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दूर नहीं हो पा रही मिनी स्टेडियम निर्माण की बाधा, The obstacle of mini stadium construction could not be overcome

भिलाई । दो दशक से अधूरे पड़े भिलाई-3 के मिनी स्टेडियम के निर्माण की बाधा दूर नहीं हो पा रही है। इस अधूरे मिनी स्टेडियम के निर्माण को गति देने की राह में कुंदरापारा बस्ती एक बड़ी बाधा है। इस बाधा को दूर करते हुए कुछ खास कर गुजरने का जज्बा भिलाई-चरोदा नगर निगम प्रशासन में दिख नहीं रहा है। कुंदरापारा बस्ती को सितंबर में हटा लिया जाना चाहिए था, पर अक्टूबर का महीना बीत गया है।

भिलाई-3 के मिनी स्टेडियम को पूर्णता प्रदान करने समीप की कुंदरापारा बस्ती को कब्जामुक्त किया जाना जरुरी है। बस्ती के लोगों को उमदा में नवनिर्मित प्रधानमंत्री आवास कालोनी में आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने की योजना निगम ने काफी पहले से बना रखी है। इसके लिए 30 सितंबर से पहले बस्ती वालों को अपना-अपना कब्जा खाली करने का नोटिस निगम ने दिया था। लेकिन लगता है नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों में शहर के विकास के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा बचा नहीं रह गया है। सितंबर तक की गई मोहलत के बावजूद अक्टूबर खत्म हो जाने पर भी कुंदरापारा बस्ती को कब्जामुक्त कराने के प्रति अधिकारियों की दिलचश्पी गायब रहना इस बात का स्पष्ट संकेत दे रहा है।

गौरतलब रहे कि भिलाई-3 में फोरलेन सडक़ के किनारे राममंदिर के समीप वर्ष 1998 में मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य तात्कालीन साडा द्वारा शुरू किया गया था। इसके लिए उस वक्त कुंदरापारा बस्ती को हटाकर वहां रहने वालों को विश्व बैंक कालोनी में व्यवस्थापन के तहत आवास अथवा भूखंड आबंटित किए गए थे। लेकिन साडा भंग होने के बाद स्वतंत्र निकाय बनने के साथ ही मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य थम सा गया और देखते देखते खाली कराई गई जमीन पर फिर से एक नया कुंदरापारा बस गया। नगर पालिका रहते स्टेडियम निर्माण के नाम पर कुछ दुकानों का निर्माण जरुर किया गया और इससे निकाय के लिए अतिरिक्त आय की व्यवस्था हो गई। लेकिन स्थानीय खिलाडिय़ों को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल पाया।

यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि बीते जून महीने में दुर्ग कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र का दौरा किया था। इस दौरान अधिकारियों ने कलेक्टर को उमदा वार्ड में बने प्रधानमंत्री आवास कालोनी का निरीक्षण कराया था। कलेक्टर ने निर्माण पूरा हो जाने के बावजूद प्रधानमंत्री आवास को आबंटित नहीं किए जाने के बारे में प्रश्न किया। इस पर अधिकारियों ने कुंदरापारा बस्ती के लगभग दो सौ परिवार को उमदा में बने प्रधानमंत्री आवास में बसाने और जमीन के कब्जा मुक्त होने पर अधूरे मिनी स्टेडियम के निर्माण को गति दिए जाने की प्रस्तावित योजना की जानकारी दी। तब कलेक्टर ने तत्काल नोटिस जारी कर कुंदरापारा बस्ती को खाली कराने का निर्देश दिया। लेकिन बारिश के मौसम का हवाला देकर राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद कुंदरापारा वालों को 30 सितंबर तक हर हाल में कब्जा छोडऩे की चेतावनी दी गई थी।

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