यक्ति तक पहुंच सके लेकिन सबोधित विभागों द्वारा सरकार के इस आतिमहत्वपूर्ण आधिनियाम की धज्जियां उड़ाते हुए उसकी परदशिता पूर्ण सोच पर ग्रहण लगाया जा रहा है शासकीय कार्य और जनहित की योजनाओं के क्रियान्वयन के नाम पर हितग्राही के बजाय खुद का विकास करने में लगे हैं वैसे तो बात इसकी धाज्जिया उड़ाने वालो की करे तो सबसे पहले नाम ग्राम पंचायतो और उनके गोलमाल में साथ निभाने वालो जनपद पंचायतों का है सूचना का अधिकार के अंतर्गत दिए जाने वाले आवेदन को कागज का टुकड़ा समझने वालो में शासन की सबसे जमीनी व्यवस्था ग्राम पंचायतो शामिल है जहां के सरपंच और सचिव विकास के नाम पर किए गए गोल माल की पोल खुले जाने के डर से या तो आवेदन लेने से बचते रहते है और गलती से कहीं यदि आवेदन लेे भी लिया तो उसका तय सीमा में जवाब देना उचित नही समझते है हम बात कर रहे है जनपद पंचायत बकावंड के सीईओ की जो हमेशा की तरह अनेक कारनामे के चलते अखबारो में छाए रहते हैं कभी भ्रष्टाचारी की लीपा पोती में तो कभी सीईओ अपने बेटे के नाम से फर्जी फॉर्म बना कर मटेरियल सप्लाई करते। इस बार तो सूचना का अधिकार के आवेदन को मजाक बनाने का कारनामा।बकावंड जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत धोबीगुडा ने किया है। जी है बकावंड जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारी जिम्मेदार भी बना रहे है मजाक मानो यह कोई कानून नही बस तोते की तरह रट लगे है खारिज कर दो। इन्हे लगता है कानून कुछ नहीं कर सकता दरअसल जनपद पंचायत बकावंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत धोबीगुडा में 14 वित्त आयोग योजना की आय व्याय केश बुक की जानकारी लेने के लिए आवेदक राजा ध्रुव ने 28 अगस्त 2020 को सूचना का अधिकार पत्रचार पोस्ट के माध्यम से राजिस्ट्री करवा गया था जहा पर 30 दिन बीत जाने के बाद आवेदक ने 7 अक्टूबर को प्रथम अपील जनपद पंचायत सीईओ के समक्ष किया बकायदा बकावंड जनपद पंचायत सीईओ ने दिन निर्धारित कर 23 अक्टूबर को दोनों पक्षों को उपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया जिस पर आवेदक और सचिव उपस्थित हुए पर प्रथम अपीलीय अधिकारी मौजूद नहीं रहे जिसे जनपद पंचायत के बाबू श्रीवास्तव के द्वारा अपील सुनवाई के तौर पर सचिव के पक्ष लेकर आवेदक को बताया गया ग्राम पंचायत में ऐसी कोई आवेदन पत्रचार नही मिला है कहकर आवेदक को पोस्ट की रजिस्ट्री करवा गया पावती लाने को कहा गया जिस पर आवेदक को 7 दिन का टाइम दिया गया फिर आवेदक ने सात दिन के अंदर प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जिस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी ने आवेदक को गुमराह करते हुए ग्राम पंचायत जनसूचना अधिकारी को सूचना का अधिकार के तहत पत्रचार नही मिला है जब आवेदक ने बताया ग्राम पंचायत धोबीगुडा के सरपंच ने पत्रचार लिया है तो मुख्य
कार्यपालन अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारी ने नकारते हुए कहा जनसूचना अधिकारी को नहीं मिला है कह कर आवेदक को गुमराह किया जा रहा है। बस रट लगा है खारिज कर दो। जब उनसे पूछा गया खारिज क्यों कर रहे हो तो कहने लगे मेरी मर्जी में प्रथम अपील
अधिकारी हूं में कुछ भी करू। जब प्रथम अपीलीय अधिकारी सूचना का अधिकार के धज्जियां उड़ा रहे है तो जाहिर सी बात है भ्रष्टाचार के लीपा पोती में शामिल हो कर विकास के नाम पर भ्रष्टाचारी कर रहे हैं। सिर्फ कागज पर विकास हो रही है